जम्मू-कश्मीर में कायम हुई शांति, कश्मीरी पंडितों की भी होगी वापसी
कश्मीर से विस्थापित हुए पंडितों की घर वापसी को लेकर अब तक सेक्युलर ज़मात के लोग कमोबेश चुप ही रहे हैं, इस डर से कि कहीं मुस्लिम वोट बैंक उनसे नाराज़ न हो जाए। कश्मीरी पंडितों को घाटी से उजड़े हुए 30 साल का वक़्त हो गया, लिहाज़ा यह सवाल बहुत ही जायज़ है कि खुद के सेक्युलर होने का दावा करने वाली तमाम पार्टियां जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, अब तक
‘नागरिकता संशोधन विधेयक पर तथ्यों से हीन विपक्ष केवल हिन्दूफोबिया फैला रहा है’
भारत में आज एक वर्ग ऐसा है जो सवाल उठा रहा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता क्यों दी जा रही है। सवाल है कि क्या इससे मुसलमानों को खतरा पैदा होगा? क्या भारत हिन्दू राष्ट्र बन जाएगा? जवाब एक ही है – नहीं। नागरिकता संशोधन विधेयक एक ऐसा विषय है जिसको लेकर भ्रांतियां ज्यादा फैलाई गई हैं। विपक्ष इसको एक ऐसे मुद्दे के तौर पर पेश करना चाह रहा था कि यह देश के मुसलमानों के विरुद्ध है और वे इसके खिलाफ हैं
‘महाराष्ट्र के इस प्रकरण ने कांग्रेस और शिवसेना दोनों का असली चेहरा सामने ला दिया’
महाराष्ट्र के घटनाक्रम को समझने से पहले आपको चुनाव के पहले के घटनाक्रम को देखना होगा। विधानसभा चुनाव से पहले हुए गठबंधन के तहत बीजेपी और शिव सेना ने मिलकर चुनाव लड़ा, जिसमें बीजेपी को 105 सीटें और शिव सेना को 54 सीटें हासिल हुईं।
‘अदालत के फैसले ने बता दिया कि अब इतिहास से आगे बढ़ भविष्य के निर्माण का समय है’
भगवान श्रीराम देश के अधिसंख्य लोगों के दिलों में वास करते हैं, इसके लिए किसी प्रमाण की ज़रुरत नहीं थी, लेकिन प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या ही है, इस बात को प्रमाणित करने में 70 साल लग गए। इस फैसले की सबसे खूबसूरत बात यह रही कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में बने बेंच में सभी पांच जजों ने सर्व सम्मति से फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट में लंबी कानूनी
‘क्या औरंगजेब और कुतुबुद्दीन ऐबक को अपना आदर्श मानकर चल रहे हैं इमरान खान?’
आने वाले 9 नवम्बर को करतारपुर कॉरिडोर का द्वार सिख श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है। आज़ादी के बाद से पहली बार सिख अपने गुरु नानक के उस स्थान का दर्शन दीदार कर सकेंगे, जहाँ सिखों के दसवें गुरु ने अपने आखिरी पंद्रह वर्ष बिताये थे। इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व को लेकर कोई संशय कतई नहीं है।
एग्जिट पोल में महाराष्ट्र-हरियाणा में फिर भाजपा सरकार, विपक्ष की हालत पस्त
सबसे पहले ये बता देना ज़रूरी है कि एग्जिट पोल्स नतीजे नहीं होते, नतीजों के रुझान भर होते हैं। इसी लिहाज़ से हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों को भी देखा जाना चाहिए, जहाँ विधानसभा के लिए संपन्न हुए चुनाव में विपक्ष की हालत लचर ही दिख रही है। अभी तक जितने भी एग्जिट पोल्स आये हैं, उनका इशारा साफ़ है कि विपक्ष का प्रदर्शन पहले के मुकाबले और ज्यादा गिरा है।
हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव : नेतृत्व से लेकर संगठन तक बदहाली से जूझती कांग्रेस
हरियाणा कांग्रेस चौराहे पर खड़ी है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है, पार्टी में और अधिक खामियां व अंतर्कलह सतह पर आ रही है। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है। इस्तीफे के बाद उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर कई गंभीर सवाल उठाए। उनके इस रुख से कांग्रेस पार्टी की रही सही उम्मीदों को पलीता लग सकता है।
महात्मा गांधी ने कहा था, ‘जितने धर्मों को मैं जानता हूँ, उनमें हिंदुत्व ही सर्वश्रेष्ठ धर्म है’
आज जब राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को लेकर बेमानी बहस होती है, ऐसे समय में हमारे लिए इन विषयों पर राष्ट्रपिता गांधीजी के विचारों को जानना भी जरूरी हो जाता है। आज अगर कोई हिंदुत्व या राष्ट्रवाद की बात करता है, तो उसे एक ख़ास विचारधारा से जुड़ा हुआ मानकर नीचा दिखाने का प्रयत्न किया जाने लगता है। लेकिन देखा जाए तो महात्मा गांधी राष्ट्रवाद और अपनी धार्मिक
‘हाउडी मोदी’ में दिखी आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका की मजबूत जुगलबंदी
पाकिस्तान इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है और पश्चिमी देशों से माली मदद हासिल करने के लिए भला बनकर पूरी दुनिया को भ्रमित करना चाहता है। लेकिन भारत की कोशिशों से अब अमेरिका सहित पूरी दुनिया को पता चल चुका है कि आतंकवाद का मरकज़ पाकिस्तान ही है, वहीं आतंक की विषबेल को खाद और पानी दिया जा रहा है, अतः उसके प्रति अब कोई भी देश किसी रियायत को तैयार नहीं है
अनुच्छेद-370 हटने से सिर्फ पाकिस्तान में ही मातम नहीं है, भारत में भी ‘कुछ लोग’ सदमे में हैं
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने का मकसद यही था कि दशकों से वहां चल रहे खून खराबे को ख़त्म कर शांति की स्थापना की जाए। कश्मीर के लोग भी धीरे-धीरे नयी व्यवस्था को अपनाने लगे हैं और शांतिपूर्ण ढंग से राज्य की गतिविधियाँ चल रही हैं। अतः मोदी या भाजपा के विरोध मात्र के लिए कश्मीर को लेकर गलत जानकारियां फैलाना और सरकार का विरोध करना अनुचित और अस्वीकार्य है।