भारतीय वायुसेना के इस पराक्रम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार आतंकवाद को खत्म करने के लिए संकल्पित है। देशवासियों को भी अब यकीन हो गया है कि यह ‘मोदी का न्यू इंडिया है, जो घर में घुसेगा भी और मारेगा भी।’ वायुसेना की इस वीरता ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि मोदी के नेतृत्व में हम पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने में सक्षम हैं।
बीते 14 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में दहशतगर्दों द्वारा सीआरपीएफ़ जवानों पर कायरना हमले के बाद पूरा देश आक्रोशित था और देशवासियों के भीतर क्रोध व्याप्त था। हर देशभक्त यह चाहता था कि इसका बदला लिया जाए और आतंकवाद को संरक्षण देने वाले हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान को उसकी ही शैली में जवाब दिया जाए। पुलवामा हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे और हमले के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि आतंकवादियों ने भारी गलती कर दी है और इसका पूरा हिसाब होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को आश्वस्त किया था कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने 12 दिन के बाद ही पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर कड़ी कार्यवाई करते हुए नियंत्रण रेखा के पार जाकर पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर उनके नकारात्मक मंसूबों पर विराम लगा दिया।
भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने इस कार्यवाई को अंजाम दिया। 21 मिनट तक चले इस एयर स्ट्राइक में सेना ने बालाकोट, चकोटी, मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने तबाह कर दिये। भारतीय वायुसेना की इस आतंक विरोधी कार्यवाई में जैश कमांडर युसुफ अजहर समेत अन्य आतंकी ढेर हुए। अगर आंकड़ों की मानें तो 200-300 आतंकवादियों को भारतीय सेना ने ढेर कर दिया है।
गौरतलब है कि भारत में होने वाले अधिकतर आतंकवादी हमलों को जैश-ए-मोहम्मद ही अंजाम देता रहा है और हाल ही में हुए सीआरपीएफ़ जवानों पर हमले में जैश के आतंकवादियों का ही हाथ था। इस लिहाज से भी भारतीय वायुसेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है और उसने जैश के मुख्य आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर ना सिर्फ दहशतगर्दों को बल्कि इन्हें पनाह देने वाले आतंक समर्थक पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश दिया है कि यदि तुमने आतंकवादियों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इस दिशा में भारत काम करेगा और आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचा देगा।
इस स्ट्राइक की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के सचिव विजय गोखले ने बताया कि जैश के आतंकियों ने पुलवामा में हमला किया था जिसमें हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि हमने निरंतर पाकिस्तान को जैश की सक्रियता की जानकारी दी लेकिन बावजूद इसके उसने कोई कदम इस ओर नहीं उठाए थे। विदेश मंत्रालय की मानें तो इंटेलिजेंस के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद देश में कई फिदायीन हमलों को अंजाम देने की फिराक में था और अपनी सुरक्षा को सर्वप्रथम रखते हुए हमने आतंकियों को निशाना बनाया।
ज्ञात हो कि पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर ही भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए सबसे पहले उससे ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा छिन लिया और सिंधु नदी से जाने वाले पानी को रोकने का निर्णय किया। इसके अतिरिक्त कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाने का निर्णय लेकर भारत ने स्पष्ट कर दिया कि चाहे कोई भी हो अगर वह आतंकवाद को समर्थन देगा तो उसपर गंभीर कार्यवाई की जाएगी।
बहरहाल, इस हमले के बाद तिलमिलाए हुए पाकिस्तान ने भी गीदड़ भभकी दी है। पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पहले तो झूठ का सहारा लेते हुए खुद को शांतिप्रिय देश बता दिया और फिर कहा कि हमले से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है हम ऐसे किसी भी हमले का जवाब देने में सक्षम हैं। खैर, इससे पहले तो पाकिस्तान ने उरी की भांति इस बार भी ऐसे किसी हमले से इंकार कर दिया। लेकिन सच सामने आते ही उसे इस हमले को स्वीकारना पड़ा।
भारतीय वायुसेना के इस पराक्रम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार आतंकवाद को खत्म करने के लिए संकल्पित है। देशवासियों को भी अब यकीन हो गया है कि यह ‘मोदी का न्यू इंडिया है, जो घर में घुसेगा भी और मारेगा भी।’ वायुसेना की इस वीरता ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि मोदी के नेतृत्व में हम पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने में सक्षम हैं।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)