नवरात्र मात्र उपवास और कन्याभोज नहीं है!
यह सनातन संस्कृतिकी महानता है कि इसमें अत्यंत गहरे और गूढ़ विषयों को जिनके पीछे बहुत गहरा विज्ञान छिपा है उन्हें बेहद सरलता के साथ एक साधारण मनुष्य के सामने प्रस्तुत किया जाता है। इसका सकारात्मक पक्ष तो यह है कि एक साधारण मनुष्य से लेकर एक बालक के लिए भी वो विषय ग्रहण करना
नवसंवत्सर विशेष : विक्रम संवत जिसकी वैज्ञानिकता आधुनिक विज्ञान से कहीं आगे है
जो सभ्यता अपने इतिहास पर गर्व करती है, अपनी संस्कृति को सहेज कर रखती है और अपनी परंपराओं का श्रद्धा से पालन करके पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाती है वो गुज़रते वक्त के साथ बिखरती नहीं बल्कि और ज्यादा निखरती जाती है। जब चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा के सूर्योदय के साथ सम्पूर्ण भारत के घर घर में लोग अपने इष्टदेवी देवता का अपनी अपनी परंपरा अनुसार पूजन
गुरुनानक देव : जिन्होंने मानव को सांसारिक जीवन में रहते हुए ईश्वर को पाने का मार्ग दिखाया
जब गुरुनानक देव जी कहते हैं कि “एक ओंकार, सतनाम”, तो उनके आध्यात्म की इस परिभाषा को केवल उनके अनुयायी ही नहीं बल्कि प्राचीन वेद विज्ञान से लेकर आधुनिक विज्ञान भी स्वीकार करने पर विवश हो जाता है।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह : इतिहास के एक गुमनाम नायक जिन्हें मोदी सरकार ने उचित सम्मान दिया है
राजा महेंद्र प्रताप सिंह के व्यक्तित्व के कई आयाम थे। वे स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, लेखक, शिक्षाविद, क्रांतिकारी, समाजसुधारक और दानवीर भी थे।
रामप्पा मंदिर : जिसे मार्को पोलो ने ‘मंदिरों की आकाशगंगा का सबसे चमकीला सितारा’ कहा था
मंदिर की छत पर शिवजी की कहानियां उकेरी गई हैं तो दीवारों पर रामायण और महाभारत की। मंदिर में मौजूद शिवलिंग के तो कहने ही क्या! वो अंधेरे में भी चमकता है।
‘नारी की गरिमा पुरुष के मुकाबले में खड़े होने में नहीं, उसके बराबर खड़े होने में है’
नारी, ईश्वर की वो रचना जिसे उसने सृजन की शक्ति दी है; ईश्वर की वो कल्पना जिसमें प्रेम, त्याग, सहनशीलता, सेवा और करुणा जैसे भावों से भरा ह्रदय है। जो शरीर से भले ही कोमल हो लेकिन इरादों से फौलाद है। जो अपने जीवन में अनेक किरदारों को सफलतापूर्वक जीती है। वो माँ के रूप में पूजनीय है, बहन के रूप में सबसे खूबसूरत दोस्त है, बेटी के रूप में घर
आयुर्वेद और एलोपैथ मिलकर चलें तो भारतीय चिकित्सा विश्व के लिए पथप्रदर्शक सिद्ध हो सकती है
देखा जाए तो दोनों ही चिकित्सा पद्धतियाँ मानव जीवन के कल्याण के लिए आस्तित्व में आईं हैं। एक कल का विज्ञान है तो एक आज का। लेकिन इसके साथ साथ दोनों की ही अपनी सीमाएं भी हैं।
देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे पांच राज्यों के चुनाव
वर्तमान परिस्थितियों में इन राज्यों के चुनाव परिणाम ना सिर्फ इन राजनैतिक दलों का भविष्य तय करेंगे बल्कि काफी हद तक देश की राजनीति का भी भविष्य तय करेंगे।
क्या अपनी प्रासंगिकता खो रहा है किसान आंदोलन ?
देश इस बात को बहुत अच्छे से समझता है कि देश का किसान जो इस देश की मिट्टी को अपने पसीने से सींचता है वो देश के उस जवान पर कभी प्रहार नहीं कर सकता जो इस देश की आन को अपने खून से सींचता है।
‘जो भारत कल तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक था, अब वो हथियार निर्यात कर रहा है’
आज हमारे देश की अनेक सरकारी कंपनियां विश्व स्तर के हथियार बना रही हैं और भारत विश्व के 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है।