विपक्षी एकता की कवायदों में नीति, नेतृत्व और नीयत का अभाव
विपक्षी एकता के अधिकांश दलों की राजनीति का आधार क्षेत्रीय और जातिगत रहा है तथा वर्तमान में इनके जुटान का उद्देश्य भाजपा को हराना मात्र है।
आदिवासी समाज के उत्थान में जुटी मोदी सरकार
मोदी सरकार ने सही मायनों में आदिवासी समाज को देश के विकास की यात्रा का सहयात्री बनाया है और उन्हें हिस्सेदारी भी दी जा रही है।
कोरोना वैक्सीन पर राजनीति विपक्ष की मुद्दाहीनता को ही दिखाती है
कोरोना आपदा से लेकर उसकी वैक्सीन तक विपक्ष की राजनीति दर्शाती है कि इस देश में विपक्ष किस कदर मुद्दाहीन हो गया है।
कोरोना से लड़ाई में क्यों फेल हो रहे हैं ये चार राज्य ?
महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ – इन चार राज्यों की सरकारों को केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों पर पत्र लिखना पड़ा है।
योगी सरकार के तीन वर्ष: विकास के नए आयामों को छूता उत्तर प्रदेश
डेढ़ दशक की जातिवाद, भ्रष्टाचार और गुंडाराज वाले सपा-बसपा शासन से मुक्ति प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश की जनता 11 फरवरी 2017 से लेकर 8 मार्च 2017 तक ईवीएम में भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर बटन दबा रही थी। परिवारवाद को समाजवाद पर हावी करने वाले अखिलेश यादव की सपा, प्रदेश की राजनीति में अप्रासंगिक चुकी कांग्रेस तथा राजनीतिक
वर्तमान राजनीति में शरणार्थियों की सारथी साबित हो रही भाजपा
पश्चिम बंगाल की सुषुप्त पड़ी राजनीति में गृहमंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के दौरे ने एक बार फिर उबाल ला दिया है। राजनीतिक सरगर्मी में वृद्धि करते हुए अमित शाह ने शरणार्थियों के प्रति पुनः अपना दृढ़ संकल्प दोहराते हुए कहा कि हर शरणार्थी को नागरिकता देकर रहेंगे चाहे कोई कितना भी सीएए का विरोध करे।
बोडोलैंड विवाद के समाधान से असम में खुलेगी शांति, स्थिरता और विकास की नयी राह
मोदी सरकार का नारा रहा है – सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। इस मूलमंत्र पर आगे बढ़ते हुए, दशकों पुराने इस विवाद का अंत करते हुए सभी पक्षों ने एक साथ बैठाकर वार्ता की और समझौते की रूपरेखा तय होने के बाद इस विवाद का भी अंत हो गया। दरअसल सरकार की सख्ती के बाद अलग राज्य की मांग करने वालों को यह आभास
जयंती विशेष : ‘भारत की राजनीति में ‘अटल’ सर्वथा अटल थे और अटल ही रहेंगे’
अपने 65 वर्षों के सक्रिय जीवन में 56 वर्ष वाजपेयी विपक्ष में रहे और नौ साल सत्ता में रहे। वे लोकसभा के लिए दस बार निर्वाचित हुए और राज्यसभा के लिए दो बार। वे मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री रहे और बाद में तीन बार प्रधानमंत्री बने। लेकिन चाहे वे विपक्ष में रहे हों या सत्ता में, अटलजी ने आजादी के बाद से ही देश के विकास में मौलिक
ये आंकड़े बताते हैं कि क्यों जरूरी है नागरिकता संशोधन विधेयक?
तीन तलाक पर क़ानून बनाकर, कश्मीर से धारा 370 हटाकर, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा से पारित कराकर मोदी सरकार ने अपनी नीतियां बिलकुल साफ़ कर दी हैं। इस सरकार की खासियत ही कही जाएगी कि एक के बाद एक महत्वपूर्ण और युगांतरकारी परिवर्तन की नींव रखने में कामयाब हो रही है।
तथ्य बताते हैं कि गांधी परिवार के लिए एसपीजी सुरक्षा से अधिक ‘स्टेटस सिंबल’ ही थी
देश में सामाजिक और आर्थिक के साथ-साथ राजनीतिक सुधार का भी दौर चल रहा है। एक बार फिर इसकी मिसाल पेश करते हुए मोदी सरकार ने राज्यसभा और लोकसभा में एसपीजी बिल पास कर दिया। संभवतः आप सोच रहे होंगे कि आखिर एसपीजी बिल और राजनीतिक सुधारों का क्या मेल! दरअसल पिछले करीब तीन दशक में देश में गांधी परिवार (सोनिया, राहुल और प्रियंका) ने एसपीजी सुरक्षा को एक स्टेटस सिंबल बना लिया था