रमेश कुमार दुबे

अपने मौकापरस्त रहनुमाओं के कारण पिछड़ते मुसलमान

2014 के लोक सभा चुनाव में मिली करारी शिकस्‍त के बाद कांग्रेस पार्टी दो साल से इफ्तार पार्टी नहीं दे रही है। उत्‍तर प्रदेश में तो हद हो गई जब प्रदेश कांग्रेस ने दावत का निमंत्रण पत्र भेजने, होटल क्‍लार्क का मैदान बुक करने और मेन्‍यू तय होने के बावजूद आलाकमान के निर्देश पर अचानक इफ्तार पार्टी रद्द कर दी। यह वही कांग्रेस है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्‍ता में आने के बाद प्रधानमंत्री निवास पर इफ्तार पार्टी न दिए

इन तथ्यों से साफ हो जाता है कि राजनीति की उपज है मध्य प्रदेश का किसान आंदोलन !

यह एक हद तक सही है कि देश में किसानों की माली हालत ठीक नहीं है, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह अचानक देश के कई हिस्‍सों में किसानों का आंदोलन उठ खड़ा हुआ, उससे 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सक्रिय हुए पुरस्कार वापसी गिरोह की याद ताजा हो उठी। बाद में किसानों को आंदोलन के लिए भड़काने, सड़कों पर दूध बहाने से लेकर सब्‍जी फेंकने तक में कांग्रेसी नेताओं की संलिप्‍तता के ऑडियो-वीडियो

सूर्यास्त की ओर बढ़ती वामपंथी राजनीति

हर मुद्दे पर सिद्धांतवादी राजनीति का ढिंढोरा पीटने वाली वामपंथी राजनीति की असलियत उजागर करने वाले उदाहरणों की कमी नहीं है। ताजा मामला केरल की भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (सीपीआई) नेता एमएस गीता गोपी की बेटी की शादी का है, जिसमें सोने के गहनों से लदी उनकी बेटी की तस्‍वीर चर्चा का विषय बनी। क्‍या इतनी वैभवपूर्ण शादी सिद्धांतवादी राजनीति करने वाली पार्टी का कोई नेता बिना भ्रष्‍टाचार किए कर लेगा?

सौर ऊर्जा के ज़रिये हर घर बिजली पहुँचाने के लक्ष्य की तरफ बढ़ रही मोदी सरकार

आजादी के 70 साल होने को हैं, लेकिन ये आजादी के बाद लम्बे समय तक शासन में रहीं कांग्रेसी सरकारों की नाकामी ही है कि आज भी करोड़ों लोगों की जिंदगी सूरज की रोशनी में ही चहलकदमी करती है। इनके लिए रात में लालटेन व दीये की टिमटिमाती रोशनी ही सहारा है। लेकिन अब यह अतीत की बात होने वाली है, क्‍योंकि मोदी सरकार जिस रफ्तार से सौर ऊर्जा के जरिए अंधेरा मिटाने में जुटी है, उससे हर घर चौबीसों

नेहरू की ऐतिहासिक भूलों का परिणाम हैं देश की अधिकांश समस्याएँ

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने कश्‍मीर समस्‍या के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया। देखा जाए तो कश्‍मीर ही नहीं, देश में जितनी भी समस्‍याएं हैं उनमें से अधिकांश के लिए नेहरू परिवार की सत्‍ता लोभी राजनीति जिम्‍मेदार है। अपने को उदार साबित करने और विश्‍व में शांतिरक्षक का तमगा पाने के लिए नेहरू ने कई ऐसी भूलें की हैं, जिनका खामियाजा देश को सैकड़ों वर्षों तक भुगतना

मोदी सरकार देश में बिछाने जा रही पाइपलाइन का जाल, विकास को मिलेगी और रफ़्तार

मोदी सरकार की दूरगामी योजना देश को गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था में बदलने की है। फिलहाल देश के ऊर्जा सम्‍मिश्र में प्राकृतिक गैस की भागीदारी 7 फीसदी है, जो कि विश्‍व औसत से काफी कम है। सरकार अगले तीन वर्षों में इस अनुपात को 15 फीसदी तक बढ़ाना चाहती है। इस लक्ष्‍य को घरेलू उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी और सस्‍ती तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात के बल पर पूरा किया

कांग्रेस सरकारों की उपेक्षा से पिछड़े पूर्वोत्तर राज्यों को सँवारने में जुटी मोदी सरकार

शिलांग के स्‍वयंसेवी संगठन “भारत सेवाश्रम संघ” के शताब्‍दी समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी संसाधनों के बावजूद पूर्वोत्‍तर के पिछड़ने का कोई कारण नहीं है। देखा जाए तो पूर्वोत्‍तर के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस की “बांटो और राज करो” वाली नीति जिम्‍मेदार रही है। वोट बैंक की राजनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए कांग्रेस ने यहां के कबीलों को आपस में लड़ाकर अपना हित साधा। इसी

डेयरी क्षेत्र के विकास से यूपी के किसानों को मजबूती देने में जुटी योगी सरकार

योगी सरकार की ओर से किसानों को चार-पांच दुधारू मवेशी खरीदने के लिए सब्‍सिडी देने का फैसला किया गया है। सरकार जानती है कि दुग्‍ध प्रसंस्‍करण क्षमता में ढाई गुना की बढ़ोत्‍तरी आसान नहीं है। इसीलिए वह गुजरात की भांति चारागाह विकास, दूध की खरीद-बिक्री, भंडारण, प्रशीतन, प्रसंस्‍करण, पैकेजिंग संबंधी बुनियादी ढांचा भी बना रही है। इन कोशिशों के कामयाब होते ही डेयरी

केंद्र और यूपी सरकार के बीच हुए ‘पॉवर फॉर आल’ समझौते से ख़त्म होगा यूपी का बिजली संकट

सत्‍ता संभालने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जिला मुख्‍यालयों में 24 घंटे, तहसील में 20 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति का आदेश दिया। 100 दिनों में 5 लाख नए कनेक्‍शन देने के साथ-साथ जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए 48 घटे का समय दिया है। बिजली की मांग-आपूर्ति की खाई को बिडिंग के जरिए बिजली खरीद कर पूरा करने के साथ-साथ प्रदेश के

तकनीक के जरिये भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की दिशा में बढ़ती मोदी सरकार

2018 के अंत तक सभी प्रकार की उर्वरक सब्‍सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में भेजने की योजना है। इतना ही नहीं आगे चलकर सरकार जमीन की रजिस्‍ट्री, यात्रा की टिकट जैसे सभी क्रियाकलापों को आधार नंबर से जोड़ेगी। इससे न केवल भ्रष्‍टाचार पर लगाम लगेगी बल्‍कि व्‍यक्‍तिगत स्‍तर पर सेवाओं तक आसान पहुंच बनेगी और सरकारी कामकाज भी सरल हो जाएगा। स्‍पष्‍ट है, प्रधानमंत्री नरेंद्र