भीम एप : नक़दी रहित अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा, भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

नये साल के तोहफे के रूप में मोदी सरकार ने भारत की जनता को एक ऐसा माध्यम दिया है, जिसके इस्तेमाल से न केवल नोट की समस्या का समाधान होगा बल्कि बैंक की कतार या बैंक जाने से ही राहत मिल सकती है । जाहिर है कि 8 नवंबर को मोदी सरकार ने नोटबंदी जैसा साहसिक कदम उठाया उसके बाद से ही विपक्ष ने  सरकार के इस एतिहासिक फैसले को खोखला तथा विफल बताने की बेजा कोशिश में आजतक लगा हुआ है मगर, शायद ही किसी के जेहन में यह विचार आया हो कि इस फैसले से भारत में कैशलेस अर्थव्यवस्था और डिजिटल मनी को बढ़ावा दिया जा सकता है। जाहिर है, कथित रूप से देशहित का ढिंढोरा पीटने वाले विपक्षियों का लक्ष्य यही है कि नोटबंदी से हुई आम जनता की तकलीफों को वोटबैंक के रूप में भुना सके। हालांकि उन्हें इसमें सफलता बिलकुल भी नहीं मिली और जनता सब तकलीफों के बावज़ूद सरकार के निर्णय के साथ खड़ी नज़र आयी।

यू. पी. आई आधारित एप्लीकेशन्स में ‘भीम’ सबसे सरल और आसानी से समझ आने वाला ऎप है। बहरहाल, विरोधियों के स्वर तो अब भी ऊँचे है जो इस बार साइबर सिक्योरिटी का हवाला देकर इस पहल को नाकाम करने की साजिश कर रहे है। हालाँकि सुरक्षा के नज़रिये से भी देखा जाए तो भीम बहुत ही सुरक्षित है, इसमें यु.पी.आई. पिन के अलावा  उंगलियो के निशान से आप अपने एप को जोड़ सकते हैं, जिसके बिना वो नही खुल सकता। इस प्रकार भीम एप वाकई मौजूदा दौर में एक कामयाब पहल है, जिसके जरिये कैशलेस अर्थव्यवस्था को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही टैक्स चोरी, भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से लड़ने में भी सहायक सिद्ध होगा।

बहरहाल, सरकार ने नोटबंदी के बाद इस तरफ सबका ध्यान आकर्षित किया कि हमारा आर्थिक लेन–देन बगैर नक़दी के भी संभव है और इस दिशा में सरकार ने बड़ी सक्रियता से काम भी किया। नये साल पर सरकार ने डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम पर ‘भीम’ एप लांच किया। भीम एप को समझने से पहले ही अंधविरोधीयों ने एप की खिल्ली उड़ना शुरू कर दिया, लेकिन जिस तरह से इस एप को तैयार करते समय हर छोटी–बड़ी चीजों का ध्यान रखा गया है, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि यह ‘भीम’ एप कैशलेस लेन–देन के लिए ब्रह्मास्त्र साबित होगा। BHIM – भारत इंटरफ़ेस फ़ॉर मनी यू. पी. आई पेमेंट (यू. पी. आई. पेमेंट उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसके माध्यम से दो बैंक खातो में मोबाइल के माध्यम से पैसे का लेन-देन होता है) एंड्राइड एप्लिकेशन है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति कही से भी कभी भी बिना किसी रुकावट या छुट्टी-समय की सीमा से मुक्त रहते हुए बैंक का लेन-देन कर  सकता है। भीम न केवल आपके लेन- देन को सुविधाजनक बनाता है, बल्कि आपको अपने बैंक खाते का पूरा ब्यौरा रखने की भी सुविधा देता है। एक बार इस एप्लीकेशन को अपने फ़ोन पर डाउनलोड करने के बाद आपको इसका इस्तेमाल करना भी बेहद सरल लगेगा। बहुभाषी होने के साथ-साथ इस एप्लीकेशन में आपको अलग से न तो प्राप्तकर्ता(पेयी) को जोड़ने की आवश्यकता है, न ही पैसे खाते में जमा करने के लिए खाता क्रमांक जानने  की। साथ ही, आप बिना किसी रुकावट तुरंत पैसा किसी भी खाते में जमा कर सकते है। फिर चाहें दिन हो या रात, ईद हो या दिवाली, हर वक्त आप इस एप की सहायता से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।

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गौरतलब है कि भीम के साथ आप केवल मोबाइल नंबर के जरिये पैसा भेज सकते है और इसके लिए आपको खाते में इंटरनेट बैंकिंग जैसी चीज़ों की भी आवश्यकता नही पड़ेगी। यू.पी. आई. पिन के अलावा आप अपने उंगलियो के निशान का इस्तेमाल भी ऑथेंटिकेशन के लिए कर सकते है। इस ऐप को काम करने के लिए डेटा की भी कोई आवश्यकता नही पड़ेगी। मतलब अगर आपके फोन में इंटरनेट नहीं है, तब भी आप इससे पैसे दूसरे खाते में भेज सकेंगे। इस एप में आपको आपके बैंक खाते का ब्यौरा भी मिलेगा, वो भी बिना किसी अन्य एप को डाउनलोड किये बिना। ग्राहक सेवा केंद्र के नंबर भी इस ऐप में मौजूद है, जिनका जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें स्कैन और पे करने का भी विकल्प है, जिसके माध्यम से आप पैसे दुकान पर आसानी से दे सकते हैं तथा जिससे आप अपना क्यू,आर,कोड आसानी से प्राप्त कर सकते है तथा अन्य लोग आपको भुगतान कर सके। कुल मिलाकर इस एप को आम लोगो की सुविधा के हिसाब से तैयार किया है, जिससे आम जनमानस भी कैशलेस को लेकर सहज हो सकें। यहाँ ध्यान देने योग्य है बात है कि भीम के नाम से कई नकली एप भी आपको इन्टरनेट पर मिल सकते हैं, इसलिए जरूरी हो जाता है कि एप डाउनलोड करते समय उसके डेवलपर अर्थात बनाने वाली संस्थान का नाम और वर्णन अवश्य देखे। नेशनल पेमेंट कॉर्पोराशन ऑफ इंडिया द्वारा ही भीम ऎप को निर्मित किया गया है, जिसका उल्लेख भी डाउनलोड करते वक़्त देखा जा सकता है।

विशेषज्ञ कहते है कि यू. पी. आई आधारित एप्लीकेशन्स में ‘भीम’ सबसे सरल और आसानी से समझ आने वाला ऎप है। बहरहाल, विरोधियों के स्वर तो अब भी ऊँचे है जो इस बार साइबर सिक्योरिटी का हवाला देकर इस पहल को नाकाम करने की साजिश कर रहे है। हालाँकि सुरक्षा के नज़रिये से भी देखा जाए तो भीम बहुत ही सुरक्षित है, इसमें यु.पी.आई. पिन के अलावा  उंगलियो के निशान से आप अपने एप को जोड़ सकते हैं, जिसके बिना वो नही खुल सकता। साथ ही, आपके फोन नंबर से लिंक होने के कारण यह केवल आपके मोबाइल पर ही मौजूद होगा अन्य किसी मोबाइल में आपके मोबाइल नंबर से भीम को खोलना आपके अलावा किसी और के लिए मुमकिन नही होगा। इस तरह से भीम वाकई मौजूदा दौर में एक कामयाब पहल है, जिसके जरिये कैशलेस अर्थव्यवस्था को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही टैक्स चोरी, भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से लड़ने में भी सहायक सिद्ध होगा।

(लेखिका पत्रकारिता की छात्रा हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)