बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में अव्वल मोदी सरकार
बिजली, स्वच्छता और सड़क ये बेहद जरूरी बुनियादी सुविधायें हैं और मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में इन मोर्चों पर उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसे खारिज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि मोदी सरकार द्वारा किये गये कार्य आंकड़ों के आईने में साफ-साफ नज़र आ रहे हैं।
सरकार के प्रयासों से सुधर रही बैंकों की हालत, कम हो रहा एनपीए
सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप कई कॉरपोरेट ऋणदाताओं ने दिसंबर, 2018 की तीसरी तिमाही में अपनी परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया है, जिससे बैंकों के एनपीए में कमी आई है। एनपीए में कमी आने और वसूली में तेजी आने से आने वाले दिनों में बैंकों की वित्तीय स्थिति में और भी सुधार आने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2019 की तीसरी
उनसठ मिनट में कर्ज से एमएसएमई उद्योगों के विकास को मिल रही गति
क्रेडिट सुइस द्वारा 1 मार्च, 2019 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि (https://www.psbloansin59minutes.com) ऑनलाइन लोन पोर्टल अपने आगाज के 3 महीनों के अंदर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) को कर्ज उपलब्ध कराने का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया है। वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक सहित 21 कर्जदाता इस पोर्टल के माध्यम से एमएसएमई कारोबारियों को कर्ज उपलब्ध करा रहे हैं।
आयुष्मान भारत को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने की कवायदों में जुटी सरकार
आयुष्मान भारत योजना के आगाज के बाद से ही शहरी इलाकों में लाभार्थियों की पहचान में मुश्किलें आ रही थीं, जिसके कारण इस योजना का लाभ अपेक्षित संख्या में लोग नहीं ले पा रहे थे। अस्तु, योजना के आगाज के बाद से ही लाभान्वितों की संख्या बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जा रहा था। इसी संदर्भ में सरकार के नुमाइंदों ने एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्विगी और जोमैटो सहित 21 निजी कंपनियों के साथ करार करने का प्रस्ताव किया है
आरबीआई द्वारा रेपो दर में कमी से अर्थव्यवस्था को और अधिक गति मिलने की संभावना
रिजर्व बैंक ने नये गवर्नर की अगुआई में रेपो दर में कटौती करके समीचीन फैसला किया है। अब बारी है बैंकों की। अगर बैंक कर्ज ब्याज दर में कटौती करते हैं तो इसका सीधा फायदा कर्जदारों को मिल सकता है साथ ही साथ इससे रोजगार सृजन में इजाफा तथा अर्थव्यवस्था को भी और अधिक गति मिल सकती है।
न्यूनतम मजदूरी में पांच गुना तक वृद्धि का प्रस्ताव, आएंगे मजदूरों के अच्छे दिन!
केंद्र सरकार ने मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में इजाफा करने के लिये वीवी गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट के फेलो अनूप सत्पथी के नेतृत्व में विगत वर्ष एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट का प्रकाशन 11 फरवरी को किया गया है
किसानों की तकदीर बदलने वाला है ये बजट
किसानों की समस्या को दूर करने एवं कृषि से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लियेकेंद्रीय बजट 2019-20 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बनाने की घोषणा की गई है,जिसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को एक सुनिश्चित आय सहायता के रूप में दी जायेगी।
देश के अन्नदाता की समस्याओं को दूर करने वाला सर्वसमावेशी बजट
अंतरिम बजट में किसानों को अधिकतम लाभ देने की कोशिश की गई है। मनरेगा के लिये 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे गाँवों को निकट के शहरों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
सरकार के सुधारों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में हो रही वृद्धि
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में किये जा रहे सुधारों के कारण जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका पता वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किये गये आंकड़ों से चलता है। आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत कंपनियों/कारोबारियों में से 71.25 प्रतिशत ने नवंबर, 2018 में जीएसटी मासिक रिटर्न दाखिल किया था, जबकि जुलाई, 2018 में यह 80 प्रतिशत था। जनवरी, 2018 में 87.4 प्रतिशत रिटर्न दाखिल गया था, जबकि अगस्त, 2017 में यह 92.6 प्रतिशत था।
बहुआयामी नीतियों से किसानों की आय दोगुनी करने की ओर बढ़ रही मोदी सरकार
मोदी सरकार का मकसद किसानों की समस्या का निदान करना है, न कि लोकलुभावन योजनाओं के माध्यम से उन्हें लुभाना। उदाहरण के तौर वर्ष 2008 में कृषि कर्ज माफी का नारा दिया गया था, लेकिन 5 से 6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में से केवल 72,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई और केवल 52,500 करोड़ रुपये माफ किया गया, जिसका