काउंटर फैक्ट

कम्युनिस्टों की हिंसक विचारधारा एवं भारत विरोधी सोच को उजागर करती है ‘बस्तर : द नक्सल स्टोरी’

फिल्म में एक संवाद है- “बस्तर की सड़कें डामर से नहीं, जवानों के खून से बनी हैं”। बस्तर की 55 किलोमीटर लंबी एक सड़क के लिए 41 जवानों का बलिदान हुआ है।

कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीतियों के कारण जमींदार बना वक्‍फ बोर्ड

1995 में कांग्रेस सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन करते हुए वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दीं। परिणामतः स्थिति ये है कि वक्फ कानून के अनुसार यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो वो वक्फ की संपत्ति मान ली जाएगी।

गीता प्रेस प्रकरण : एक बार फिर बेनकाब हुआ कांग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा!

गीता प्रेस गोरखपुर को 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा के साथ ही कांग्रेस का हिंदू धर्म विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया।

मुफ्तखोरी की राजनीति में एकदूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ में जुटीं कांग्रेस और आप

जो कांग्रेस पार्टी आज मुफ्त बिजली के चुनावी वायदे कर रही है उसके 70 वर्षों के शासन काल में हजारों गांवों में ऐसा थे जहां बिजली का पोल नहीं था।

मुस्लिम लीग को सेक्युलर कहने वाले राहुल गांधी को उसका इतिहास भी बताना चाहिए

मुस्लिम लीग को सेक्युलर बताकर अपना राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी को समझना चाहिए कि उनकी यह गलतबयानी देश के लिए कतई हितकारी नहीं है।

भ्रष्टाचार को नया आयाम देते अरविंद केजरीवाल

नई तरह की राजनीति वाले नारे अब केजरीवाल के लिए बेमानी हो गए हैं। भ्रष्ट व्यवस्था में परिवर्तन का नारा लगाने वाले आज उस व्यवस्था के पोषक बन चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के प्रति असभ्य भाषा कांग्रेस की कार्य-संस्कृति बन गई है

खड़गे ने मोदी के प्रति जिस अभद्र भाषा का प्रयोग किया वह किसी आवेश में नहीं निकली है। यह तो कांग्रेस की अप-संस्‍कृति ही है जिसके संवाहक खड़गे भी बने हुए हैं।

विपक्षी एकता की कवायदों में नीति, नेतृत्व और नीयत का अभाव

विपक्षी एकता के अधिकांश दलों की राजनीति का आधार क्षेत्रीय और जातिगत रहा है तथा वर्तमान में इनके जुटान का उद्देश्य भाजपा को हराना मात्र है।

केजरीवाल की बौखलाहट बताती है कि जांच एजेंसियों ने सही जगह चोट की है!

सवाल यह उठता है कि जब केजरीवाल खुद को इतना पाक साफ मानते हैं तो वे बार-बार मीडिया को सफाई क्‍यों दे रहे हैं और बौखला क्‍यों रहे हैं।

राहुल की सजा पर कांग्रेस के कथित सत्याग्रह में लेशमात्र भी ‘सत्य’ नहीं दिखता!

पिछले कुछ महीनों की अवधि में कांग्रेस ने दो बार कथित सत्याग्रह किए हैं। लेकिन उसके साध्य और साधन दोनों में सत्य के तत्व नहीं हैं।