भाजपा की इस परिवर्तन यात्रा को बंगाल चुनाव की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। इस यात्रा के माध्यम से व्यापक जनसंपर्क अभियान को गति प्रदान की जाएगी। यात्रा का शुभारंभ भाजपा के लिए उत्साहजनक रहा है। यह यात्रा करीब एक महीने तक चलेगी। इसके अंतर्गत पांच रथ यात्राएं निकाली जाएंगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी तक जनसभाओं में जय श्री राम के उद्घोष से परेशान हुआ करती थीं। अब भाजपा द्वारा यहां शुरू की गई यात्रा के नाम ने भी उन्हें बेचैन किया है। बात केवल नाम की होती तब भी गनीमत थी। इस यात्रा को तो शुभारंभ पर ही भारी जनसमर्थन मिला है।
भाजपा ने इसे ‘परिवर्तन यात्रा’ का नाम दिया है। वस्तुतः इस यात्रा के साथ एक विचार भी जुड़ा है। यह ममता बनर्जी को पसंद नहीं, लेकिन बंगाल में इस विचार की लोकप्रियता बढ़ रही है। इसमें राज्य सरकार से संबंधित अनेक सवाल भी शामिल हैं। इनका जबाब मुख्यमंत्री के लिए देना मुश्किल है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने परिवर्तन यात्रा का शुभारंभ किया। उन्होने तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनेक प्रश्न किये। दरअसल तृणमूल कांग्रेस भी कृषि कानून विरोधी हंगामे में शामिल है। लेकिन उसे किसानों की कितनी चिंता है, इसे केंद्रीय योजनाओं के संदर्भ में समझा जा सकता है। ममता बनर्जी की नाराजगी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से है। इस नाराजगी को वह अपने ही राज्य के किसानों पर उतार रही है। जेपी नड्डा ने इसका उल्लेख किया।
उन्होंने नदिया जिले के नवदीप में परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ से पहले मालदा के शाहपुर में किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों से बेपरवाह है। दरअसल ममता सरकार की हठधर्मिता के कारण केंद्र से किसान सम्मान निधि के तहत भेजे जाने वाली सहायता बंगाल के किसान को नहीं मिल रही है।
ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य के सत्तर लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत भेजे जाने वाले छह हजार रुपये की सालाना मदद से वंचित रखा है। वह किसानों के साथ अन्याय कर रही हैं।
जेपी नड्डा ने मालदा जिले में विशाल रोड शो किया। इस रोड शो में उमड़े जनसैलाब से उत्साहित नड्डा ने कहा कि जिस तरह का जनसैलाब रोड शो में उमड़ा है वह इस बात का संकेत है कि बंगाल में परिवर्तन तय है। यहां कमल खिलेगा और भारतीय जनता पार्टी दो सौ से अधिक सीटें जीतेगी।
मालदा में फोआरा मोड़ से रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा तक निकाले गए रोड शो में नड्डा खुली जीप में सवार थे। उनके साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री देवश्री चौधरी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष भी थे। सड़क के दोनों और लोगों की भारी भीड़ उनके स्वागत के लिए खड़ी थी।
केंद्र द्वारा विकास की जो सौगात बंगाल को देने का प्रयास किया गया उसे रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार जोर लगाती रही हैं, जो राज्य के लोगों में ममता के प्रति नाराजगी का कारण बन सकता है। जेपी नड्डा ने कहा कि बंगाल की जनता चाहती है कि पीएम मोदी द्वारा भेजा पैसा सीधे बंगाल की धरती पर पहुंचे। यहां तोलाबाजी और तुष्टिकरण की सरकार है। ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की सत्ता से विदाई तय है।
भाजपा की इस परिवर्तन यात्रा को चुनाव की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। यहां की चुनावी फिजा में अब तृणमूल कांग्रेस और भाजपा मुख्य मुकाबले में है। यात्रा के माध्यम से व्यापक जनसंपर्क अभियान को गति प्रदान की जाएगी। राज्य प्रशासन और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरफ से व्यवधान की आशंका थी। लेकिन यात्रा का शुभारंभ भाजपा के लिए उत्साहजनक रहा है। यह यात्रा करीब एक महीने तक चलेगी। इसके अंतर्गत पांच रथ यात्राएं निकाली जाएंगी।
ममता बनर्जी ने रथ यात्रा की अनुमति देने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दी है। छह फरवरी को जेपी नड्डा ने पहली रथयात्रा को हरी झंडी दिखाई। ग्यारह फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कूचबिहार में दूसरी रथ यात्रा में शामिल होंगे। समग्रतः भाजपा की ये परिवर्तन यात्रा राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में परिवर्तन का एक बड़ा कारक सिद्ध हो सकती है।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं। स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)