देश को तोड़ने वाली राजनीति का उदाहरण है कर्नाटक सरकार का अलग झंडे का राग
कर्नाटक को मानो की किसी की नजर लग गई है। कथित तौर पर हिन्दी थोपे जाने को लेकर वहां के कुछ शरारती तत्व सड़कों पर उतर आते हैं। कावेरी जल के बंटवारे के प्रश्न पर उधर तमिलों को पीटा जाता है। अब कर्नाटक फिर से नकारात्मक कारणों से सुर्खियों में हैं। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्य के लिए अलग झंडे और सिंबल के लिए एक्शन में आ गई है।
बंगाल हिंसा : इखलाक और जुनैद पर आंसू बहाने वाले कार्तिक घोष पर सन्नाटा क्यों मारे हुए हैं ?
कार्तिक घोष न तो जुनैद बन पाया और न ही अखलाक। कार्तिक के लिए तथाकथित सेकुलरों से लेकर स्वघोषित मानवाधिकारवादियों ने जंतर-मंतर पर जाकर कैंडिल मार्च भी नहीं निकाला। बता दें कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना में बीते दिनों भड़की खूनी सांप्रदायिक हिंसा में कार्तिक को अपनी जान गंवानी पड़ी। ये देश के सेकुलरानों का मिजाज है। कोई हिन्दू मारा जाए तो उफ तक न करो। कोई मुसलमान भीड़ का शिकार हो तो
भारत को मिल रही थी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की सदस्यता, नेहरू ने चीन की झोली में डाल दिया !
भारत-चीन के बीच आजकल सीमा विवाद बेहद गंभीर रूप ले चुका है। स्थिति युद्ध वाली बन रही है। चीन का रुख बेहद आक्रामक है। यह वही चीन है, जिसे भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनवाने में अहम रोल अदा किया था पंडित जवाहर लाल नेहरु के सौजन्य से। उनका चीन प्रेम जगजाहिर था।
मोदी और ट्रंप की मुलाकात के बाद अब आतंकवाद पर होगा और जोरदार प्रहार
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात पर दुनिया की निगाहें थीं। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के इन राष्ट्राध्यक्षों की इस पहली मुलाकात से काफी कुछ बेहतर निकलने की उम्मीद की जा रही थी। ये मुलाकात विशेष रही भी। मोदी से अपनी वार्ता से पहले ट्रंप ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, ऐसे महान प्रधानमंत्री का स्वागत करना
लालू यादव बताएं कि ये हजार करोड़ की संपत्ति कमाने के लिए उन्होंने कौन सी ‘मेहनत’ की है ?
लालू के परिवार के सदस्यों की संपत्ति अगर आयकर विभाग स्थाई तौर पर जब्त कर ले तो वे बिहार के ऐसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री होंगे जिन पर बेनामी संपत्ति कानून के तहत कार्रवाई होगी। पर, लालू इससे भी शर्मसार होने वाले नहीं हैं। लालू एक अजीब नेता हैं। वे अमीरों पर बरसते हुए खुद धन्नासेठ हो गए। याद नहीं आता कि लालू एंड फैमिली ने बिहार के अवाम का दुख-दर्द दूर करने के लिए भी कोई बड़ी पहल की हो।
एनडीटीवी प्रकरण : सरकार के खिलाफ खूब बोलने के बाद कहते हैं कि सरकार बोलने नहीं दे रही !
एनडीटीवी पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक को कथित तौर पर 48 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में छापा मारा। छापे एनडीटीवी के सह संस्थापक और सह अध्यक्ष प्रणव रॉय और उनकी पत्नी राधिका राय के ग्रेटर कैलाश स्थित आवास पर मारे गए।
कश्मीर पर पाकिस्तान की भाषा बोल रही है कांग्रेस !
कश्मीर को स्थायी रूप से राख में डालने का काम इसी कांग्रेस के बड़े नेता और देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने किया था। उसे देश भुगत रहा है। तब पाकिस्तान ने बल प्रयोग से कश्मीर को हथियाने की कोशिश की। लेकिन, कश्मीर के नए प्रधानमंत्री मेहरचन्द्र महाजन के बार-बार सहायता के अनुरोध पर भी नेहरू के नेतृत्व वाली भारत सरकार उदासीन रही।
कन्नूर में यूथ कांग्रेस के लोगों ने जो किया, वैसी हरकतें कांग्रेस की बची-खुची लुटिया भी डुबो देंगी!
केरल के कन्नूर में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा गाय काटने की घटना निहायत घटिया, शर्मनाक और शैतानी हरकत है। इसे देश में गाय के नाम पर माहौल को बिगाड़ने की साज़िश माना जाना चाहिए। ऐसे लोगों को सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए। यह मत भूलिए कि केरल के कन्नूर जिले में लगातार भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं की हत्याएं भी हो रही हैं।
परेश रावल की लानत-मलानत करने वाले अरुंधति राय के इन ‘कारनामों’ पर क्या कहेंगे ?
हिन्दी फिल्मों के बेहतरीन चरित्र अभिनेता और बीजेपी सांसद परेश रावल के पीछे सारी सेक्युलर बिरादरी हाथ धोकर पड़ गई है। परेश रावल ने कश्मीर में आर्मी की जीप से एक युवक को बांधकर घुमाने वाले मामले पर ट्वीट किया कि किसी पत्थरबाज को जीप से बांधने से अच्छा है अरुंधति राय को बांधो। इस ट्वीट पर तगड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। वाम और तथाकथित सेकुलर ब्रिगेड के पैरोकार परेश रावल की लानत-मलानत करने में
समाजवादी पार्टी के लिए तो अब यही कहेंगे कि रस्सी जल गयी, मगर बल नहीं गया !
उत्तर प्रदेश विधानसभा में विगत सोमवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों ने जिस तरह का आचरण किया, उससे लोकतंत्र कलंकित जरूर हुआ। वे जिस तरह से माननीय राज्यपाल राम नाईक पर कागज के गेंदें उछल रहे हैं, वो बेशक शर्मनाक है। उत्तर प्रदेश एक दौर में देश की प्राण और आत्मा माना जाता था। कहते थे, जो उत्तर प्रदेश आज सोचता है, उसे शेष देश दो दिनों के बाद सोचता है।