अमेरिकी प्रतिबंध की परवाह न करते हुए भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक सौदा किया, जिस पर पूरे विश्व की निगाहें थीं। यह भारत की महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। एस-400 की बड़ी उपलब्धि के अलावा भारत ने रूस की सरकार के साथ अन्य समझौते भी किए जो कि दोनों देशों के संबंधों की दृष्टि से काफी अहम माने जा रहे। इन समझौतों में सामरिक से लेकर पर्यावरण एवं संस्कृति और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भी विशेष जोर दिया गया है।
अमेरिकी प्रतिबंध की परवाह न करते हुए भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक सौदा किया, जिस पर पूरे विश्व की निगाहें थीं। यह भारत की महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। एस-400 की बड़ी उपलब्धि के अलावा भारत ने रूस की सरकार के साथ अन्य समझौते भी किए जो कि दोनों देशों के संबंधों की दृष्टि से काफी अहम माने जा रहे। इन समझौतों में सामरिक से लेकर पर्यावरण एवं संस्कृति और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं पर भी विशेष जोर दिया गया है।
एफटीए डील
दोनों देशों के बीच एफटीए डील हुई, जिसका अर्थ होता है मुक्त व्यापार समझौता। इस समझौते के तहत भारत व रूस के बीच एक साथ मिलकर नागरिक विमान का निर्माण, नए ऑइल ब्लॉक को खरीदने का काम किया जाएगा। इस पर सहमति बनी है। साथ ही सड़क संपर्क की परियोजनाओं को लेकर भी इस समझौते में बात की गई है।
ट्विन सिटी समझौता
इस समझौते के तहत भारत सरकार ने मास्को की सरकार के साथ वह करार किया है जिसकी अवधि तीन साल निर्धारित की गई है। इस डील में यह होगा कि भारत एवं रूस की सरकार के मंत्रियों के स्तर पर दोनों देशों के मध्य शिक्षा, संस्कृति के क्षेत्रों में आपसी सहयोग किया जाएगा। रूस के विदेशी मामलों के प्रमुख सर्गे चेरेमिन ने इसमें हस्ताक्षर किए हैं। यह 1 नवंबर से लागू होने जा रहा है।
गैस पाइपलाइन परियोजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच गैस पाइपलाइन बिछाए जाने को लेकर सहमति बनी है। इस बात का उल्लेख दोनों देशों के साझा घोषणा-पत्र में हुआ है। इसके तहत बताया गया है कि ईरान के रास्ते से भारत तक रूस एक गैस की पाइपलाइन बिछाने की योजना पर काम करेगा। निस्संदेह यह परियोजना भारत के लिए लाभकारी होगी।
इन अन्य समझौतों पर भी लगी मुहर
भारत सरकार की ओर से विदेश सचिव विजय गोखले ने रूस के अधिकारियों के बीच समझौते के कागजातों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों में ऑपरेशन ऑन रेलवे, रोड बिल्ट अप इन इंडिया, सर्फेस रेलवे एंड मेट्रो ट्रेन, रूबल-रूपया डील, टैंक रिकवरी व्हीकल, हाईस्पीड रशियन टैंक आदि शामिल हैं।
ऐसा नहीं है कि भारत व रूस ने केवल आपसी रिश्तों एवं विकास को मजबूती देने की दिशा में ही समझौते किए, बल्कि दोनों देशों ने वैश्विक पर्यावरण एवं शांति स्थापना के संदर्भ में भी हाथ मिलाया है। दोनों देशों ने आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की। अफगानिस्तान एंड इंडो पैसेफिक इवेंट, जलवायु परिवर्तन के अलावा ब्रिक्स, एससीओ, जी20 एवं आसियान जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हुई बैठकों की भी चर्चा की गई।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)