व्यक्तिवाद और परिवारवाद से ग्रस्त हो चुकी है कांग्रेस, पतन तो होना ही है!
वर्तमान केंद्र में भाजपा सत्ता में है जबकि विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा…
हताशा, निराशा और लगातार मिल रही हार से बीमार होती कांग्रेस
वर्तमान राजनीति में कांग्रेस आज जिस मुहाने पर खड़ी है उसे देश के हर व्यक्ति, अपने नेता और कार्यकर्ता, यहाँ तक कि हर नेता और राष्ट्रीय नेतृत्व तक को अपने आप पर भी भरोसा नहीं है। असल में हर-जीत के बीच यह एक प्रकार का मानसिक अवसाद है जिसमें शक, शंका, अविश्वास आदि का आना स्वाभाविक है।
दरकती ही जा रही है उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राजनीतिक जमीन
वैसे तो कांग्रेस आज भी कहने को राष्ट्रीय पार्टी ही है लेकिन सबसे अधिक लोकसभा और विधान सभा की सीटों वाले प्रदेश में उसकी स्थिति कैसी है, यह किसी से छिपा नहीं है। अगर राजनैतिक लोकप्रियता और स्वीकार्यता के ग्राफ को समझना है तो उसके लिए यह देखना बेहद जरूरी है कि बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेशों में पार्टी का चुनावी प्रदर्शन कैसा रहा है। कांग्रेस पार्टी की लोकप्रियता का आलम यह है पिछले लोकसभा चुनाव में और उसके बाद के सभी विधानसभा चुनावों में, किसी भी राज्य में कांग्रेस की स्थिति दयनीय से अलग नहीं रही है।