पाकिस्तान में सिख और हिन्दू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन पर खामोश क्यों है सेकुलर ब्रिगेड?
एक तरफ पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर बनवाकर पूरी दुनिया की वाहवाही लेना चाहता है, तो वहीं दूसरी तरफ उसका एक ऐसा सच सामने आया है जिससे पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद करतारपुर कॉरिडोर को आनन-फानन में हरी झंडी दी। हालाँकि भारत सरकार की यह लम्बे अर्से से मांग रही थी, लेकिन इस खेल में पंजाब के दलबदलू नेता नवजोत सिंह सिद्धू का पाकिस्तान द्वारा खुलकर इस्तेमाल हुआ।
चिदंबरम की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की बौखलाहट का असली कारण उसका डर है
कांग्रेस राज में चिदंबरम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बाद बड़ा रुतबा रखते थे। वित्त और गृह जैसे मंत्रालय उनके पास रहे थे। मगर इसका यह अर्थ नहीं कि भ्रष्टाचार के मामलों में उन्हें कोई रियायत दी जाए। आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में अब उन्हें हिरासत में लिया गया है तो पूरी कांग्रेस के अन्दर बौखलाहट नजर आ रही है।
यूएपीए : नकाब में छिपे आतंकियों और नक्सलियों को बेनकाब करने वाला क़ानून
आतंकी हों या नक्सली, इन्हें नैतिक समर्थन उन तथाकथित पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी कहे जाने वाले लोगों से भी मिलता रहता है, जो शहर के ऐशो-आराम में रहकर देश की आत्मा पर आघात करते रहते हैं। वैसे तो ऐसे ज़्यादातर लोगों की खुद-ब-खुद पहचान हो चुकी है कि ये एक ख़ास वैचारिक गुट के सिपाहसालार हैं,
कश्मीर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल को मोदी सरकार ने सुधारा, धारा 370 समाप्त
जब गृह मंत्री अमित शाह मुस्कुराते हुए संसद में प्रवेश कर रहे थे, लोगों को तभी अंदाज़ा हो गया था कि आज का दिन ख़ास होने वाला है। फिर आया वो समय, जब गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की घोषणा की। आज से 65 वर्ष पहले कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल की थी उसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने ठीक कर दिया है।
औद्योगिक विकास के इस दौर में निजी क्षेत्र में आरक्षण का सवाल
पिछले दिनों दो बड़ी खबरें अख़बारों के मुख्य पृष्ठ की सुर्खियाँ नहीं बन पाईं। दक्षिण भारत के एक बड़े राज्य आंध्र प्रदेश में यहाँ के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्राइवेट सेक्टर के लिए 75 फीसद आरक्षण की घोषणा कर दी। यह एक ऐसा फैसला था, जिसके ऊपर अब तक बहस भी नहीं हुई थी और एक आम राय नहीं बन सकी है।
सोनभद्र प्रकरण पर राजनीति कांग्रेस को फायदा नहीं, नुकसान ही पहुंचाएगी
इस खूनी खेल के लिए अगर कोई ज़िम्मेदार है तो सबसे पहले कांग्रेस उसके बाद समाजवादी और बसपा की पूर्ववर्ती सरकारें, जिन्होंने अपने राजनीतिक फायदे को देखा लेकिन गरीब आदिवासियों के लिये कुछ नहीं किया। अपना राजनीतिक वजूद ढूंढ रहे कांग्रेस परिवार को सोनभद्र जैसी घटना के बाद राजनीति करने से बचना चाहिए था,
जाधव प्रकरण : आईसीजे में भारत की बड़ी जीत, फिर एकबार बेनकाब हुआ पाकिस्तान
पाकिस्तान की जेल में कैद में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले से जाधव के परिवार को बहुत बड़ा सुकून मिलेगा। आज भारत में जश्न सा माहौल है, भारत के लोग, चाहे वह किसी भी विचारधारा के हों, किसी भी भी धर्म के हों, जाधव की वापसी की राह देख रहे हैं।
कर्नाटक का नाटक : बिना एजेंडे के चल रही कांग्रेस-जेडीएस सरकार की हालत अब गई, तब गई
असल संघर्ष तो कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया और कुमारस्वामी के बीच कुर्सी को लेकर है और इसका ठीकरा बीजेपी के माथे पर फोड़ने की कोशिश की जा रही है। केंद्र में कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में स्पष्ट कर दिया था कि कर्नाटक का संकट गठबंधन दलों के आपसी स्वार्थ का नतीजा है
क्या सुलझने की ओर बढ़ रही है कश्मीर की गुत्थी?
अमित शाह के कश्मीर दौरे के दौरान यह साफ़ हो गया था कि कश्मीर में सही वक़्त पर चुनाव भी होंगे लेकिन उससे पूर्व आतंकियों की नकेल भी कसी जाएगी। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सेना को आतंकियों से निबटने में खुली छूट दी गई थी, जिसका नतीजा यह हुआ कि स्थानीय आतंकियों की एक पूरी की पूरी जमात का सफाया हो गया,
‘अगर डॉ मुखर्जी कुछ समय और जीवित रह जाते तो पूरी तरह से खत्म हो जाती कश्मीर समस्या’
राष्ट्रवादी नेता, शिक्षाविद और प्रखर सामाजिक चिंतक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी कांग्रेस की विभाजनकारी नीतियों के लेकर शुरू से ही परिचित थे। आजादी के बाद सरदार पटेल और महात्मा गांधी के आग्रह पर वे नेहरू की कैबिनेट में शामिल ज़रूर हुए थे, लेकिन यह साथ ज्यादा दिन तक नहीं चल सका।