सरकार के आर्थिक सुधारों का दिख रहा असर, कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की बड़ी छलांग!
केंद्र सरकार ने देश में निवेश को प्रोत्साहन देने और कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के सुधार किये हैं, जिसे तकनीकी भाषा में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ कहते हैं। पिछले वर्ष ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने रिकॉर्ड 30 पायदान सुधार कर 100वां स्थान हासिल किया था। इसबार वह 190 देशों की सूची में 23 पायदान की छलांग लगाते हुए 77वें स्थान पर पहुँच गया है। इसकी जानकारी 31 अक्तूबर, 2018 को जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट “डूइंग बिजनेस 2019-सुधार के लिए
मोदी इफ़ेक्ट : ‘2014 तक आयकर भरने वाले 3.79 करोड़ थे, जो अब बढ़कर 6.85 करोड़ हो गए हैं’
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के अनुसार 1 करोड़ रूपये से अधिक आय अर्जित करने वाले करदाताओं की संख्या वित्त वर्ष 2017-18 में 68 प्रतिशत बढ़कर 1 लाख 40 हजार हो गई, जो वित्त वर्ष 2013-14 में 89 हजार थी। इस अवधि में एक करोड़ से अधिक आय दिखाने वाले करदाताओं में बड़े कारोबारी, फर्म्स, हिंदू अविभाजित परिवार आदि शामिल हैं। इधर,
आईएमएफ ने माना कि आगे भी चीन से तेज रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार!
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपने हालिया वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक में लिखा है कि वित्त वर्ष 2019 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020 में 7.4 प्रतिशत रहेगा, जबकि आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019 के लिये चीन के जीडीपी के 6.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने की बात कही है। वित्त वर्ष 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7
बाजार उधारी कम करने से आएगी राजकोषीय घाटे में कमी
नकदी और बॉन्ड यील्ड पर दबाव कम करने के लिये सरकार वित्त वर्ष 2018-19 में सकल बाजार उधारी में 700 अरब रुपये की कटौती करेगी, जिससे राजकोषीय घाटे में कमी आयेगी। अक्टूबर, 2018 से मार्च, 2019 के दौरान सरकार 2.47 लाख करोड़ रूपये बाजार उधारी को कम करेगी। पहली छमाही यानी अप्रैल, 2018 से सितंबर, 2018 की अवधि में सरकार बाजार उधारी को
आयुष्मान भारत : किसको और कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ, जानिये सब बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची से प्रधानमंत्री “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) की औपचारिक शुरुआत 23 सितंबर, 2018 को की। इस योजना को ‘मोदी केयर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसे आजादी के बाद की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना माना जा रहा है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को
जीएसटी के जरिये ई-कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजे से बढ़ेगा राजस्व
नये नियमों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत टैक्स डिड्क्कशन एट सोर्स (टीडीएस) एवं टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) देना होगा। इसके लिये केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने उन कंपनियों के लिए ऑडिट और समाधान फॉर्म जारी किया है, जिनका कारोबार 2 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा है। दरअसल, इस नियम
8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना भारत!
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की श्रेणी में ले जाने के लिये जब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर को दहाई अंकों में ले जाने की बात कही, तो लोगों को यह बात कोरी कल्पना लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार देश में कारोबार करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये विगत 4 सालों में अनेक कदम उठाये
99 प्रतिशत नोटों के वापस आ जाने से नोटबंदी विफल कैसे हो गयी?
भारतीय रिजर्व बैंक ने 29 जुलाई को 1 जुलाई, 2017 से 30 जून, 2018 की अवधि की अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक बड़े मूल्य वर्ग की मुद्रा, जिसमें 500 और 2000 रूपये के नोट शामिल हैं का कुल मुद्रा संरचना में 80.6% हिस्सा है। विमुद्रीकरण के पहले बड़े मूल्य वर्ग की मुद्रा, जिसमें 500 और 1000 रूपये के नोट शामिल थे का कुल मुद्रा संरचना में
पॉर्टेबल पेट्रोल पंप से जन-जीवन होगा आसान
देश में पेट्रोल पंपों की उपलब्धता के नजरिये से भारत को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में विभाजित किया जा सकता है। शहरी क्षेत्रों में पेट्रोल अमूमन आसानी से मिल जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पेट्रोल पंपों की संख्या अभी भी नगण्य है, जिसके कारण ग्रामीणों को खेतों की सिचाई करने या खेतों को जोतने हेतु पम्पसेट या ट्रैक्टर में पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिये नजदीक के शहरों में
ये आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार की नीतियों से बढ़ रहे रोजगार के अवसर
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अनुसार वर्ष 2018 में बेरोजगारी की दर भारत में 3.5 प्रतिशत रहेगी, जबकि चीन में यह 4.8 प्रतिशत होगी। आईएलओ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 1 से 2 दशकों में भारत के सेवा क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हुए हैं। इसके अनुसार भारत, बांग्लादेश, कंबोडिया और नेपाल में असंगठित क्षेत्र में करीब 90 प्रतिशत कामगार हैं, जिसमें