देशहित में जरूरी है एनआरसी का पूरे देश में लागू होना
बीते 20 नवम्बर को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एनआरसी पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि एनआरसी के द्वारा नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है।
राम जन्मभूमि फैसला : सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने वाला समाधान
9 नवंबर, 2019 की तारीख भारतीय इतिहास में सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने वाले एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हो चुकी है। इस दिन एक तरफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने लम्बे समय से चले आ रहे रामजन्मभूमि विवाद पर निर्णय देकर उसका समाधान किया तो वहीं दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान के बीच सिख समुदाय की आस्था से जुड़े करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत हुई।
जिम्मेदार विपक्ष की तरह व्यवहार करना कब सीखेगी कांग्रेस?
नोटबंदी 2016 में हुई थी और जीएसटी 2017 में पारित हुआ। इन दोनों निर्णयों के बाद हुए ज्यादातर राज्यों के चुनावों सहित इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस खासकर उसके युवराज राहुल गांधी ने इसे खूब मुद्दा बनाया। राफेल का राग भी गाया गया। लेकिन इन मुद्दों का कोई असर नहीं रहा और अधिकांश चुनावों में भाजपा को विजय प्राप्त हुई। लोकसभा चुनाव में तो पार्टी ने
वो पांच बातें जो बताती हैं कि नरेंद्र मोदी क्यों हैं देश के सबसे लोकप्रिय नेता
आज देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। मोदी के प्रधानमंत्रित्व ने चार वर्षों से अधिक का समय पूरा कर लिया है और अब अगले लोकसभा चुनाव की दुन्दुभी भी सुनाई देने लगी है। एक कार्यकाल पूरा करने के बाद प्रायः नेताओं की लोकप्रियता में कमोबेश गिरावट आ ही जाती है, लेकिन नरेंद्र मोदी इस मामले में अबतक अपवाद साबित होते नजर आ रहे हैं।
राफेल के शस्त्र पूजन का विरोध कांग्रेस की अभारतीय वैचारिकता का ही सूचक है
भारत में विजयदशमी पर शस्त्र-पूजन की प्राचीन परम्परा रही है, अतः फ़्रांस में ही राजनाथ सिंह ने सिन्दूर से ओम बनाकर तथा नारीयल-कलावा आदि चढ़ाकर राफेल का शस्त्र-पूजन किया। साथ ही पहियों के नीचे नींबू रखा गया। ये सब भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के व्यवहार थे, जिनका अबकी पहली बार विदेशी धरती पर भी निर्वहन करके रक्षा मंत्री ने देश का सीना चौड़ा किया है।
वर्तमान दौर में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं गांधी और शास्त्री के विचार
२ अक्तूबर की तारीख भारतीय स्वतंत्रता इतिहास की दो महान विभूतियों का जन्मदिवस लेकर आती है। जहाँ पहली विभूति हैं भारत समेत पूरी दुनिया को अहिंसा और सत्य का पाठ पढ़ाने वाले मोहनदास करमचंद गाँधी तो वहीँ दूसरी विभूति हैं स्वाभिमान और सादगी की जीवंत मूर्ति लाल बहादुर शास्त्री। ये कहने की आवश्यकता नही कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इन दोनों ही महापुरुषों का योगदान अकथनीय तथा
मोदी सरकार की कूटनीति से अनुच्छेद-370 पर दुनिया में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान
अनुच्छेद-370 पर पाकिस्तान का इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पड़ना यूँ ही नहीं हुआ है, इसके पीछे मोदी सरकार के लम्बे समय से किए जा रहे कूटनीतिक प्रयास हैं। इन प्रयासों के कारण ही आज भारत ऐसी कूटनीतिक लामबंदी करने में कामयाब हुआ है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर जहां भी जा रहा है, उसे मुंह की खानी पड़ रही है।
कबतक अपने बयानों से पाकिस्तान की मदद करती रहेगी, कांग्रेस!
भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाहट में है। वो लगातार इस मसले को विश्व पटल पर मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन दिक्कत ये है कि भारत की कूटनीतिक लामबंदी और बढ़ते वैश्विक प्रभाव के समक्ष चीन के सिवाय कोई भी देश इस मसले पर पाकिस्तान का साथ देने को तैयार नहीं नजर आ रहा है। चीन भी पूरी तरह से खुलकर उसका पक्ष नहीं ले पा रहा।
मोदी 2.0: इस सरकार ने सौ दिन में जितने बड़े काम किए हैं, कांग्रेस अपने पूरे शासन में नहीं की होगी
किसी सरकार के प्रारंभिक सौ दिन को उसकी आगे की कार्य-योजना के लिए एक प्रस्थान-बिंदु माना जाता है। अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे हुए हैं, तो यह देखना आवश्यक है कि प्रथम कार्यकाल से अधिक बहुमत से चुनकर आई यह सरकार किस नीति, नीयत और योजना के साथ आगे बढ़ रही है।
रचनात्मकता के अभाव में चर्चा में आने के नकारात्मक हथकण्डे
गत दिनों साहित्य, सिनेमा आदि के क्षेत्र से सम्बंधित देश के उनचास लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक सार्वजनिक पत्र लिखा। पत्र में ‘जय श्रीराम’ की तुलना ‘वॉर क्राई’ से करते हुए धर्म के नाम पर मुस्लिमों, दलितों की हत्या के मामलों पर चिंता जताई गयी है। इस पत्र के जवाब में इसी तरह की इकसठ अन्य हस्तियों, जिनमें अभिनेत्री कंगना रानावत, गीतकार प्रसून जोशी, निर्देशक मधुर भंडारकर, निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, गायिका मालिनी अवस्थी जैसे नाम शामिल हैं, ने भी एक पत्र जारी किया।