जेएनयू में नए युग का आगाज
उम्मीद जगती है कि अब जेएनयू में आयातित वामपंथी विचारधारा का वर्चस्व कम होगा तथा भारतीयता के विचारों को प्रोत्साहन मिलेगा।
जम्मू-कश्मीर में लिखी जा रही परिवर्तन की पटकथा की महत्वपूर्ण कड़ी है नयी भाषा नीति
पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘जम्मू कश्मीर अधिकारिक भाषा बिल 2020’ को पारित करते हुए जम्मू-कश्मीर के लिए नयी भाषा नीति की घोषणा कर दी गयी।
हिंदी पत्रकारिता में भाषा का संकटकाल
गंभीरतापूर्वक अवलोकन करें तो वर्तमान हिंदी पत्रकारिता में भाषा को लेकर कई प्रकार की समस्याएँ नज़र आती हैं। इनमें से एक बड़ी समस्या अंग्रेज़ी शब्दों के प्रति अत्यधिक आकर्षण की है।
प्रशासनिक ढाँचे को नए भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप आकार देगा मिशन कर्मयोगी
मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम भारतीय प्रशासनिक महकमे को भविष्य की चुनौतियों के साथ-साथ नवीन संभावनाओं के संधान के लिए भी तैयार करने वाला हैI
श्रमिक हितों के लिए ‘आपदा काल’ में भी मोदी सरकार का कामकाज ‘आदर्श’ रहा है
सिर्फ विपक्ष ही नहीं, मीडिया के एक ख़ास धड़े ने भी पत्रकारिता के बुनियादी सिद्धांतों की कब्र खोदते हुए श्रमिकों के पलायन पर बेहद गैरजिम्मेदाराना रुख दिखाया।
कोरोना काल में भी राष्ट्र सेवा की अपनी परंपरा को लेकर आगे बढ़ता संघ
देखा जाए तो संघ का ये इतिहास ही रहा है कि देश पर जब भी कोई बड़ी आपदा आई है, संघ के स्वयंसेवक उससे निपटने के लिए कृतसंकल्पित भाव से जुट गए हैं। फिर चाहें वो स्वतंत्रता के पश्चात् पाकिस्तान में हुए दमन से पलायन कर भारत आने वाले हिन्दुओं को आश्रय-भोजन देना हो या फिर 1962 और 1965 के युद्धों में प्रशासन के साथ मिलकर सैनिकों के लिए रसद आदि
कोरोना संकट के इस कठिन काल से और मजबूत होकर निकलेगा भारत!
एक तरफ जहां पड़ोसी चीन इस आपदा का व्यापारिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अनुचित इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहा, दूसरी तरफ भारत ने कोरोना से लड़ाई में केवल अपनी रक्षा ही नहीं की है, अपितु विश्व के अन्य देशों को भी सहयोग दिया है।
‘चार महीने में नहीं सुधरा तो ब्लैकलिस्ट होगा पाकिस्तान’
सरहद पर भारतीय जवानों द्वारा जहां पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है, वहीं वैश्विक मंचों पर भारतीय कूटनीति ने उसकी हालत खराब कर रखी है। गौरतलब है कि जून, 2018 में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए ग्रे सूची में डाला गया था। इसके बाद से अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी।
प्रक्रिया में बदलाव से सुपात्र नागरिकों तक पहुँच रहे पद्म सम्मान
वर्ष 2014 के बाद से बीते तीन-चार वर्षों में पद्म सम्मानों के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व और सकारात्मक परिवर्तन नजर आया है। इस दौरान ऐसे नामों की घोषणा देखने को मिली है, जो बिना किसी संपत्ति या सम्मान की लालसा के लम्बे समय से अपने-अपने क्षेत्र में उत्तम कार्य कर रहे।
मोदी के सवालों पर कांग्रेस की खामोशी उसके राजनीतिक पाखण्ड की ही कलई खोलती है
अभी देश में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर सरगर्मी है। इस क़ानून पर चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन से इतर कांग्रेस आदि विपक्षी दलों का रवैया भी चिंतित करने वाला है। ऐसे में कल प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के बरहेट में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस से कई सवाल पूछे