उत्तर प्रदेश को अगर देश की राजनीतिक धड़कन कहा जाये तो यह गलत नहीं होगा। ऐसे में, जबकि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को हैं, जाहिर सी बात है कि देश का सियासी पारा गर्म तो होगा ही। उत्तर प्रदेश की तमाम राजनीतिक उठापटक के बीच केंद्र में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी की क्या स्थिति है, क्या योजनाएं हैं। पार्टी किन मुद्दों के आधार पर उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल में उतर रही है, इसी की टोह लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी अरुण सिंह से बातचीत की स्वतंत्र पत्रकार प्रभांशु ओझा ने। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
सवाल – समय प्रबंधन एक बड़ा मुद्दा है। तमाम जनसभाओं को संबोधित करना और साथ ही साथ संगठन के कार्यों में भी उतनी ही सक्रियता के साथ भागीदारी। आप कैसे मैनेज करते है इन सबको ?
अरुण सिंह – यह बात सही है कि संगठन के कार्य और आम जन के बीच अनवरत सक्रियता में समय प्रबंधन एक प्रमुख मुद्दा होता है। परन्तु यह ऊर्जा भी मै इन्ही व्यस्तताओं के बीच हासिल करता हूँ। जब संगठन के कार्यों में व्यस्त होता हूँ, तो एक आम कार्यकर्त्ता का जूनून मुझे यह ऊर्जा देता है और जब सभाओं और रैलियों में जाता हूँ, लोगों से जनसंपर्क करता हूँ तो अपने देश के मेहनतकश किसान और ऊर्जावान युवाओं को देखकर मुझे ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।
सवाल – उत्तर प्रदेश में चुनाओं की घोषणा हो चुकी है। आप वहां भाजपा की स्थिति किस रूप में देखते हैं ? उत्तर प्रदेश में पार्टी किन प्रमुख चुनावी मुद्दों के साथ मैदान में है ?
अरुण सिंह – केंद्र में उत्तर प्रदेश की जनता द्वारा विशाल जनसमर्थन के बाद आगामी विधानसभा चुनाओं में भारतीय जनता पार्टी पुनः पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इतिहास रचने जा रही है। इसबार उत्तर प्रदेश उत्तर देने को तैयार है। काला धन, भ्रष्टाचार और विकास के झूठे वादों का बदला उत्तर प्रदेश की जनता इस बार लेने जा रही है। भारतीय जनता पार्टी माननीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में एक स्वस्थ, विकसित और खुशहाल उत्तर प्रदेश के निर्माण को लेकर प्रतिबद्ध है। एक ऐसा प्रदेश जहाँ आम इन्सान चैन की सांस ले सके।
सवाल – नोटबंदी का कितना असर पड़ेगा चुनावों पर ?
अरुण सिंह – नोटबंदी से आम जन में जहाँ ख़ुशी की लहर है, वहीँ कालेधन और काले इरादों वाले लोग डरे हुए हैं। जहाँ तक नोटबंदी के चुनावी परिणामों की बात है तो इस फैसले के पीछे भाजपा का इरादा किसी चुनावी लाभ की बजाय भ्रष्टाचार की लम्बी विषबेल और कालेधन की उस समनांतर अर्तव्यवस्था को ख़त्म करना था, जो गैर भाजपा सरकारों के दौरान लगातार फलती-फूलती रही है। परन्तु आप परिणामों से इनका आकलन करना ही चाहें तो विभिन्न निकाय चुनावों में भाजपा को मिले एकतरफा जनसमर्थन को देख सकते हैं। उत्तर प्रदेश की जनता भी इस इस फैसले के स्वागत को बेताब है। यह जरूर है कि टिकट बेचनें वाली पार्टियों की कमर टूटी है।
सवाल – समाजवादी पार्टी की फूट को आप किस रूप में देखते हैं ?
अरुण सिंह – समाजवादी पार्टी अपने ही बिछाए जाल में उलझती जा रही है। प्रदेश की जनता के साथ इन्होने जो अन्याय किया है, उसके लिए जनता इन्हें कभी माफ़ करने वाली नहीं है। ये चाहे जितने ड्रामे कर लें ।
सवाल – सपा और कांग्रेस गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसका चुनाव के परिणामों पर कितना फर्क पड़ेगा ? क्या भारतीय जनता पार्टी के किसी प्रकार के गठबंधन में शामिल होने की संभावना है ?
अरुण सिंह – कांग्रेस का हश्र आप देख रहे हैं कि लगातार जनता द्वारा ख़ारिज की जा रही है। समाजवादी पार्टी का अस्तित्व खुद संकट में है। वो भला कांग्रेस को क्या बचा पाएगी। यह गठबंधन अवसरवादिता का गठबंधन है जो मुँह की खाएगा। भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगी। लगातर मिल रहा अपार जनसमर्थन इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। भारतीय जनता पार्टी को कुछ क्षेत्रीय दलों का भी समर्थन मिल रहा है, मगर पार्टी की तरफ से पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की सभी सीटों पर ‘कमल’ के निशान के साथ ही उम्मीदवार मैदान में जाएँगे।
सवाल – आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि जातीय समीकरणों के आगे विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे गौण हो जाते हैं। चुनावों के दौरान क्या इस बार भी वही समीकरण पुनः दोहराए जाएँगे ?
अरुण सिंह – भारतीय जनता पार्टी ने कभी भी भी संकीर्ण मुद्दों पर राजनीति नहीं की। उत्तर प्रदेश के साथ ‘मुलायम’ हाथों ने कितनी कठोरता बरती है, यह किसी से छुपा नहीं है। उत्तर प्रदेश में अपराध का, महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा और भ्रष्टाचार का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। संकीर्ण मुद्दों पर राजनीति करने वाली पार्टियों का सच अब जनता जान चुकी है और इस बार उन्हें माफ़ नहीं करेगी। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम एक ऐसे राष्ट्र की ओर उन्मुख हैं जहाँ विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य की लहर जन-जन तक पहुंचे। सबके पास रोजगार हो, जिससे जीवन की न्यूनतम आवश्यकताओं को लोग पूरा कर सके। एक ऐसे समाज का निर्माण हो जहाँ कोई उपेक्षित न रह जाए, जहाँ महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा हो। ईमानदार व्यक्ति चैन की सांस ले और अपराधियों में डर हो। जिस समाज का सपना कभी श्रद्धेय दीनदयाल उपाध्याय ने देखा था। अटल जी की भाषा में कहूँ तो
‘स्वप्न देखा था कभी जो अब वो हर धड़कन में है/ इक नया भारत बनाने का इरादा मन में है’
सवाल – राम मंदिर पर क्या मानना है आपका ?
अरुण सिंह – राम मंदिर भारतीय जनता पार्टी के लिए कभी भी राजनीति का विषय नहीं रहा। यह हमारे लिए आस्था और श्रद्धा का विषय है। राजनीति का विषय कांग्रेस और दूसरे क्षेत्रीय दलों ने इसे बनाया है और उनकी इस राजनीति को अब उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ इस देश का हर नागरिक समझ चुका है। भारतीय जनता पार्टी न्याय व्यवस्था पर पूर्ण भरोसा करती है और यह मामला भी कोर्ट में लंबित है।