शहर-गाँव, अमीर-गरीब और किसान-उद्योग सबके लिए ख़ास है ये बजट !
यह मीडिया भी गज़ब की है! जो पिछले कुछ सालों से नरेन्द्र मोदी सरकार को प्रो-कॉर्पोरेट कहते नहीं थकती थी, वही आज कह रही है कि मोदी सरकार तो प्रो-फार्मर हो गई है। खैर, देश की बहुसंख्यक आबादी खेती और उससे सम्बंधित व्यवसायों से जुड़ी है, ऐसे में इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना बहुत अच्छा कदम है।
आर्थिक सर्वेक्षण : अर्थव्यवस्था में राजनीति तलाश रहे विपक्षियों के लिए बुरी खबर
इकॉनोमिक सर्वे एक महत्वपूर्ण आर्थिक दस्तावेज है, जिसके ज़रिये हमें पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा की तरफ और किस गति के साथ दौड़ रही है। चीफ इकनोमिक एडवाइजर डॉ अरविन्द सुब्रमण्यम ने वर्ष 2017-18 के लिए अपने सर्वे के द्वारा एक ऐसी तस्वीर पेश की है जो सुन्दर, बेहतर और उम्मीदों से लबरेज़ दिख रही है।
जनता के सामने हाजिरी लगाने से डर क्यों रहे, केजरीवाल ?
लाभ के पद मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता चली गई। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद अरविन्द केजरीवाल सरकार ने एक ऐसा हैरानीजनक कदम उठाया था, जिसने राजनीतिक मर्यादा और शुचिता की धज्जियां उड़ा दीं। आज अगर आम आदमी पार्टी के विधायकों के फज़ीहत के लिए कोई ज़िम्मेदार है तो सबसे ज्यादा अरविन्द केजरीवाल ही हैं।
मोदी विरोध के चक्कर में राष्ट्रहित से खिलवाड़ कर रही कांग्रेस !
कांग्रेस समय-समय पर अपनी फजीहत खुद ही करवा लेती है। इस बार तो हद ही हो गयी, कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ऐसा वीडियो शेयर किया जिसके बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस की खूब आलोचना हुई। कांग्रेस द्वारा पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के साथ गले मिलते हुए वीडियो को लेकर एक बेहद छिछले स्तर का वीडियो बनाकर शेयर किया
तो क्या अमरिंदर सरकार के धोखे के कारण पंजाब में ख़ुदकुशी कर रहे किसान !
पंजाब में लगभग एक साल के अन्दर 400 किसानों ने ख़ुदकुशी कर ली, वहीं कांग्रेस सरकार वोट की खेती करती रही। चुनाव से पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि सारे किसानों के कर्ज माफ़ किये जाएँगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। अब सरकार ने इस वादे में काफी झोल पैदा कर दिया है। हमारे पंजाबी किसान कुछ ज्यादा ही दिलदार हैं, जो इन बेरहम नेताओं पर भरोसा कर ख़ुदकुशी कर लेते हैं। बीते साल पंजाब में कांग्रेस
मोदी सरकार के लिए कैसा रहेगा 2018 ?
वर्ष 2018 का देश में चहुँ ओर स्वागत हो रहा है। बीते साल ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को ही एक पूरे साल चौकस और चौकन्ना खड़ा रखा, लेकिन देश की जनता के सामने उम्मीद और संभावनाओं के द्वार भी खोल दिए। वर्ष का अंत गुजरात चुनाव के नतीजों के साथ हुआ, जिसमें आखिरी बाजी तो पीएम नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की करिश्माई जोड़ी ने फिर मार ली। एक बार तो ऐसा लगा कि जातिवाद
जयराम ठाकुर : चाय की दुकान चलाने से लेकर हिमाचल की सत्ता के शिखर पर पहुँचने तक
हिमाचल में सत्ता का बदलाव हुआ है और इस खूबसूरत बदलाव का स्वागत भी हो रहा है। कांग्रेस हार गई है और भाजपा की भारी जीत हुई है। इस बदलाव के क्रम में जो प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, उनकी पृष्ठभूमि भी काफी रोचक है। मंडी के सेराज विधान सभा से एक ऐसा नेता उभर कर राष्ट्रीय परिदृश्य पर सामने आया है, जिनको देख कर देश के हर उस बच्चे को समाजसेवा और देशसेवा में आने का दिल करेगा, जो
गुजरात-हिमाचल में भाजपा की जीत का सबसे बड़ा श्रेय मोदी-शाह की जोड़ी को जाता है !
नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने छठी बार चुनाव जीतकर गुजरात में एक नया इतिहास बनाया है। गुजरात के अलावा भाजपा ने हिमाचल में भी दो तिहाई बहुमत हासिल करके अपना डंका बजा दिया है। देश की 135 करोड़ जनता चाहती है कि सरकार की विकासपरक नीतियां जारी रहें। स्थिति साफ़ हो गयी है कि देश का विश्वास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी नीतियों के प्रति कायम है। अगर थोड़ी कमियां हैं, तो उन्हें दूर
गुजरात-हिमाचल चुनाव परिणाम : भाजपा का विकास पागल नहीं हुआ, अव्वल आया है !
गुजरात के नतीजे ऐतिहासिक रहे हैं। भाजपा का विकास पागल नहीं हुआ है, अव्वल आया है। गुजरात की जनता ने एक बार फिर जातिवाद की राजनीति के विष-बेल को उखाड़कर फेंक दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही देश के सबसे बड़े नेता हैं, यह गुजरात की जनता ने साबित करके दिखाया है। अब 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यह नतीजे कांग्रेस को नासूर की तरह
कांग्रेस में राहुल राज : गुजरात चुनाव के नतीजे राहुल गांधी के लिए लिटमस टेस्ट की तरह होंगे !
सोमवार सुबह से ही समाचार चैनल्स ब्रेकिंग न्यूज़ चलाकर राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की बार-बार तस्दीक कर रहे थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास में यह एक बड़ा घटना विकास था। देश के पहले प्रधानमंत्री पं। नेहरू के पनाती, इंदिरा गांधी के पौत्र, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने का हफ्ते भर से गहन विश्लेषण हो रहा था। लेकिन