बंगाल चुनाव : विक्टिम कार्ड खेलकर मुद्दों से ध्यान भटकाने की नाकाम कोशिश करतीं ममता बनर्जी
बंगाल राज्य इन दिनों अराजकता और रक्तपात का गढ़ बन चुका है। वही बंगाल जिसकी मूल पहचान कला, साहित्य से थी, अब हिंसा, घृणा का पर्याय बन चुका है।
मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून का विरोध कांग्रेस की नीयत पर गहरे सवाल खड़े करता है
यह कानून उन अपराधियों के लिए है, जो नाम बदलकर बेटियों को बहकाते हैं और उनका मतांतरण करवाते हैं। निश्चित ही इस कानून से महिलाओं को सुरक्षा मिले।
गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की विराट जीत और कांग्रेस की करारी हार के मायने
गुजरात के ये चुनाव परिणाम दर्शाते हैं कि विपक्ष के तमाम कुप्रचारों के बावजूद जनता में भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार के प्रति भरोसे का भाव मजबूत हुआ है।
पैंगोंग में चीन का पीछे हटना नए भारत की ताकत को ही दिखाता है
अब चूंकि भारतीय सेना के साहस और सरकार की दृढ़ता के परिणामस्वरूप चीन पीछे हट गया है, ऐसे में विपक्षियों के पास सिवाय खींसे निपोरने के कुछ बचा नहीं है।
आईएमएफ रिपोर्ट : 2021 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
कोविड-19 महामारी के बीच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसकी आर्थिक विकास दर इस साल दहाई अंक में रहेगी।
कोरोना पर ‘केरल मॉडल’ की तारीफों के पुल बाँधने वाले वहाँ बढ़ते संक्रमण पर खामोश क्यों हैं?
अब जब पूरा देश कोरोना मुक्त होता जा रहा है तब केरल में कोरोना अभी भी कहर बनकर टूट रहा है। देश के कुल मामलों का 40 पतिशत केरल से आ रहा है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पूरे हुए पांच साल, करोड़ों किसानों को मिला लाभ
फसल बीमा योजना ने देश में किसानों के हितों को सुरक्षित किया है। इस योजना के कारण किसान विभिन्न कारणों से फसल के खराब होने के बाद की संकटपूर्ण स्थिति से मुक्त हुआ है।
कोरोना वैक्सीन पर अखिलेश यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, आपत्तिजनक भी है
कोरोना महामारी से लेकर उसकी वैक्सीन तक भारतीय राजनीति में विपक्षी दलों ने विरोध के लिए विरोध की जो राजनीति की है, वो शर्मनाक और निंदनीय है।
किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है मोदी सरकार
देश के 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में करीब 18 हजार करोड़ रुपए सीधे जमा किए गए। यह काम हर बार की तरह, इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
कृषि कानून की प्रतियां फाड़कर किसान आंदोलन को भुनाने की व्यर्थ कोशिश करते केजरीवाल
केजरीवाल को यदि वास्तव में अवाम की चिंता होती तो वे सबसे पहले इस कथित आंदोलन को खत्म कराने की पहल करते ना कि यहां अपनी नफरत की राजनीति का अवसर तलाशते।