एनबीएफसी को मजबूत करने की पहल
एनबीएफसी को वर्तमान पूँजी संकट के भंवर से निकालने के लिये रिजर्व बैंक ने दिशा-निर्देश जारी किया है साथ ही साथ 5000 या उससे ज्यादा कारोबार करने वाले एनबीएफसी को एक जोखिम अधिकारी नियुक्त करने के लिये निर्देशित किया गया है, ताकि जोखिम की स्थिति में एनबीएफसी खुद संकट से बाहर निकल सकें। उम्मीद है कि रिजर्व
जीएसटी के कारण कर संग्रह में हो रही वृद्धि
वित्त वर्ष 2018-19 में मासिक जीएसटी राजस्व 981 अरब रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है। इससे संकेत मिलता है कि हाल के महीनों में राजस्व वृद्धि ने जोर पकड़ा है। मार्च में कुल जीएसटी संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है, जिसमें केंद्रीय जीएसटी 203 अरब रुपये, एसजीएसटी 275 अरब रुपये और आईजीएसटी 504 अरब रुपये रहा। इसके अलावा केंद्र सरकार को उपकर मद में 82 अरब रुपये
मोदी सरकार की नीति से बचेंगे बीएसएनएल और एमटीएनएल
एक समय टेलीकॉम बाजार में राजा की तरह राज करने वाले भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) आज अकुशल प्रबंधन, ग्राहक सेवा की दयनीय स्थिति, उत्कृष्ट उत्पादों की कमी आदि के कारण दिवालिया होने के कगार पर आ गये हैं। सरकार इन दोनों टेलीकॉम ऑपटेटरों को 13,000 करोड़ रुपये के बेलआउट
कारोबार करना सुगम होने से चीन को छोड़ भारत आ सकती हैं 200 अमेरिकी कम्पनियाँ
अमेरिका और चीन के बीच चल रही कारोबारी लड़ाई का फ़ायदा भारत को मिलने की संभावना बन रही है। यह खबर है कि दोनों देशों के बीच चल रहे कारोबारी जंग की वजह से 200 अमेरिकी कंपनियाँ भारत में अपना कारोबार शुरू कर सकती हैं। ऐसा होने से भारत में निवेश बढ़ेगा, रोजगार में वृद्धि होगी, घरेलू मुद्रा में मजबूती आयेगी, उत्पादों की मांगों में इजाफा होगा और मुद्रास्फीति में कमी आने से
मोदी सरकार की नीतियों से बढ़ रहा देश का विदेशी मुद्रा भण्डार
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अप्रैल, 2019 को 1.10 अरब डॉलर बढ़कर 414.88 अरब डॉलर हो गया, जो 28,758 अरब रुपये के बराबर है। रिजर्व बैंक के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में व्यक्त किया जाता है, लेकिन इसपर पाउंड स्टर्लिंग, येन जैसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का भी प्रभाव पड़ता है।
नीतिगत दरों में कटौती से आमजन को राहत मिलने के आसार
शक्तिकांत दास के अनुसार नीतिगत दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को देना ज्यादा जरूरी है, अन्यथा कटौती का मकसद बेकार हो जायेगा। पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता के अनुसार बैंकों ने दरों में 10 से 12 आधार अंक की कटौती की है और नीतिगत दरों में और कटौती करने और नकदी की स्थिति में सुधार होने से बैंक कर्ज की दरों में और भी कटौती कर सकते हैं।
घोषणापत्र : भाजपा के वादे हैं व्यावहारिक, कांग्रेस के वादे यथार्थ के धरातल से दूर
चुनावी घोषणापत्र महज वादों का पिटारा नहीं होना चाहिये। इसमें देश के विकास की वैसी तस्वीर पेश की जानी चाहिये, जिसे मूर्त रूप दिया जा सके। बहरहाल, चुनावी रणभूमि में देश की दोनों प्रमुख पार्टियां, भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने घोषणा पत्र को पेश कर दिया है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र का नाम दिया है, जबकि कांग्रेस ने ‘हम निभाएंगे’ लिखा है।
मोदी राज में बढ़ रही गांधी के खादी की लोकप्रियता
महात्मा गांधी ने कुटीर उद्योग के माध्यम से देश की आर्थिक समृद्धि का जो सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिये केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के अधीनस्थ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग एवं अन्य माध्यमों से लगातार प्रयास कर रहा है। आयोग गर्मियों के लिए सिली-सिलाई कुर्तियां, कमीजें, सलवार-कमीज, कुर्ता-पायजामा, साड़ियाँ तथा सर्दियों के लिए
मोदी राज में बढ़ रही भारतीयों की क्रय क्षमता, कम हो रही गरीबी
वित्त वर्ष 2005-06 से लेकर 2015-16 के दौरान यानी 10 सालों में गरीबी दर घटकर आधी रह गई है। गरीबी दर पहले 55 प्रतिशत थी, जो घटकर अब 28 प्रतिशत हो गई है। गरीबी मापने वाले सूचकांक में आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि 10 संकेतकों को शामिल किया जाता है। गरीबी मापने वाले सूचकांक के अनुसार इन 10 सालों में 27.1 करोड़ लोग गरीबी की दलदल से बाहर
भारत के लिए व्यावहारिक और कारगर नहीं है न्यूनतम आय गारंटी योजना
दुनिया में ऐसी योजना की सफलता की बात कुछ अर्थशास्त्री कर रहे हैं, लेकिन ऐसे प्रयोग कुछ सीमित लोगों या छोटे देशों पर किये गये हैं, जिसके आधार पर भारत जैसे बड़े और विविधता से परिपूर्ण एवं बड़ी आबादी वाले देश में इसे सफलता पूर्वक लागू नहीं कराया जा सकता है। भारत में न्यूनतम आय गारंटी योजना को लागू करने के लिये 36 खरब रूपये की दरकार होगी