अनुच्छेद-370 हटाने का विरोध बताता है कि कांग्रेस ने पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं लिया है!
कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल सुधारते हुए मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने का ऐलान किया जिसके साथ जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया। इसे मोदी सरकार की कुशल रणनीति ही कहेंगे कि मोदी विरोधी पार्टियां भी सरकार के फैसले का साथ दे रही हैं। इनमें आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, बीजू जनता दल, एआईडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख हैं।
तीन तलाक बिल पर भी तुष्टिकरण की राजनीति के खोल से निकलने में नाकाम रही कांग्रेस
इसे नरेंद्र मोदी की राजनीतिक रणनीति की कामयाबी ही कहेंगे कि व्हिप जारी होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी के पांच सांसद मतदान के दौरान सदन से अनुपस्थित रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019’ को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया।
नल से जल : देश के हर घर तक पानी पहुँचाने की कवायदों में जुटी मोदी सरकार
जिस देश में चुनावी वायदों को अगले चुनाव तक के लिए भुला दिया जाता हो, वहां कैबिनेट की पहली बैठक में ही चुनावी वायदे को पूरा करने का समयबद्ध कार्यक्रम तय कर दिया जाए तो इसे आश्चर्य ही माना जाएगा। भारतीय जनता पार्टी ने 17वीं लोकसभा के चुनाव से पहले जारी संकल्प पत्र में वादा किया था कि सत्ता में वापसी पर जल प्रबंधन के लिए नए मंत्रालय का गठन किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव की करारी शिकस्त के बाद अस्तित्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस
पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद एक बार फिर कांग्रेस पार्टी का संकट सतह पर आ गया है। अब लोग यह अनुमान भी नहीं लगा पा रहे हैं कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस पार्टी में शुरू हुए इस इस्तीफा युग का अंत कब होगा। कभी देश के हर गांव-कस्बे तक उपस्थिति दर्ज कराने वाले पार्टी को यह दिन देखने पड़ेंगे, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था।
बजट 2019 : गांवों की तस्वीर बदलने की कवायद
भारतीय राजनीति की विडंबना रही कि यहां आजादी के बाद से ही खेती-किसानी के नाम पर राजनीति हुई, लेकिन गांवों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं आया। सरकारों ने वोट तो ग्रामीण विकास के नाम पर मांगा लेकिन विकास किया शहरों का। इसका नतीजा यह निकला कि शहर और गांव के बीच खाई बढ़ती गई।
वादे निभाने में नाकाम रहने के बाद अब मुफ्तखोरी की राजनीति पर उतरे केजरीवाल
मुफ्तखोरी की राजनीति का आगाज मुफ्त बिजली से हुआ था और इसने राज्य विद्युत बोर्डों को खस्ताहाल कर डाला। गठबंधन राजनीति के दौर में भारतीय रेलवे की भी कमोबेश यही दशा हुई। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली मेट्रो व बसों में मुफ्त यात्रा का प्रस्ताव देकर वोट बैंक की राजनीति को एक नया आयाम देने में जुट गए हैं।
‘भाजपा की चुनावी सफलता का सबसे बड़ा कारण मोदी सरकार के विकास कार्य हैं’
अब तक की सरकारें चुनावों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाती रही हैं। यही कारण है कि इन योजनाओं का स्वरूप दान-दक्षिणा वाला ही बना रहता था। मोदी सरकार ने पहली बार समाज के वंचित तबकों को हर तरह से सशक्त बनाने का काम किया।
मोदी की नीतियों से बदल रही स्वास्थ्य क्षेत्र की तस्वीर
2014 में प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने देश का स्वास्थ्य ढांचा सुधारने का बीड़ा उठाया। गौरतलब है कि देश में डॉक्टरों की भारी कमी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार देश में इस समय 1953 लोगों पर एक डॉक्टर है जबकि 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। मोदी सरकार ने 2027 तक देश में 1000 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध
जनभावनाओं को न समझने का नतीजा भुगत रही है कांग्रेस
2014 में मिली करारी पराजय के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने जनभावनाओं को समझने का प्रयास नहीं किया। वह गठबंधन के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में लग गई। इस क्रम में उसने कई विरोधाभाषी गठबंधन भी किए जिससे जनता में उसकी छवि बिगड़ी।
सैम पित्रोदा के बयान से एकबार फिर उजागर हुआ कांग्रेस का असली राजनीतिक चरित्र
तकनीकविद से राजनीतिज्ञ बने सैम पित्रोदा ने एक बार फिर कांग्रेस के असली चरित्र को उजागर करने का काम किया। 1984 के कांग्रेस प्रायोजित सिख विरोधी दंगों पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु ने कहा “1984 में दंगा हुआ तो हुआ।” इस प्रकार उन्होंने कांग्रेस प्रायोजित दंगे को छिटपुट घटना करार दिया। सिख विरोधी दंगों पर कांग्रेस पार्टी की