यूपी चुनाव : भाजपा की परिवर्तन यात्रा में उमड़ रहा जनसैलाब, विपक्षियों के ध्वस्त हो रहे समीकरण

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी धाक जमाने और जनता के दिलों में घर बनाने के लिए भाजपा एड़ी-चोटी का दम लगाकर तैयारियां कर चुकी है। परिवर्तन ना सिर्फ जमीनी स्तर पर हो, बल्कि इस परिवर्तन की लहर लोगों के दिलों-दिमाग पर भी छा जाए, इसके लिए चुनाव प्रचार करने का अनोखा तरीका अपनाते हुए परिवर्तन यात्रा शुरू कर दी। भाजपा की इस परिवर्तन यात्रा का जोर उत्तर प्रदेश की जनता पर कुछ इस तरह से सवार होता दिख रहा है कि लोगों के सिर पर ये उतरने का नाम ही नहीं ले रहा है। लोगों के सिर पर परिवर्तन की लहर इस कदर सवार है कि लोग मोदी की रैली हो या फिर किसी भी भाजपा नेता की रैली को सिर्फ उसी को तवज्जों दे रहें हैं। हर रैली में उम्मीद से ज्यादा जनसैलाब भाजपा नेताओं को सुनने के लिए उमड़ रहा है। वहीं, विपक्षी पार्टियों की रैलियों से लोग गायब दिख रहे, ज्यादातर पार्टी कार्यकर्ताओं के भरोसे ही उनकी रैलियाँ होती दिख रही है। संभव है कि कुछ लोगों को इन कार्यकर्ताओं द्वारा पैसे देकर बुलाया जा रहा है। उमड़े जनसैलाब के आगे सारी पार्टियां विवश हो चुकी है। सब जानते है कि प्रदेश में इस बार वही मोदी की लहर है, जो लोकसभा चुनावों में चली थी। मोदी की लहर के आगे सबके हाथ-पैर फूल गए हैं।

खुद को संभालने के लिए विपक्ष द्वारा लगातार प्रहार किए जा रहें हैं। कभी प्रधानमंत्री मोदी को कोई नेता झूठा बता रहा है, तो कभी कोई नेता मोदी को जुमले वाला शख्स करार देकर सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन, जनता विपक्षियों के इन आधारहीन दावों को धता बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों में जुटकर अपना समर्थन स्पष्ट कर रही है। कहा जाता है कि जनता के सामने किसी की नहीं चलती। लोकतंत्र में जनता जनार्दन है, उसका फैसला सर्वोपरि है और जिस तरह से उत्तर प्रदेश में भाजपा के परिवर्तन यात्रा की लहर चली है, उससे समझा जा सकता है कि प्रदेश की जनता का रूझान किस तरफ है।

भाजपा नेता अमित शाह एक बार फिर रण क्षेत्र में उतरकर भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इन चुनावों में सबसे खास बात यह है कि जो नेता पहले किसी चुनाव प्रचार में जनता का रूझान अपनी तरफ करते थे, वो इन चुनावों में मैदान में उतरे हैं। नितिन गडकरी मंच से कांग्रेस और सपा पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, आदित्यनाथ अपने क्षेत्र में बाजी मारने की तैयारी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी परिवर्तन यात्रा में कई जनसैलाब से भरी रैलियों को संबोधित कर चुके हैं।

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राहुल गांधी नोटबदी के लिए मोदी को निशाना तो बना रहे हैं, लेकिन उनका यह दांव फेल ही नज़र आ रहा है। जनता खुलकर नोटबंदी को स्वीकार कर देश से कालेधन को खत्म करने की मांग कर रही है। राहुल गांधी की जनसभा में जुटने वाली नाम मात्र की भीड़ इस बात की तस्दीक करती है कि यूपी की जनता उन्हें तनिक भी स्वीकृति देने के मूड में नहीं है। वैसे भी राहुल गांधी के दांवों और वादों में कितना दम होता है, जनता इसे बखूबी जानती है।

खुद को संभालने के लिए विपक्ष द्वारा लगातार प्रहार किए जा रहें हैं। कभी प्रधानमंत्री मोदी को कोई नेता झूठा बता रहा है, तो कभी कोई नेता मोदी को जुमले वाला शख्स करार देकर सुर्खियां बटोर रहा है। लेकिन, जनता विपक्षियों के इन आधारहीन दावों को धता बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों में जुटकर अपना समर्थन स्पष्ट कर रही है। कहा जाता है कि जनता के सामने किसी की नहीं चलती। लोकतंत्र में जनता जनार्दन है, उसका फैसला सर्वोपरि है और जिस तरह से प्रदेश में भाजपा के परिवर्तन यात्रा की लहर चली है, उससे समझा जा सकता है कि प्रदेश की जनता का रूझान किस तरफ है।

(लेखिका पेशे से पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)