राजीव कुमार प्रकरण: ‘हर कोई चाहेगा कि उसके विरोधियों को भी ममता बनर्जी जैसी जीत मिले’
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही ममता बनर्जी का भाजपा के प्रति अत्यधिक विरोधी रुख कोई छिपी बात नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा और बंगाल में भाजपा की धमक तेज होने लगी है, वैसे-वैसे ममता का विरोध लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को तोड़ते हुए उग्र से उग्रतर होता जा रहा है। इसी विरोध का एक उदाहरण गत दिनों
राहुल गांधी की ‘भक्ति’ चुनावों के मौसम में ही क्यों जागती है?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी को चुनावों में जीत भले न दिलवा पा रहे हों, लेकिन अपनी गतिविधियों से चर्चा में जरूर बने रहते हैं। इन दिनों वे अपनी ‘शिव भक्ति’ को लेकर सुर्ख़ियों में हैं। अभी हाल ही में वे कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए थे, जिसके बाद से ही उनकी ‘भक्ति’ को लेकर राजनीतिक गलियारों का तापमान बढ़ा हुआ है। कांग्रेस जहां इसे राहुल की निश्छल
प्रियंका गांधी : परिवारवादी कांग्रेस में परिवारवाद के नए अध्याय की शुरुआत
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पार्टी का पूर्वी यूपी महासचिव एवं प्रभारी बनाने का ऐलान किया है। इसीके साथ अबतक पार्टी के चुनाव प्रचार में जब-तब नजर आती रहीं प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में आधिकारिक प्रवेश हो गया है। कहते हैं कि केंद्र की सरकार का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। ऐसा कहे जाने का कारण है कि यूपी सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाला राज्य है
कुम्भ केवल लोकरंजन का महोत्सव ही नहीं, लोक-कल्याण का साधन भी है
संगमनगरी प्रयागराज में मकर संक्रांति से आरम्भ हो चुके आस्था के लोक महोत्सव यानी कुम्भ मेले को लेकर देश भर के श्रद्धालुओं के बीच उत्साह और उल्लास का वातावरण एकदम प्रत्यक्ष है। दरअसल इस कुम्भ मेले में सिर्फ देश से ही नहीं वरन विदेशों से भी भारी संख्या में सैलानी आते हैं।
तथ्यों के धरातल पर बार-बार मात खाने के बावजूद राहुल राफेल-राफेल करने से बाज क्यों नहीं आ रहे!
राफेल पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद होना तो यह चाहिए था कि राहुल गांधी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले पर तथ्यहीन आरोप उछालने के लिए अपनी गलती मान लेते, लेकिन विद्रूप देखिये कि इसके बाद उनके सुर और ऊंचे हो गए। फैसले की एक पंक्ति पकड़कर वे सरकार को घेरने लग गए।
राहुल गांधी की किसान-कल्याण की सुई कर्जमाफी से आगे क्यों नहीं बढ़ रही?
कर्जमाफी के लोकलुभावन मुद्दे पर तीन राज्यों के चुनावों में जीत करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जैसे कर्जमाफी के अलावा और कुछ दिख ही नहीं रहा। गत दिनों उन्होंने कहा कि जबतक प्रधानमंत्री पूरे देश का कर्ज माफ़ नहीं करते, वे उन्हें सोने नहीं देंगे। इस बात से संकेत यही निकलता है कि लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी कर्जमाफी को मुद्दा बनाने वाले हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि कांग्रेस की किसान कल्याण की सुई कर्जमाफी से आगे क्यों नहीं बढ़ रही?
क्यों उठ रहे हैं कमलनाथ सरकार की कर्जमाफी पर सवाल?
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार का गठन हो चुका है। मुख्यमंत्री बनते ही कमलनाथ ने पार्टी के बड़े चुनावी वादे किसान कर्जमाफ़ी का ऐलान भी कर दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस द्वारा जारी वचन-पत्र से लेकर राहुल गांधी के भाषणों तक में कर्जमाफी का वादा प्रमुखता से दिखाई दिया था। जाहिर है, कांग्रेस पर इस वादे को पूरा करने को लेकर
नेशनल हेराल्ड : दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले से मुश्किल में कांग्रेस
गत 21 तारीख को नेशनल हेराल्ड मामले में एसोसिएट जर्नल्स लिमटेड (एजेएल) की तरफ से दायर याचिका पर आए दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल बीते अक्टूबर में भूमि विकास कार्यालय द्वारा कांग्रेस के स्वामित्व वाली एसोसिएट जर्नल्स को लीज समाप्ति के चलते नवम्बर में हेराल्ड हाउस खाली करने का नोटिस भेजा गया था।
उर्जित पटेल के इस्तीफे पर बेवजह का शोर
सितम्बर, 2016 में जब उर्जित पटेल ने आरबीआई गवर्नर का पदभार संभाला था, तब मोदी विरोधी खेमा उन्हें मोदी का बेहद करीबी आदमी बता रहा था। कहा जा रहा था कि उर्जित को इसलिए लाया गया है ताकि वे सरकार की आर्थिक नाकामियों को ढँक सकें। हालांकि देखा जाए तो उर्जित के आने के समय भारतीय अर्थव्यवस्था किसी बुरी स्थिति में नहीं थी।
मोदी सरकार की बड़ी सफलता, लंदन कोर्ट ने दी माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी
भारतीय बैंकों का पैसा लूटकर ब्रिटेन भागने वाले कारोबारी विजय माल्या को देश लाए जाने का रास्ता साफ़ हो गया है। लन्दन की कोर्ट में विजय माल्या के प्रत्यर्पण सम्बन्धी मामले में आज फैसला आया है, जिसमें अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। इस सुनवाई के दौरान भारत की तरफ से अदालत में सीबीआई संयुक्त निदेशक और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो