लोक मंथन : लोक का अर्थ, मंथन की परंपरा और राष्ट्रीय आयोजन
मंथन भारत का आधारभूत तत्व है, इसलिए विमर्श के बिना भारत की कल्पना भी की जाएगी तो वह अधूरी प्रतीत होगी। यहां लोकतंत्र शासन व्यवस्था की सफलता का कारण भी यही है कि वेद, श्रुति, स्मृति, पुराण से लेकर संपूर्ण भारतीय वांग्मय, साहित्य संबंधित पुस्तकों और चहुंओर व्याप्त संस्कृति के विविध आयामों में लोक का सुख, लोक के दुख का नाश, सर्वे भवन्तु सुखिन: और जन हिताय-जन सुखाय की भावना ही