कोरोना संकट : ‘आज घर में रहना ही राष्ट्र सेवा और सावधानी ही दवा है’
आज 21वी सदी का अबतक का सबसे बड़ा संकट कोरोनावायरस – कोविड -19 हमारे सामने है। अपने आप को महाशक्ति कहने और कहलवाने वाले देशों ने भी अपने घुटने टेक दिए हैं। चीन के वुहान से निकला यह वायरस अब दुनिया भर को अपने चपेट में ले चुका है। अगर शुरू में ही चीन सच्चाई से नहीं भागता और सूचनाएं ना छुपाता तो शायद दुनिया आज इस वैश्विक
कोरोना की आपदा के इस दौर में स्वामी विवेकानंद के ‘प्लेग मेनिफेस्टो’ की प्रासंगिकता
कोरोनावायरस विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित हो गया है, इस संक्रमण से लगभग 4,720 लोगों की मृत्यु हो गयी और 128,343 से अधिक लोगों में इसकी पुष्टि की गई है। चीन के वुहान प्रान्त से उत्पन्न यह आपदा वास्तविक और आभासी दुनिया के समाचार, रिपोर्ट, गपशप और हर एक के लिए विचार-विमर्श का केंद्र बिंदु बन गया है।
पी. परमेश्वरन का जीवन-संदेश हमारी स्मृतियों में सदैव अमर रहेगा
समाज को संगठित, शक्तिशाली, अनुशासित और स्वावलम्बी करने के कार्य में जिन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण समर्पित कर दिया, ऐसे कर्म योगी माननीय परमेश्वरन जी अब हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन कभी आराम ना मांगने वाले, विश्राम ना मांगने वाले, ‘चरैवेति चरैवेति’ ऐतरेय उपनिषद का यह मंत्र अपने जीवन में एकात्म करने वाले परमेश्वरन जी हमारी