जयपुर में मोदी : कांग्रेस ने योजनाओं को लटकाने का काम किया, भाजपा कर रही पूरा
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का वह वक्तव्य बहुत चर्चित है, जिसमें उन्होंने कहा था, या यूं कहें कि दबी जु़बान में स्वीकारा था कि भ्रष्टाचार का दीमक शीर्ष स्तर से लेकर निचले स्तर तक फैला हुआ है। वे कहते थे कि विकास के लिए केंद्र से यदि एक रुपया आता है, तो निचले स्तर तक पहुंचते-पहुंचते वह दस पैसा रह जाता है।
सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना के प्रति कांग्रेस की जो सोच थी, वही आज भी है !
उड़ी हमले को भला कौन भूल सकता है ? सितंबर, 2016 में हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। पाकिस्तान ने हमारे देश के 19 जाबांज जवानों को कायराना तरीके से मारा था, तो समूचे देश में गम और गुस्से का उबाल आ गया था। हर जुबान से प्रतिशोध लेने के स्वर उठ रहे थे।
अब खैर मनाएं आतंकी, फिर शुरू हो रहा ऑपरेशन ऑलआउट !
आखिर केंद्र की मोदी सरकार ने रविवार को वह अहम फैसला ले ही लिया, जिसके लिए पिछले कुछ दिनों से काफी उम्मीद जताई जा रही थी। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब फिर कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ पुनः सैन्य ऑपरेशन चलाया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमिटी की बैठक में लिया जिसमें गृहमंत्री
मोदी की हत्या की साजिश के खुलासे पर कांग्रेस की शर्मनाक राजनीति
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश का खुलासा चिंताजनक है। पुणे में पुलिस ने अदालत में इस आशय का एक पत्र प्रस्तुत करते हुए यह खुलासा किया कि नक्सली तत्व पीएम मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे और यह योजना भी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी केस की तरह ही बनाई जा रही थी। सभी जानते हैं कि राजीव गांधी को वर्ष 1991 में मानव बम से मार
क्या ममता के राज में भाजपा का कार्यकर्ता होना भी गुनाह हो गया है ?
पश्चिम बंगाल में इन दिनों राजनीतिक अराजकता चरम पर है। यह अराजकता इसलिए है, क्योंकि वहाँ बीते दिनों दो भाजपा कार्यकर्ताओं की दुर्दांत हत्या हुई, लेकिन आश्चर्य की बात है कि इन दोनों हत्याओं पर बुद्धिजीवियों का दिल नहीं पसीजा है। शायद इसकी वजह ये है कि ये दोनों कार्यकर्ता भाजपा के थे। पहली हत्या एक जून को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में हुई।
मोदी के बंगाल और झारखण्ड दौरे ने भाजपा की विकासवादी राजनीति को ही स्पष्ट किया है !
गत शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखण्ड के लिए विकास की कई योजनाओं की आधारशिला रखी और देश-दुनिया को विकासवादी शासन तंत्र का परिचय दिया। झारखंड में उन्होंने 27 हज़ार करोड़ रुपए की परियोजनाओं को ऑनलाइन आरंभ किया, वहीं पश्चिम बंगाल में शांति निकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में भी शिरकत की। यहां बांग्लादेश
यातायात ही नहीं, रणनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है जोजिला सुरंग !
केंद्र की भाजपा नीत सरकार जम्मू-कश्मीर में तनाव और आतंक के साये में भी लगातार अधोसरंचनात्मक विकास का परचम लहरा रही है। 19 मई शनिवार का दिन देश के लिए एक अहम उपलब्धि भरा रहा। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को और जम्मू-कश्मीर को कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाएं समर्पित कीं। इस क्रम में सबसे पहला नाम है जोजिला सुरंग का, जो
सुरक्षा, विकास और राष्ट्रीय गौरव के चार वर्ष !
केंद्र में भाजपा की सरकार के चार वर्ष पूरे हो गए हैं। भाजपा ने यह मुकाम पूर्ण एवं प्रचंड बहुमत से हासिल किया था। दूसरे अर्थों में इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि जनता की पूरे मन से भाजपा को ही सत्ता में लाने की उत्कट कामना थी, जो नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के रूप में परिणित हुई। आज चार वर्षों बाद भाजपा ने उन सारे मतदाताओं का धन्यवाद अपनी उपलब्धियों एवं कार्यों के ज़रिये कर दिया है जिन्होंने पूरे
घोटालों की सरताज बनती जा रही आम आदमी पार्टी !
आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। निरर्थक मुददों को लेकर विवादों में रहने वाले पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल फिर से मुश्किल में हैं। ताजा मामले में खबर है कि पार्टी पर 139 करोड़ रुपए के बड़े घोटाले का आरोप है। यह घोटाला निर्माण श्रमिक कोष को लेकर है। दिल्ली सरकार एक बार फिर से कठघरे में खड़ी है। शिकायत के अनुसार दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड में उन लोगों का भी गैर-
जनता के पैसे से 60 लाख के चाय-बिस्कुट उड़ाने वाले सिद्धारमैया को जवाब देने को तैयार कर्नाटक!
कनार्टक में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस की अपनी-अपनी तैयारियां हैं। दोनों दलों नेता जनता के बीच रैलियां, सभाएं करते हुए अपनी बात अवाम तक पहुंचा रहे हैं। मूल रूप से हिंदी भाषी राज्य न होने के बावजूद यहां हिंदी में दिए गए भाषणों को तरजीह मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनार्टक राज्य के सघन भ्रमण पर हैं। इस क्रम में वे बेल्लारी, कलबुर्गी, बेंगलुरु, उडुपी आदि स्थानों पर सभाएं कर चुके हैं।