मायावती ‘देवी’ हैं तो क्या उनके भक्त खुलेआम महिलाओं को गाली देंगे ?
यह भारतीय राजनीति का गिरता स्तर ही है कि गाली के प्रतिकार में गाली दी जा रही है। दरअसल, पिछले सप्ताह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी ने सूबे की सियासत में भूचाल ला दिया। जाहिर है कि दयाशंकर सिंह ने मायावती के लिए बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था जो किसी भी महिला के लिए अपमानजनक था।
शाह फैजल के किन्तु-परन्तु में भारत और कश्मीर कहां है?
2009 के आईएएस टॉपर शाह फैजल के दर्द भरे लेख को पढ़ लेने वाले देश के अधिकांश लोगों के मन में ये अहसास गहरा सकता है कि दरअसल भारत सरकार ने कश्मीर के साथ संवाद का गलत तरीका अपनाया है। शाह फैजल ने अपने लेख में लगातार बताया है कि गलत तरीके से हो रहे संवाद से कश्मीर लगातार भारत से दूर होता जा रहा है। शाह का लेख दरअसल एक कश्मीरी की भावनाओं को सामने लाता है। लेकिन, ये भावनाओं से ज्यादा उस डर को ज्यादा सामने लाता है, जिसमें कश्मीर के आतंकवाद, अलगाववाद के खिलाफ बोलने से हर कश्मीरी की जिंदगी जाने का खतरा है
संघ बनाम गांधी हत्या: हर आरोप निकले झूठे, बेदाग़ साबित हुआ संघ
राहुल गांधी पर सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के बहाने संघ और गांधी हत्या की बहस एकबार फिर चल पड़ी है। हालांकि अदालत के आदेश के बाद एकबार और यह साबित हुआ है कि राजनीतिक और वैचारिक षड्यंत्र के तहत ही गांधी हत्या के मामले में आरएसएस को घसीटा गया था।
पूर्वांचल को अच्छे दिनों की सौगात, मोदी ने पूरा किया गोरखपुर में किया वादा
आजादी के बाद से अपेक्षा का शिकार पूर्वी उत्तर प्रदेश अर्थात पूर्वांचल के लिए 22 अगस्त का दिन ऐतिहासिक रहा, जब प्रधानमंत्री ने खाद कारखाना और एम्स का शिलान्यास किया। 28 साल से बंद पड़े फार्टिलाइजर कारखाने को पुनर्संचालित करने एवं एम्स के शिलान्यास से निश्चित तौर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का गति मिलेगी
कौन रच रहा दलित राजनीति के बहाने अशांति फैलाने की साजिश ?
इसमें कोई शक नहीं कि आज भी हमारे समाज में तमाम समस्याएं और कुरीतियाँ बनी हुईं हैं। समाज में अभी भी व्यापक सुधारों की जरूरत है। अभी हाल में गुजरात के ऊना तहसील स्थित समयीयाड़ा गाँव में दलित समुदाय के कुछ लोगों की पिटाई का मामला सामने आया, जिसके बाद वहां विरोध प्रदर्शन आदि हुए।
बदलेगी पूर्वांचल की तस्वीर, मोदी सरकार ने निभाया वादा
केन्द्र सरकार की विकासवादी सोच का ही नतीजा है कि विगत कई दशक से बेरोजगारी, बुनियादी सुविधाओं और राजनीतिक दुराग्रह की मार झेल रहे पूर्वांचल को वर्षों से बंद पड़े खाद कारखाना और एम्स के रूप में उम्मीदों की एक नई उपहार मिलने वाला है। इस योजना का सीधा लाभ पूर्वांचल के दस जिलों को होगा।
बेदाग़ संघ के ऊपर दाग लगाने वालों को पड़ा सर्वोच्च अदालत का चाबुक
आजादी के बाद से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ वैचारिक स्तर पर हमले होते रहे हैं। संघ के खिलाफ नियोजित ढंग से तथ्य गढ़ने और उन्हें कुतकोर्ं से साबित कराने के लिएअलग-अलग दौर में कांग्रेस की सरकारों द्वारा भी बुद्धिजीवियों की एक बड़ी लॉबी तैयार की गयी। वामपंथी विचार वाले प्रोफेसर्स, इतिहासकार, साहित्यकार सहित तमाम लोगों द्वारा संघ के खिलाफ एक आम एका तैयार करके दशकों से संघ को बदनाम करने की कोशिश की जाती रही है। वैसे तो वामपंथी विचारधारा के लेखकों द्वारा संघ पर तमाम आरोप लगाये जाते रहे हैं लेकिन उन सभी आरोपों में सर्वाधिक बार यह आरोप लगाया जाता है कि गांधी की हत्या संघ द्वारा की गयी थी।
ऊर्जा सुधारों ने विश्व में पहचान दिलाई
अनुपमा ऐरी किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले भारत के बिजली क्षेत्र ने कभी ऐसे सुधार नहीं देखे थे जैसे पिछले दो सालों में देखे हैं। ऐसा नहीं है कि बिजली क्षेत्र में सुधारों पर अतीत में बात नहीं होती थी लेकिन न जाने क्यों वे उड़ान लेने में विफल रहे और सिर्फ
गुलाम नबी को तो हीलिंग टच चाहिए, पर बाकी देश को क्या चाहिए?
अभिरंजन कुमार कश्मीर में गुलाम नबी आज़ाद हीलिंग टच की बात कर रहे थे। 70 साल से वहां हीलिंग टच ही हो रहा था। अगर किसी की फीलिंग में हीप्रॉब्लम हो, तो कब तक हीलिंग करें? हीलिंग करते-करते तो दो-दो पाकिस्तान बन गए। हमारा आधा कश्मीर फंसा हुआ है। बचे हुए आधे कश्मीर की भी समूची
डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जीः अखंड भारत के स्वप्न द्रष्टा
शैलेन्द्र कुमार शुक्ल जब भारत स्वतंत्र हुआ और देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू बने तब उनकी नीति राष्ट्र नवनिर्माण की थी, जिसका सीधा अर्थ पश्चिम का अंधानुकरण और भारतीयता को तिलांजली देना था। वे भारतीय संस्कृति को पश्चिम के पास गिरवी रख देना चाहते थे। इसके विपरीत डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और उनके साथियों का