अमित शाह जिस सोच और लक्ष्य को लेकर देशभर में घूम रहे हैं, उसे उत्तराखंड में उनके प्रवास के दौरान आसानी से अनुभव किया गया। उनके तेवरों से स्पष्ट था कि प्रचंड बहुमत का अर्थ आराम व बेफिक्री से नहीं है। अपितु और अधिक जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है। मंडल स्तर तक के कार्यकर्ताओं की बैठक में अमित भाई ने इस बढ़ी हुई जिम्मेदारी का सबको एहसास कराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जनता ने तीन चौथाई बहुमत दिया है और अब उत्तराखंड को मॉडल स्टेट बनाने का दायित्व हम सबका है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य के विकास के साथ-साथ भाजपा को आगे बढ़ाने का काम करना होगा। एक-एक बूथ को मजबूत करना होगा।
देश के सभी राज्यों के प्रवास कार्यक्रमों के अंतिम चरण में देवभूमि उत्तराखंड पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार कर गए, अपितु उनका दो दिवसीय दौरा एक मिसाल के रूप में भी कायम हो गया। राजधानी देहरादून में अपने 38 घंटे के प्रवास में अमित भाई सांस लेने की फुर्सत में नहीं दिखे और ताबड़तोड़ तरीके से करीब 2 दर्जन कार्यक्रम निबटाए। पार्टी की सबसे छोटी इकाई ‘मंडल’ के कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ नेताओं तक संवाद किया। सरकार-संगठन के कामकाज को परखा। जरुरी सलाह दी। बुद्धिजीवियों व पत्रकारों से मुलाकात की। प्रदेश का मिजाज भांपा और जनता को विधानसभा चुनाव में दिए गए आश्वासनों के प्रति आश्वस्त किया।
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह देश के सभी राज्यों का 2 से 3 दिन का विस्तृत प्रवास कर रहे हैं। 110 दिन के इस प्रवास कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने विगत 25 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में वामपंथी हिंसा के लिए कुख्यात रहे नक्सलबाड़ी गांव से की थी। इस क्रम में उन्होंने 19 व 20 सितंबर को उत्तराखंड का दौरा किया। उत्तराखंड में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्वागत में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। राज्य के जौलीग्रांट हवाई अड्डे से राजधानी देहरादून तक के पूरे मार्ग को शाह के स्वागत में दुल्हन की तरह सजाया गया था। देहरादून के इतिहास में ऐसे भव्य अंदाज में किसी राजनेता का स्वागत संभवतः पहली बार हुआ।
उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत से भाजपा सरकार के गठन के पश्चात पहली बार पहुंचे अमित शाह ने चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता के साथ की गई अपनी वचनबद्धता को प्रमुखता से दोहराया। प्रबुद्ध सम्मेलन में उन्होंने कहा कि यहां कि जनता ने हम पर विश्वास करके सत्ता सौंपी है, हम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे।
उन्होंने उत्तराखंड के लोगों की तुलना भोले शंकर से की और कहा कि जनता ने भाजपा को दिल खोलकर आशीर्वाद दिया है। लोगों ने जिस उम्मीद से पार्टी को वोट दिया है, भाजपा उसे पूरा करेगी। शाह ने कहा कि चुनाव के समय हमने नारा दिया था कि ‘उत्तराखंड को अटल जी ने बनाया था, मोदी जी संवारेंगे’। मोदी जी ने संवारने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने आंकड़ों के साथ केंद्र सरकार द्वारा राज्य को विभिन्न योजनाओं में दी गई धनराशि का ब्योरा भी प्रस्तुत किया।
अमित शाह जिस सोच और लक्ष्य को लेकर देशभर में घूम रहे हैं, उसे उत्तराखंड में उनके प्रवास के दौरान आसानी से अनुभव किया गया। उनके तेवरों से स्पष्ट था कि प्रचंड बहुमत का अर्थ आराम व बेफिक्री से नहीं है। अपितु और अधिक जिम्मेदारी से काम करने की जरूरत है। मंडल स्तर तक के कार्यकर्ताओं की बैठक में अमित भाई ने इस बढ़ी हुई जिम्मेदारी का सबको एहसास कराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जनता ने तीन चौथाई बहुमत दिया है और अब उत्तराखंड को मॉडल स्टेट बनाने का दायित्व हम सबका है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य के विकास के साथ-साथ भाजपा को आगे बढ़ाने का काम करना होगा। एक-एक बूथ को मजबूत करना होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का लगातार दो दिन तक प्रदेश की राजधानी में प्रवास और कार्यक्रमों की मैराथन श्रृंखला, कार्यकर्ताओं के साथ आम लोगों के लिए भी कोतूहल का विषय बना रहा। अमित भाई ने अपनी बैठकों, कार्यक्रमों व संबोधन में संगठन, सरकार और राजनीति के नए अर्थ गढ़े। वह यह आभास कराने से भी नहीं चूके कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब राजनीति क्षेत्रवाद, परिवारवाद व जातिवाद से दूर ‘परफारमेंस ऑफ पॉलिटिक्स’ पर केंद्रित हो गई है।
संगठन से सरकार है, सरकार से संगठन नहीं। सरकारें आती-जाती रहती हैं। मगर संगठन मजबूत रहना चाहिए। बुद्धिजीवियों के बीच उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भाजपा राजनीतिक कारणों से राजनीति में नहीं है। भाजपा अन्य दलों से हटकर है। भाजपा परिवारवाद पर नहीं, लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर चलती है। उन्होंने जनसंघ से लेकर भाजपा की वर्तमान यात्रा तक की चर्चा की ओर स्पष्ट किया कि पार्टी तीन बिंदुओं को केंद्र में रखकर चलती है। पहला, पार्टी के भीतर लोकतंत्र; दूसरा, पार्टी के सिद्धांत और तीसरा भाजपा शासन में समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की चिंता।
अमित शाह ने तथ्यों के साथ अपनी बात को सामने रखा और कहा कि देश भर में लगभग 1650 राजनीतिक दल पंजीकृत हैं। मगर, भाजपा ही ऐसा दल है जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक परिपाटी को अपनाए हुए है। इसको उन्होंने उदाहरण के साथ समझाने का प्रयास किया। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि कांग्रेस में अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, यह सब जानते हैं। मगर, भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई नहीं बता सकता है। अमित शाह की इस बात का अर्थ स्पष्ट है कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। कार्यकर्ता आधारित पार्टी में सामान्य कार्यकर्ता को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
भाजपा प्रमुख का उत्तराखंड दौरा राज्य की राजनीतिक स्थिरता को लेकर भी महत्वपूर्ण साबित हुआ। अमित भाई ने अपने पत्रकार सम्मेलन में स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार बेहतर व सही दिशा में काम कर रही है। सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया है। वैसे भी मात्र 6 महीने किसी सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
(लेखक उत्तराखंड भाजपा के मीडिया संपर्क विभाग के प्रमुख व स्वतंत्र पत्रकार हैं।)