‘मोदी सरकार की नीति और नीयत दोनों ठीक हैं, इसलिए जनता का विश्वास बरक़रार है’
26 मई, 2014 का दिन था, जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। आज (26 मई, 2018) उनके कार्यकाल को 4 वर्ष पूरे हो गए हैं। 16 मई, 2014 वो तारीख थी, जिस दिन आम चुनावों के बाद हिन्दुस्तान की नई सियासी इबारत लिखी जा रही थी। लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को जनादेश दिया था और विशाल बहुमत के साथ एक गैरकांग्रेस दल की सरकार बनने जा
भारत ही नहीं, दुनिया भर में हिंसा और दमन से भरा है वामपंथ का इतिहास !
कम्युनिस्ट देशों में असहमति जताने का अर्थ है देशद्रोह। सोवियत संघ ने कैसे अपने नागरिकों के मन में भय और घुटन को जन्म दिया, इसे इतिहास के विद्यार्थी भलीभांति जानते हैं और उसी की अंतिम परिणति सोवियत संघ के विभाजन में हुई। युद्ध और रक्तपात ही साम्यवाद की पहचान है और उसी का परिचायक है, उनका बहुचर्चित नारा ‘लाल सलाम’। भले ही भारत के अधिकांश हिस्से में साम्यवाद की कोई प्रासंगिकता
यूपी निकाय चुनाव परिणामों से क्या सन्देश निकलता है!
गुजरात विधानसभा चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी यूपी निकाय चुनावों की अग्निपरीक्षा में सफल रही। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव वाली लहर को निकाय चुनाव में भी भाजपा कायम रखने में कामयाब रही। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों के परिणामों ने कांग्रेस की जमीन कुछ हद तक गुजरात के लिए खिसका दी है। इन नतीजों में भविष्य के कई संकेत छिपे हुए हैं।
क्या फतवों से मुस्लिम महिलाओं के आजाद क़दमों को रोक लेंगे, मौलाना ?
देश में कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा फतवे की तानाशाही का एक माहौल बनाया जा रहा है, जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। हम देश में महिलाओं की भागदारी को प्राथमिकता देने की बात करते हैं। अगर मुट्ठीभर कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा दिए गए मुस्लिम महिलाओं पर विवादित फतवों की परवाह करेंगे तो कहीं हमारे देश का महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम पीछे न छूट जाए। मुस्लिम समाज में प्रचलित ‘तीन