अनुच्छेद-370 हटने के बाद तेजी से बदल रहा जम्मू-कश्मीर, आतंकी घटनाओं में आई कमी
अनुच्छेद-370 हटने के बाद जो अनेक सकारात्मक संकेत हमें देखने को मिल रहे हैं, यही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास को सुनिश्चित करेंगे।
वैश्विक नेता के रूप में स्थापित होते प्रधानमंत्री मोदी
‘मॉर्निंग कन्सल्ट’ नामक सर्वे एजेंसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों को 75 प्रतिशत लोगों ने सही ठहराया है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा भारत की सांस्कृतिक पहचान का पुनरुत्थान
2014 में सत्ता में आने के बाद से ही भारत की सांस्कृतिक पहचान के पुनरुत्थान के क्रम में नरेंद्र मोदी सरकार लगातार प्रयासरत है।
बिहार चुनाव : जातीय समीकरणों को नहीं, विकास और सुशासन की राजनीति को मिला जनादेश
बिहार में मंगलवार की सुबह में स्थिति अलग दिख रही थी, लेकिन दोपहर होते-होते गेंद ने अपना पाला बदल लिया और अंततः राजग को 125 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ।
अमित शाह के बंगाल दौरे के निहितार्थ
पिछले अनेक चुनावों में हमने देखा है कि अमित शाह ने जब भी कोई चुनावी लक्ष्य तय किया है, तो अधिकांश बार वे कामयाब रहे हैं। अबकी बंगाल की बारी है।
पाबंदी के बावजूद हाथरस जाने वाले राहुल-प्रियंका आज बल्लभगढ़ क्यों नहीं जा रहे ?
फरीदाबाद में हुई निकिता की हत्या पर न असहिष्णुता गैंग को न्याय चाहिए न ही विपक्षी दल को। यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी दल ऐसी दोहरी मानसिकता दिखा रहे हैं
कोरोना से जंग में मजबूती से जीत की ओर बढ़ रहा भारत, सावधानी की है जरूरत
अभी देश कोरोना महामारी से लड़ाई में निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुका है, अतः अब विशेष रूप से सावधानी की जरूरत है ताकि शीघ्र ही हमें इसपर जीत हासिल हो।
पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हिंसा बताती है कि राज्य में ममता बनर्जी की जमीन खिसक रही है
हम चुनाव के आंकड़ों में देख सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में लगातार भारतीय जनता पार्टी सुदृढ़ होती जा रही है। मतलब साफ़ है कि जनता परिवर्तन चाहती है।
किसानों के हितों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है मोदी सरकार
वर्तमान सरकार ने अपने प्रथम कार्यकाल से ही 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है और सरकार इस दिशा में लगातार काम भी कर रही है।
मिशन कर्मयोगी : प्रशासनिक सुधारों की दिशा में मोदी सरकार की क्रांतिकारी पहल
सिविल सेवा में भर्ती के बाद की प्रक्रिया में किए गए सुधारों की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है, इससे निश्चित रूप से सिविल सेवा में रत कार्मिकों की व्यक्तिगत दक्षता बढ़ने के साथ-साथ संस्थागत विकास भी सुनिश्चित हो सकेगा।