शशि थरूर के इस बयान से अल्पसंख्यकों के बीच जो सन्देश भेजा जा रहा है, उसको समझना कोई कठिन काम नहीं है। मुस्लिम समाज को दिग्भ्रमित करके कांग्रेस उनके वोट बैंक को निशाना बना रही है, लेकिन अब लोकतंत्र में सब कुछ आईने की तरह साफ़ है। आप कुछ भी करते हैं, उसकी गूँज आपको बार-बार सुनाई देती है। कांग्रेस के दोहरे चरित्र को सब समझते हैं और अल्पसंख्यक भी अब अपने भले-बुरे की पहचान रखने लगे हैं।
देश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कुछ ऐसा कर रही है, जिससे उसकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी मुस्लिम समाज के नेताओं से मुलाकात करते हैं। उससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर कहते हैं कि बीजेपी को 2019 में वोट मत दो, वर्ना भारत “हिन्दू पाकिस्तान” बन जाएगा।
शशि थरूर के इस बयान पर कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया आती है लेकिन कामचलाऊ। 2019 चुनाव की घड़ी नजदीक आती जा रही है, ऐसे में उससे पहले दिए जा रहे इन बयानों को समझना जरूरी है। मगर मैं अभी इस बयान से थोड़ा-सा विषयांतर करते हुए एक अन्य विषय पर आपकी तवज्जो चाहूँगा।
पिछले दिनों कांग्रेस नेता शशि थरूर की एक किताब आई थी “व्हाई आई एम अ हिन्दू” या ‘मैं हिन्दू क्यों हूँ’। इस किताब को पढ़ने में मुझे एक महीने का समय लगा गया, इसलिए नहीं कि किताब बहुत ही सारगर्भित थी, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शशि थरूर पुस्तक के शुरूआती अध्यायों में जिस तरह सनातन धर्म और दर्शन की व्याख्या करने की कोशिश कर रहे थे, आगे के अध्यायों में उससे वह लगातार दिग्भ्रमित और विचलित होते प्रतीत होकर अपने राजनीतिक एजेंडे की ओर बढ़ते नजर आने लगे। और आखिर के कुछ अध्यायों तक पहुँचते-पहुँचते उम्मीद के मुताबिक वे पूरी तरह से राजनीतिक हो गए। जाहिर तौर पर यह किताब भी उनके राजनीतिक एजेंडे का ही एक हिस्सा प्रतीत हुई।
संदेह नहीं कि थरूर एक अच्छे लेखक हैं, पर वह अपने लेखक पर एक कांग्रेसी को हावी होने से रोक न सके। इस पुस्तक को पढ़ते हुए ऐसा लग रहा था कि वे संघ परिवार और भाजपा पर हमलावर होने के लिए बहुत समय पहले से पृष्ठभूमि तैयार कर रहे थे। ऐसे में, अभी जब दो दिन पहले थरूर ने “हिन्दू पाकिस्तान” की बात की तो मुझे यह बयान अचरज भरा बिलकुल नहीं लगा। उस किताब की ही तरह ये बयान भी उनके व उनके राजनीतिक दल के एजेंडे की अभिव्यक्ति लगता है।
वैसे शशि थरूर अक्सर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में आते रहे हैं। एक समय था कि वह अपने विवादित ट्वीट की वजह से इतने बदनाम हो गए थे कि उनको अपनी पार्टी के अंदर से भी लगातार डांट-फटकार मिलनी शुरू हो गई थी। अब उन्होंने नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया।
उन्होंने कहा कि 2019 में अगर बीजेपी जीत कर आती है, तो हिंदुस्तान एक “हिंदू पाकिस्तान” बन जाएगा। उनका यह भी कहना था कि अगर बीजेपी जीत कर आती है तो वह नए सिरे से संविधान को लिखेगी और जो अपना भारतीय संविधान है, उसको खत्म करने की कोशिश करेगी। शशि थरूर का यह भी कहना था कि अगर बीजेपी एक नया संविधान लिखती है तो हिंदुस्तान भी ठीक वैसा ही होगा जैसा आज का पाकिस्तान है जहां अल्पसंख्यकों की जिंदगी सुरक्षित नहीं है।
आपको याद होगा कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की थी। अब फिर लोकसभा चुनाव आने को है और कांग्रेस अपना वही सुर पकड़ने लगी है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसपर कहा कि शशि थरूर ने हिंदुओं का अपमान किया इसलिए राहुल गांधी थरूर की तरफ से माफी मांगे। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि गुजरात में ‘जनेऊधारी हिन्दू’ के रूप में अवतरित हुए राहुल गांधी अब शायद अपना जनेऊ उतार चुके हैं, इसीलिए ऐसे बयानों पर खामोश हैं।
शशि थरूर के इस बयान से अल्पसंख्यकों के बीच जो सन्देश भेजा जा रहा है, उसको समझना कोई कठिन काम नहीं है। मुस्लिम समाज को दिग्भ्रमित करके कांग्रेस उनके वोट बैंक को निशाना बना रही है, लेकिन लोकतंत्र में सब कुछ आईने की तरह साफ़ है, आप कुछ भी करते हैं, उसकी गूँज आपको बार-बार सुनाई देती है। कांग्रेस के दोहरे चरित्र को सब समझते हैं और अल्पसंख्यक भी अब अपने भले-बुरे की पहचान रखने लगे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)