कोरोना संकट : मोदी के जिन कार्यों की विश्व प्रशंसा कर रहा, कांग्रेस उनमें खोट निकालने में लगी है
देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि इस युद्ध में सभी मिलकर लड़ें क्योंकि सामूहिक प्रयास और एकजुटता से ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक सभी प्रकार की एकजुटता लाने के प्रयास लगातार किए हैं। इस लड़ाई में आम जनमानस का जो सहयोग मिल रहा है वह भी अभूतपूर्व है। एक सर्व समावेशी सरकार के मानकों पर इस समय नरेंद्र मोदी सरकार को परखें तो वह शत प्रतिशत खरी उतरी है।
दिल्ली से मजदूरों के पलायन के लिए जिम्मेदार है केजरीवाल सरकार
कोरोना वायरस से हमारी सुरक्षा के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। कोविड-19 संक्रमण के कारण तेज़ी से फैल रहा है। इस संक्रमण को रोकने का सबसे कारगर उपाय यही है कि लोग एक दूसरे के सम्पर्क में ना आएं। भारत सरकार इस महामारी से निपटने के लिए हर प्रभावी कदम उठा रही है।
तीन सालों में स्वास्थ्य और क़ानून व्यवस्था दुरुस्त करने में कामयाब रही योगी सरकार
सरकार का गठन होने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के कर्ज को अपने वायदे के अनुसार माफ़ किया। एंटी रोमियो स्क्वायड के जरिये महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में कदम बढ़ाया, वहीं अवैध बूचड़खानों को भी बंद कराया। ये सारे काम एक साथ ऐसे त्वरित गति से होने लगे कि लोगों की उम्मीद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बढ़ गई
राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख जिन्होंने ग्रामीण विकास व स्वावलंबन का आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया
राष्ट्र के उत्थान के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वालों की चर्चा होते ही एक नाम हमारे सामने सबसे पहले आता है, वह है भारत रत्न राष्ट्र ऋषि, विराट पुरुष नाना जी देखमुख का। नानाजी देशमुख आज भी प्रसांगिक हैं, तो उसका सबसे बड़ा कारण उनका सामाजिक जीवन में नैतिकता और राष्ट्र सेवा के लिए संकल्पबद्ध होकर कठिन परिश्रम करना है।
दो मामले जिन्होंने वामपंथी और सेक्युलर गिरोह के पाखण्ड की कलई खोल दी है!
देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों का अराजक स्वरूप जिस तरह सामने आया है, वह हैरान करने वाला है। ऐसा कानून जिससे देश के नागरिकों का कोई संबंध ना हो, उसपर इस तरह का वातवरण खड़ा करना, मानो एक खास समूह का सब कुछ लूट गया हो, हैरतअंगेज लगता है। समूचे देश ने देखा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर कैसे सुनियोजित हिंसा फैलाई गई, आगजनी की गई, बसों को आग के हवाले कर दिया गया, देश को तोड़ने की बात कही गई। यहाँ
आभार रैली : नागरिकता क़ानून पर विपक्ष की अफवाहों को प्रधानमंत्री मोदी ने किया बेनकाब
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में मचे उपद्रव के बीच पूरा देश प्रधानमंत्री की तरफ देख रहा था कि उनपर पर हो रहे राजनीतिक हमलों एवं नागरिकता कानून को लेकर फैलाए जा रहे झूठ पर वे क्या जवाब देते हैं। 1731 अवैध कालोनियों को केंद्र सरकार द्वारा नियमित कराए जाने के बाद रविवार को देश की राजधानी दिल्ली के चर्चित रामलीला मैदान में दिल्ली प्रदेश
नागरिकता संशोधन क़ानून के इस हिंसक विरोध का आधार क्या है?
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस विधेयक से हिंदुस्तान के किसी भी मुस्लिम को डरने की जरूरत नहीं है। वह (मुसलमान) नागरिक हैं और रहेंगे। इसके बाद भी देशभर में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा फैलाने वाले लोगों की मंशा क्या है?
वैचारिक प्रतिबद्धताओं को अमल में लाती मोदी सरकार
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संसद किसी एक व्यक्ति पर केन्द्रित रही है, तो वह गृह मंत्री अमित शाह हैं। एनआईए संशोधन बिल से लेकर अनुच्छेद 370 हटाने तक का ऐतिहासिक निर्णय हो, गृहमंत्री ने अपने भाषण और अपनी कार्यशैली से अपने आलोचकों को भी प्रभावित किया है। संसद का शीतकालीन सत्र खत्म होने के ठीक पहले नागरिकता संशोधन विधेयक सदन में पारित हो गया।
कांग्रेस ने गांधी के नामपर केवल राजनीति की, मोदी उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल से अभी तक की यात्रा को देखें तो गांधी के विचारों एवं सिद्धांतों को जन-जन से जोड़ने के लिए उनकी सरकार ने सांकेतिक से लेकर व्यावहारिक तक प्रत्येक स्तर पर ठोस काम किया है। इसका सबसे बड़ा उदारहण स्वच्छ भारत अभियान है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गांधी ने देखा था, लेकिन आजादी के बाद
ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है!
देश के दो अहम राज्य महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया अपने मध्यान्ह पर है। यहाँ के लगभग सभी राजनीतिक दलों ने सियासत के समीकरणों को साधने के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की प्रक्रिया को भी लगभग पूरा कर लिया है। गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को एक ही चरण में दोनों राज्यों में मतदान होगा और 24 अक्टूबर को परिणाम हमारे सामने होंगे। ऐसे में अब चुनाव प्रचार के लिए 15 दिन का समय शेष रह गया है।