मोदी सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद से युवाओं को रोजगार देने के लिए व्यापक स्तर पर बहुआयामी प्रयास किए गए हैं। इसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से लेकर स्टार्टअप इंडिया तक विविध प्रकार की योजनाएं सरकार द्वारा शुरू की गयी हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार फिलवक्त भारत दुनिया का सर्वाधिक युवा देश है। इनमें से अनेक युवाओं को रोजगार सम्बन्धी कौशल विकास करके रोजगार योग्य बनाने के लिए सरकार द्वारा न केवल कौशल विकास और स्किल इण्डिया जैसे अभियान शुरू किए गए हैं, बल्कि इन अभियानों की केन्द्रीय निगरानी के लिए अलग से ही एक कौशल विकास मंत्रालय भी स्थापित किया गया है।
मोदी सरकार द्वारा देश से बेरोजगारी को ख़त्म करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और उन प्रयासों का कुछ-कुछ असर भी दिखने लगा है। चूंकि समस्या बड़ी है, इसलिए पूरा असर दिखने में समय लगेगा। मगर, सरकार की दिशा और कार्ययोजना सही प्रतीत होती है, इसलिए आने वाले समय में देश से बेरोजगारी के खात्मे की उम्मीद की जा सकती है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 2022 तक 40.2 करोड़ युवाओं को रोजगार योग्य प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सबसे अच्छी बात ये है कि इस योजना से जुड़ने के लिए पूरी व्यवस्था एकदम तकनीक आधारित है। इसमें अनेक टेलिकॉम कंपनियों को सम्मिलित किया गया है, जो लोगों को मोबाइल सन्देश के माध्यम से इस योजना के विषय में सूचित करती हैं तथा जुड़ने के लिए एक नंबर देती हैं। उस नंबर पर मिस्ड कॉल करने के बाद व्यक्ति को कॉल जाएगी और उससे उसकी व्यक्तिगत जानकारी लेगी। फिर व्यक्ति को उसके क्षेत्र के प्रशिक्षण केंद्र से जोड़ लिया जाएगा। स्पष्ट है कि यह व्यवस्था पूरी तरह से आधुनिक और तकनीक आधारित है। इसमें न केवल प्रशिक्षुओं का जुड़ना सरल है, बल्कि किसी प्रकार के गड़बड़झाले की भी कोई गुंजाइश नहीं है।
इसके अतिरिक्त रोजगार सृजन की दिशा में मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी बेहद शानदार योजनाएं भी मोदी सरकार द्वारा सत्ता में आने के बाद आरम्भ की गयीं। मेक इंडिया के तहत विदेशी विनिर्माण कंपनियों को भारत में अपने प्लांट स्थापित कर यहीं उत्पादन करने की योजना रखी गयी है। इसके जरिये न केवल भारत को धुनिया का विनिर्माण-केंद्र बनाने बल्कि इसके जरिये रोजगार पैदा करने का भी लक्ष्य रखा गया है। यह एक दूरगामी प्रभाव की योजना है, जिसका बड़ा लाभ भविष्य में दिखाई दे सकता है। इसी तरह स्टार्ट अप इंडिया के तहत युवाओं को अपना उद्योग स्थापित करने के लिए क़र्ज़ देने, उनपर सरकारी नियामकों का बोझ कम करने जैसी व्यवस्थाएं रखी गयी हैं। इस योजना का मूल उद्देश्य है कि
इसके अलावा ग्रामीण रोजगार की योजना मनरेगा में भी मोदी सरकार द्वारा अनेक परिवर्तन लाए गए हैं तथा इसके क्रियान्वयन तंत्र को दुरुस्त किया गया है। इस प्रयास का असर भी हुआ है। हाल ही में आई एसबीआई इकोफ़्लैश की रिपोर्ट की मानें तो जो बेरोजगारी दर अगस्त 2016 में 9.5 प्रतिशत थी, अब घटकर 4.8 प्रतिशत पर आ गयी है। बेरोजगारी दर में इस कमी के लिए मनरेगा को प्रमुख कारक माना गया है। इन सब बातों को देखने पर स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार द्वारा देश से बेरोजगारी को ख़त्म करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और उन प्रयासों का कुछ-कुछ असर भी दिखने लगा है। चूंकि समस्या बड़ी है, इसलिए पूरा असर दिखने में समय लगेगा। मगर, सरकार की दिशा सही प्रतीत होती है, इसलिए आने वाले समय में देश से बेरोजगारी के खात्मे की उम्मीद की जा सकती है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)