अयोध्या पहुँचकर राष्ट्रपति राममय हो उठे। रामचरितमानस की चौपाई ‘सिया राम मय सब जग जानी’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राम संपूर्ण मानवता के हैं। राम सबके हैं और राम सबमें हैं। रामायण कॉन्क्लेव के शुभारंभ के बाद अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि, भारतीय जीवन मूल्यों के आदर्श व उपदेश रामायण में संपूर्ण रूप से समाहित हैं।
अयोध्या में श्री राम लाल विराजमान के दर्शन करने वाले रामनाथ कोविंद देश के पहले राष्ट्रपति हैं। विगत कुछ वर्षों में अयोध्या के इतिहास में नए अध्याय जुड़े हैं। यह मात्र धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि विकास की भी नई इबारत लिखी गई है। भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को विश्वस्तरीय तीर्थाटन व पर्यटन नगरी बनाने के लिए कटिबद्धता के साथ प्रयास कर रहे हैं। सैकड़ों परियोजनाओं का क्रियान्वयन यहां चल रहा है। योगी आदित्यनाथ स्वयं इनकी निगरानी करते हैं।
रामनाथ कोविंद की यात्रा में भी विकास कार्यों का पहलू जुड़ा हुआ है। वह प्रेसिडेंसीएल ट्रेन द्वारा लखनऊ से अयोध्या पहुंचे थे। यहां उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की अनेक परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इन परियोजनाओं में तुलसी स्मारक भवन का जीर्णोद्धार निर्माण, नगर बस स्टैंड और अयोध्या धाम का विकास शामिल है। समारोह का आयोजन रामकथा पार्क में किया गया था।
राष्ट्रपति ने दो माह से अधिक समय तक चलने वाले वाले रामायण कॉन्क्लेव का भी शुभारंभ किया। रामायण कॉन्क्लेव का आयोजन प्रदेश के सत्रह जिलों में दो नवम्बर तक चलेगा। इस दौरान सभी सत्रह जिलों में दो दिवसीय विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो प्रभु श्रीराम के जीवन दर्शन व चरित्र पर आधारित होंगे।
अयोध्या पहुँचकर राष्ट्रपति राममय हो उठे। रामचरितमानस की चौपाई ‘सिया राम मय सब जग जानी’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राम संपूर्ण मानवता के हैं। राम सबके हैं और राम सबमें हैं। रामायण कॉन्क्लेव के शुभारंभ के बाद अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि, भारतीय जीवन मूल्यों के आदर्श व उपदेश रामायण में संपूर्ण रूप से समाहित हैं।
अपने नाम के सम्बन्ध में रामायण के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि, “मैं तो समझता हूं कि मेरे परिवार में जब मेरे माता-पिता और बुजुर्गों ने मेरा नाम-करण किया होगा तब उन सब में भी संभवतः रामकथा और प्रभु राम के प्रति वही श्रद्धा और अनुराग का भाव रहा होगा जो सामान्य लोकमानस में देखा जाता है।”
गौरतलब है कि भारत का संविधान पंथ निरपेक्ष है। इसका मतलब है कि स्टेट नीतियों के निर्धारण में धर्म या मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। किंतु यह संवैधानिक व्यवस्था संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के व्यक्तिगत धार्मिक आचरण व व्यवहार पर लागू नहीं होती। प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद तो संविधान सभा के अध्यक्ष थे।
वह सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण समारोह में सम्मलित हुए थे, क्योंकि उनका यह कार्य संविधान के अनुकूल था। इसी प्रकार वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अयोध्या में श्री राम लला विराजमान के दर्शन हेतु गए। उनकी यह यात्रा भी संविधान के अनुकूल ही है, क्योंकि राम मंदिर का निर्मांण संविधान द्वारा स्थापित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ही हो रहा है।
मंदिर निर्माण से जुड़ा है अयोध्या के विकास का पहलू
अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का आर्थिक पर्यटन व तीर्थाटन विकास पहलू भी समाहित है। दुनिया के अनेक देशों ने दशकों पहले अपने ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया। इससे उनकी अर्थव्यवस्था को लाभ हो रहा है। परोक्ष व अपरोक्ष रूप से रोजगार के अवसर सृजित हो रहे है।
अयोध्या सहित उत्तर के अनेक स्थल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध रहे हैं। लेकिन विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाओं की ओर पहले अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। योगी आदित्यनाथ इस कमी को दूर कर रहे हैं। उनका कहना था कि पहले की सरकारें अयोध्या का नाम लेने से बचती थी। इस कारण यहां पर्याप्त विकास नहीं किया गया। योगी सरकार अयोध्या का गरिमा के अनुकूल विकास कर रही है। ऐसे स्थलों का समग्र विकास किया जा रहा है जिससे देश व विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी सकारात्मक सन्देश मिले।
समग्र विकास में दशरथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी शामिल है। यहां लोगों का इलाज भी हो रहा है। मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। इस मेडिकल कॉलेज को और सुविधासंपन्न बनाने के लिए अनेक निर्माण कार्य चल रहे हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण की तरफ से मास्टर प्लान में शामिल बीस हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी। उस वर्चुअल समीक्षा में योगी आदित्यनाथ व संबंधित अधिकारी शामिल हुए थे। मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है।
इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, रामकी पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चौरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं।
आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित हो रही अयोध्या
इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है।
इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं।
अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास होगा। सरयू नदी पर क्रूज संचालन भी शुरू होगा। ग्रीनफील्ड सिटी योजना,मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा,सरयू तट पट विकास, पैंसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी।
अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन व तीर्थाटन केंद्र रहा है। लेकिन कुछ वर्ष पहले तक यहां स्थानीय स्तर की भी सुविधाएं नहीं थी। फिर भी आस्था के कारण करोड़ों लोग यहां परेशानी उठाकर भी आते थे। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास पर ध्यान दिया। इसको स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)