वैश्विक स्तर पर मजबूत होती भारतीय अर्थव्यवस्था
कोरोना महामारी की वजह से अनेक देशों की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गई है, लेकिन भारत में सरकार की समीचीन नीतियों और आमजन में बढ़ती जागरूकता की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है।
मोदी सरकार की नीतियों से चमकीली होती भारत की जीडीपी
जीडीपी, अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को मापने का पैमाना है। इसके तहत देश के भीतर एक निश्चित अवधि के दौरान सभी वस्तु एवं सेवा का क्या मूल्य रहा था, इसका पता लगाया जाता है।
अर्थव्यवस्था को गति देने वाली मौद्रिक समीक्षा
रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले निर्णय मौद्रिक समीक्षा में लिए हैं, जिसका फायदा निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था और आम आदमी को मिलेगा।
जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि के निहितार्थ
जीएसटी संग्रहण में सीजीएसटी का हिस्सा 23,978 करोड़ रुपए रहा, आईजीएसटी का हिस्सा 66,815 करोड़ रूपये और राज्यों का हिस्सा यानी एसजीएसटी 31,127 करोड़ रुपए रहा।
अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है बैंकों का निजीकरण
केंद्र सरकार संसद के इस शीतकालीन सत्र में निजीकरण से जुड़े विधेयक को पारित कर सकती है। इस सत्र में सरकार ने कुल 26 विधेयकों को संसद में पारित करने..
सुधार की राह पर तेजी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था
कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने से अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर तेजी से सुधार हो रहा है। राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है जिससे राजकोषीय घाटा में कमी आ रही है।
फिनटेक से हो रहा है बैंकों को लाभ
रिजर्व बैंक यह भी चाहता है कि फिनटेक कंपनियों की क्षमता का समुचित दोहन करने के लिये इस क्षेत्र में निवेश के प्रवाह को हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाये।
ये तथ्य बताते हैं कि आर्थिक सुधारों के कारण मजबूती की ओर बढ़ रहे भारतीय बैंक
कोरोना महामारी के बावजूद भी देश में सरकारी बैंकों के प्रदर्शन में सुधार आया है, जो बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती की ओर इशारा करता है।
बैड बैंक से फँसे कर्ज की वसूली की राह होगी आसान
एक अनुमान के अनुसार बैड बैंक 5 लाख करोड़ से अधिक के फंसे कर्ज के समाधान में कारगर हो सकती है। साथ ही, इसके दूसरे भी फ़ायदे हैं।
सुधार की राह पर आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था
अर्थव्यवस्था में सुधार आने की वजह से लाखों की संख्या में नये खुदरा निवेशक हाल ही में शेयर बाजार से जुड़े हैं। बीएसई शेयर सूचकांक 60,000 अंकों के स्तर को पार कर चुका है