काउंटर फैक्ट

क्या लोकसभा चुनाव के साथ ही बुआ-बबुआ का लगाव भी खत्म हो गया?

उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों कुछ ऐसा हो रहा है जिसे आप हास्यास्पद कह सकते हैं। यहाँ जितनी तेजी के साथ गठबंधन बना उससे कहीं तेजी से उसका पटाक्षेप भी होता दिख रहा है। आम चुनाव से ठीक पहले मोदी-शाह की जोड़ी को रोकने के लिए मायावती और अखिलेश ने चुनावी गठबंधन किया, जिसका आशय था दलित और यादव वोट बैंक को एकदूसरे के खाते में

कांग्रेस का काला अतीत बढ़ा रहा उसकी मुश्किलें

राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिना सबूतों, आधार के निजी हमले करते आ रहे थे, ऐसे में अब मोदी ने उन पर करारा पलटवार कर दिया है। उन्‍होंने राहुल को उनके काले अतीत का आईना दिखा दिया है। रामलीला मैदान में हुई चुनावी सभा में बोलते हुए मोदी ने जनता को बताया कि राहुल गांधी को भ्रष्‍टाचार किस प्रकार विरासत में मिला है।

घटती लोकप्रियता की हताशा में सस्ती राजनीति पर उतरे केजरीवाल

कांग्रेस से गठबंधन में नाकाम रहने, आप विधायकों के पार्टी छोड़ने, घटती लोकप्रियता जैसे कारणों से दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती दिख रही है। इसीलिए वह नुस्‍खे की राजनीति पर उतर आए हैं।

मोदी की विदेश यात्राओं पर सवाल उठाने वालों पर तमाचा है अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध

यह देश के हर नागरिक के लिए गर्व की बात है कि चार बार खारिज हो चुके प्रस्‍ताव को आखिर अब जाकर मंजूरी मिली। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों (स्थायी-अस्थायी) का समर्थन जुटाना बहुत बड़ी उपलब्धि है जो कि भारत की कूटनीतिक क्षमता को दर्शाती है।

अदालत में माफ़ी और बाहर फिर वही झूठ-प्रपंच, राहुल की ये कुटिल-नीति जनता खूब समझती है!

क्या इस बात से इनकार किया जा सकता है कि कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता झूठ का सहारा लेता है, गैर जिम्मेदाराना बयान देता है, सच्चाई को देश के सामने तोड़ मरोड़कर पेश करता है। यह तो अच्छा हुआ कि भाजपा नेता और वकील मिनाक्षी लेखी ने सच को देश के सामने लाने का काम किया और अदालत के माध्यम से सब कुछ देश के सामने आ गया।

‘चौकीदार चोर है’ का नारा उछालने के कारण अब बुरे फँसे राहुल गांधी

कोर्ट ने राहुल गांधी को लताड़ लगाते हुए सफाई मांगी और पूछा कि अदालत ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘चौकीदार चोर’ जैसे शब्‍दों का प्रयोग कब किया है? इसकी सुनवाई स्‍वयं मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने की और कहा कि कोर्ट ने ऐसी टिप्‍पणी नहीं की है। राहुल ने कोर्ट के वक्‍तव्‍य को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। कोर्ट ने राहुल को 22 अप्रैल तक जवाब पेश करने की मोहलत दी है और मीनाक्षी लेखी की याचिका पर 23 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

जो दल ‘बलात्कार’ को ‘गलती’ मानता रहा हो, वो आजम के बयान को गलत मान ही कैसे सकता है!

जो दल ‘बलात्कार’ को ‘गलती’ मानता रहा हो, उसके लिए आजम का बयान आपत्तिजनक कैसे हो सकता है? आजम का बयान हो, चाहें अखिलेश-डिम्पल का उसके बचाव में उतरना हो, ये सब समाजवादी पार्टी के उसी बुनियादी संस्कार से प्रेरित आचरण है, जिसकी झलक सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के ‘लड़कों से गलती हो जाती है’ वाले बयान में दिखाई देती है।

राजनीति में परिवारवाद की सभी सीमाएं पार करती जा रही कांग्रेस

आखिर राबर्ट पार्टी में किस पद पर हैं, उनके बच्‍चे पार्टी में कौन सी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं जो वे रिटर्निंग आफिसर के कक्ष तक नामांकन के समय चले गए। ये कृत्य क्या कांग्रेस द्वारा राजनीति में परिवारवाद की सभी मर्यादाओं को पार कर जाने का ही सूचक है।

घोषणापत्र : भाजपा के वादे हैं व्यावहारिक, कांग्रेस के वादे यथार्थ के धरातल से दूर

चुनावी घोषणापत्र महज वादों का पिटारा नहीं होना चाहिये। इसमें देश के विकास की वैसी तस्वीर पेश की जानी चाहिये, जिसे मूर्त रूप दिया जा सके। बहरहाल, चुनावी रणभूमि में देश की दोनों प्रमुख पार्टियां, भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने घोषणा पत्र को पेश कर दिया है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र का नाम दिया है, जबकि कांग्रेस ने ‘हम निभाएंगे’ लिखा है।   

कभी ‘जनेऊधारी हिन्दू’ तो कभी मुस्लिम लीग के झंडे, ये दोहरापन ही कांग्रेस का असल चरित्र है!

बहुत दिन नहीं बीते जब राहुल खुद को जनेऊधारी हिंदू बताते थक नहीं रहे थे और गोत्र का भी प्रचार करते फिर रहे थे। और जब मुस्लिम बाहुल्य सीट पर पहुंचे तो मुस्लिमों का ध्रुवीकरण करने के लिए मुस्लिम प्रतीकों को प्रदर्शित करते झंडों के जरिये ध्रुवीकरण की कोशिश करने लगे। लेकिन विडंबना देखिये कि ‘वंदे मातरम’ और ‘जय श्री राम’ कहने में