सतीश सिंह

वैश्विक रेटिंग एजेंसियों के आईने में भी मजबूत नजर आ रही भारतीय अर्थव्यवस्था

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान पहले के 10.8  प्रतिशत से बढ़ाकर 13.7 प्रतिशत कर दिया है।

मौद्रिक समीक्षा में विकास पर रहा जोर

एक फरवरी को पेश किए गए बजट में भी विकास की गति को तेज करने पर बल दिया गया था और 5 फरवरी को पेश की गई मौद्रिक समीक्षा में भी रिजर्व बैंक ने महँगाई को नियंत्रण में रखते हुए अर्थव्यवस्था को गुलाबी बनाने के लिये अनेक उपाय किये हैं।

बैड बैंक से होगा फंसे कर्ज का इलाज, मिलेगी बैंकिंग क्षेत्र को मजबूती

बैड बैंक में सरकार कोई निवेश नहीं करेगी और न ही इसमें सरकार की शेयरहोल्डिंग होगी। बैड बैंक बाजार भाव पर बैंकों से उनका डूबा कर्ज खरीदेगा, जिससे अधिक एनपीए वाले बैकों की बैलेंसशीट अच्छी हो जायेगी

आर्थिक गतिविधियों को गति देने वाला बजट

बजट में आधारभूत संरचना खास करके ग्रामीण आधारभूत संरचना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, बैंकिंग क्षेत्र, एमएसएमई क्षेत्र आदि को मजबूत बनाने पर विशेष ज़ोर दिया गया है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहा सुधार

कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुक़ाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।

कोरोना से लड़ाई में भारत का उम्दा प्रदर्शन

एक तरफ, भारत में कोरोना वायरस के आक्रमण की धार कुंद पड़ गई है, तो दूसरी तरफ भारत ने कोरोना वायरस का टीका आम लोगों को लगाने की तैयारी भी पूरी कर ली है।

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार हो रहा सुधार

अर्थव्यवस्था के सभी मानकों में लगातार सुधार होने से अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है। जीएसटी संग्रह में और भी इजाफा होने की उम्मीद है।

किसानों के हित में हैं नए कृषि कानून, सवालों के घेरे में किसान आंदोलन

नये कृषि क़ानून से किसान एपीएमसी मंडी के बाहर भी अपनी उपज को वाजिब कीमत पर बेच सकेंगे और जरूरत पड़ने पर अपनी उपज का भंडारण भी कर सकेंगे।

कोरोना से लड़ाई में अव्वल रहे यूपी-बिहार और गुजरात, महाराष्ट्र और केरल साबित हुए फिसड्डी

बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों ने कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग में देश में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।

मौद्रिक समीक्षा : वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद आगे बढ़ती रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखना रिजर्व द्वारा उठाया गया समीचीन कदम है। मौजूदा समय में बैंकिंग प्रणाली में ऋण देने के लिए पर्याप्त नकदी है।