लोकमान्य तिलक : स्वराज के वो सिपाही जिन्हें इतिहास में वह जगह नहीं मिली जो मिलनी चाहिए थी!
तिलक का जीवन-चरित्र और संघर्ष नदी के विपरीत दिशा में बहने वाले नाविक का रहा है। वो अपने जीवन में सिर्फ स्वयं-सिद्धि के कार्यों में नहीं लगे हुए थे बल्कि ऐसे लोगों और संस्थाओं की तलाश में थे जो राष्ट्रवाद की अलख जगा सकें। तिलक की बहुआयामी प्रतिभा उनके कार्यों से स्पष्ट होती है।