अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। इसमें मूलभूत सुविधाओं का विकास, ढांचागत निर्माण कार्य, शिक्षा स्वास्थ्य, सड़क कनेक्टिविटी आदि सभी क्षेत्र शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नगर निगम चुनाव की दृष्टि से अनेक क्षेत्रों में जनसभा कर रहे हैं। वह स्थानीय मुद्दों के साथ ही प्रदेश मे विकास और कानून व्यवस्था का उल्लेख करते हैं। इस क्रम में पिछले दिनों हुई उनकी अयोध्या यात्रा का व्यापक महत्व है। छह वर्ष पहले तक अयोध्या उदास और उपेक्षित थी। विदेशी आक्रांताओ ने यहां विध्वंस किया। आजादी के बाद अपने को सेक्युलर बताने वाली सरकारों को काशी मथुरा अयोध्या का नाम लेने में झिझक होती थी। यहां पर्यटन के अनुरूप विकास करने में संकोच होता था। नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ने इस धारणा को बदल दिया।
केवल अस्था ही नहीं, तीर्थाटन और पर्यटन की दृष्टि से तीर्थ नगरों का विश्व स्तरीय विकास शुरू किया गया। योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए दीपोत्सव से अयोध्या की उदासी का अंधेरा छँटने लगा। सैकड़ों वर्षों की श्री रामलीला परम्परा में नया अध्याय जुड़ा। श्रीराम-जानकी, हनुमान जी, लक्ष्मण जी का अभिनय करने वाले प्रतीकात्मक पुष्पक विमान से आते हैं। प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री उनका अभिनन्दन करते हैं। आरती उतारते हैं।
दूसरी तरफ अब मन्दिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही हजारों करोड़ रुपये की योजनाए क्रियान्वित हो रही हैं। मेडिकल कालेज, इंटरनेशनल एयर पोर्ट बन रहे हैं। अयोध्या की उदासी दूर हुई है। इसी के साथ एक सन्देश भी निर्मित हो गया – तमसो मा ज्योतिर्गमय अर्थात् अंधेरे से ज्योति की ओर बढ़ने का प्रतीक बन गयी है अयोध्या। दूसरा सन्देश असत्य पर सत्य की जीत का था। कार्तिक मास की गहन अंधकार वाली अमावस्या की रात्रि अयोध्या दीयों की रोशनी से नहा गई थी। दीपों का यह पर्व भारत की सांस्कृतिक अस्मिता को सम्पूर्ण प्रकाश के साथ अभिव्यक्त करने का अवसर बन गया।
अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। इसमें मूलभूत सुविधाओं का विकास, ढांचागत निर्माण कार्य, शिक्षा स्वास्थ्य, सड़क कनेक्टिविटी आदि सभी क्षेत्र शामिल हैं।
अयोध्या मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, राम की पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चौरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं।
इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी हैं। इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थ यात्रियों के ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं।
सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास हो रहा है। ग्रीनफील्ड सिटी योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरयू तट पट विकास, पैंसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। अयोध्या को स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है।
योगी आदित्यनाथ ने अपनी हालिया अयोध्या यात्रा के दौरान कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा। अयोध्या के आस-पास लगभग दो हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं कार्य चल रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले जो लोग अयोध्या का नाम लेने व आने में कतराते थे। आज उनमें अयोध्या आने की होड़ लगी है। हर व्यक्ति देखना चाहता है कि आखिर अयोध्या में क्या है। नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि मुक्ति के इस अभियान को जो स्वरूप दिया उसका परिणाम है कि इस वर्ष के अंत तक राम मंदिर के भव्य मंदिर निर्माण का काम पूरा होगा। तब अयोध्या दुनिया की सुंदरतम नगरी में से एक होगी। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को नगर निगम के रूप में मान्यता प्रदान की थी। आज अयोध्या देश की पहली सौलर सिटी बनने वाली है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी है तो सोलर एनर्जी का प्रयोग होगा। यह कार्यक्रम लागू करने की तैयारी हो रही है। खाली छत घर की बिजली की आवश्यकताओं की पूर्ति करेगी। कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, नहरों, सरयू मैया के किनारे चारों ओर सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन का कार्य होगा और उससे अयोध्या जगमग करती रहेगी।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)