स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के 100 प्रतिष्ठित धरोहर, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जगहों को ध्यान में रखते हुए विशेष सफाई योजना की शुरुआत करने का फैसला किया गया है। इन 100 जगहों की सूची को अंतिम रूप देने पर बातचीत चल रही है और जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा।इस योजना को शुरु करने की पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में की गई है। इस योजना की शुरुआत पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की देखरेख में की गई है। शहरी विकास मंत्रालय, सांस्कृतिक मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकार इसमें सहयोग करेगी।देश के इन 100 जगहों को आदर्श पर्यटन स्थल बनाना इस अभियान की शुरुआत का लक्ष्य है, जिससे देश और विदेश से आनेवाले पर्यटक बेहतर अनुभव करें।
इस योजना के प्रथम चरण के तहत निम्नलिखित प्रतिष्ठित जगहों को सफाई के लिए चुना गया है।
- वैष्णो देवी, जम्मू और कश्मीर
- छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, महाराष्ट्र
- ताजमहल, उत्तर प्रदेश
- तिरुपति मंदिर, आंध्र प्रदेश
- स्वर्ण मंदिर, पंजाब
- मणिकर्णिका घाट, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
- अजमेर शरीफ दरगाह, राजस्थान
- मीनाक्षी मंदिर, तमिलनाडु
- कामाख्या मंदिर, असम
- जगन्नाथ पुरी, ओडिशा
प्रथम चरण के सफाई अभियान से मिले अनुभव और सीख को बची हुई 90 जगहों की सफाई के दौरान शामिल किया जाएगा। राज्य की टीमों के साथ बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए उपरोक्त सभी राज्यों के मुख्य सचिव और सचिवों के साथ 31 मई को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बातचीत की गई। राज्य की टीमों ने वहां चल रहे सफाई कार्यों में हिस्सा लिया और इस कार्य में आ रही चुनौतियों की सूची बनाई।केंद्रीय मंत्रालय के सचिवों ने इस अभियान में राज्य सरकार को भरपूर तकनीकी सहयोग देने का वादा किया। साथ ही राज्य सरकार से भी केंद्र सरकार के तहत चल रहे सफाई अभियान जैसे स्वच्छ भारत मिशन और अटल मिशन में हर तरह से मदद देने का निवेदन किया जिससे परिवर्तन के लिए चलाया जा रहा ये अभियान सफल हो। राज्य सरकार के अधिकारियों से दो हफ्ते के भीतर इस सफाई अभियान की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया है।