लगातार राजनीतिक जमीन खो रही है आम आदमी पार्टी
पंजाब, गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश के बाद अब हरियाणा और महाराष्ट्र में भी आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त मिली है। साल भर पहले पार्टी ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव पूरे दमखम से लड़ने का ऐलान किया था और नवीन जयहिंद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 90 में से
कांग्रेस आलाकमान के लिए शुभ संकेत नहीं हैं हरियाणा-महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे
2014 के लोक सभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गईं थी लेकिन चाटुकार संस्कृति के हावी होने के कारण विरोध की आवाज दब गई। जिन नेताओं ने बागी तेवर दिखाया उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद कई राज्यों में कांग्रेस को करारी हार का सामना पड़ा लेकिन हाईकमान संस्कृति के खिलाफ बोलने का दुस्साहस बहुत कम कांग्रेसियों ने दिखाया।
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण की धुरी बनने की ओर बढ़ता भारत
वोट बैंक की राजनीति करने वाली पिछली कांग्रेसी सरकारों ने भारत में नवोन्मेषी संस्कृति के विकास की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया। उनका पूरा जोर दान-दक्षिणा वाली योजनाओं पर रहता था ताकि वोट बैंक की राजनीति चलती रहे। इस स्थिति को बदलने के लिए मोदी सरकार ने शोध व विकास संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र से देश को इनोवेशन हब में बदलने का आह्वान किया है।
सिमटते दायरे के बावजूद आत्ममंथन से कतराती कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी आज अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। 2017 में जब राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने थे तब देश को उम्मीद थी कि अब कांग्रेस में एक नए युग का सूत्रपात होगा और पार्टी पुरानी सोच से आगे बढ़ेगी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया
वन नेशन-वन ग्रिड से आएगी बिजली क्रांति
मोदी सरकार अब देश के समूचे परिवहन तंत्र को पेट्रोल-डीजल के बजाए बिजली आधारित करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही हैं ताकि पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में कमी लाई जा सके। सरकार ने 2020-21 तक रेलवे के समूचे ब्रॉडगेज नेटवर्क के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है।
मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में जुटी मोदी सरकार
इस साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण अनुकूल खेती पर जोर देते हुए रासायनिक उर्वरकों-कीटनाशकों के उपयोग को धीरे-धीरे कम करने और अंतत: इनका इस्तेमाल बंद करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक किसान के रूप में हमें धरती को बीमार बनाने का हक नहीं है।
बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने की पहल
हरित क्रांति के दौर में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल, फसल चक्र की उपेक्षा, जल संरक्षण पर ध्यान न दिए जाने से देश में मरुस्थलीकरण का दायरा बढ़ने लगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान तक सिमटे थार मरुस्थल ने अब हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।
मोदी की आलोचना करने वाले कांग्रेसी नेता अब उनकी तारीफ़ क्यों करने लगे हैं?
वर्षों से मोदी विरोधी नकारात्मक राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी को सद्बुद्धि आने लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने खुलेआम स्वीकार किया कि 2019 में मोदी सरकार की वापसी में उसके द्वारा 2014 से 2019 के बीच किए गए कार्यों की अहम भूमिका रही है। इसके बाद तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बोलने की होड़ लग गई।
घरेलू रक्षा उत्पादन में क्रांति लाने में कामयाब रही मोदी सरकार
जिस देश में एक पर्व (विजयदशमी) विशेष रूप में शस्त्र पूजन के लिए हो वह देश दुनिया में हथियारों का अग्रणी आयातक हो तो इसे विडंबना ही कहा जाएगा। देश में अस्त्र-शस्त्र निर्माण की बहुत पुरानी परंपरा रही है। आधुनिक संदर्भ में देखें तो भारतीय रक्षा उद्योग की नींव 200 साल पहले ब्रिटिश काल में रखी गई।
मुफ्तखोरी की राजनीति के जरिए अपनी नाकामियां छिपाने में जुटे हैं केजरीवाल
एक ओर मोदी सरकार सभी को चौबीसों घंटे-सातों दिन बिजली मुहैया कराने के लिए बिजली क्षेत्र में सुधारो को गति दे रही है तो दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुफ्त बिजली का पासा फेंककर सुधारों की गाड़ी को पटरी पर उतारने पर तुले हैं। गौरतलब है कि बिजली क्षेत्र को बदहाल बनाने में मुफ्त बिजली की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।