घोटालों में घिरे चिदंबरम परिवार पर बढ़ रहा क़ानून का शिकंजा
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम पर सीबीआई जांच ने शिकंजा कसा है। हजारों करोड़ के सारधा चिटफंट घोटाले में शुक्रवार को उनके खिलाफ 24 परगना की एक जिला न्यायालय में चार्जशीट दायर हो चुकी है।
राहुल का लगातार फजीहत के बावजूद राफेल-राफेल करना चुनावी मजबूरी के सिवा कुछ नहीं
पिछले दिनों संसद में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल रक्षा सौदों पर सरकार के पक्ष को बखूबी उजागर कर कांग्रेस के झूठ को बेनकाब कर दिया। कांग्रेस की तरफ से फैलाए गए झूठ को खरीदने और बेचने वालों को इसके बाद समझ नहीं आ रहा कि झूठ के किस सिरे को पकड़ा जाए और किस सिरे को छोड़ दिया जाए। लेकिन राहुल हैं कि राफेल पर फैलाये जा रहे असत्य से
‘राहुल गांधी का मंदिर दर्शन कार्यक्रम अगले चुनाव तक के लिए स्थगित हो चुका है!’
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के खत्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मंदिर दर्शन कार्यक्रम अगले चुनाव तक स्थगित हो चुका है। राहुल गांधी का मंदिर प्रेम नया नहीं है। गुजरात और कर्नाटक विधान सभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी का मंदिर प्रेम इसी तरह उमड़ा था। राहुल गांधी के मंदिर दर्शन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे उन्हीं राज्यों में मंदिर जाते हैं जहां चुनाव होने वाले होते हैं।
लोकसभा में तीन तलाक पर कांग्रेस के रुख ने उसके मुस्लिम हितैषी होने के ढोंग की पोल खोल दी है!
गत 27 दिसंबर की तारीख देश के लिए ऐतिहासिक महत्व की रही। केंद्र सरकार ने तीन तलाक विधेयक को एकबार फिर लोकसभा में पारित करवा लिया। इसके साथ ही देश में मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय का एक अभिनव अध्याय रचने की दिशा में हम आगे बढ़ गए हैं। तीन तलाक कुप्रथा अब किसी से छुपी नहीं है। इस कुप्रथा के चलते दश में हर साल अनगिनत मुस्लिम महिलाओं का जीवन बरबाद हो जाता है।
राहुल गांधी की किसान-कल्याण की सुई कर्जमाफी से आगे क्यों नहीं बढ़ रही?
कर्जमाफी के लोकलुभावन मुद्दे पर तीन राज्यों के चुनावों में जीत करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जैसे कर्जमाफी के अलावा और कुछ दिख ही नहीं रहा। गत दिनों उन्होंने कहा कि जबतक प्रधानमंत्री पूरे देश का कर्ज माफ़ नहीं करते, वे उन्हें सोने नहीं देंगे। इस बात से संकेत यही निकलता है कि लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी कर्जमाफी को मुद्दा बनाने वाले हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि कांग्रेस की किसान कल्याण की सुई कर्जमाफी से आगे क्यों नहीं बढ़ रही?
नेशनल हेराल्ड : दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले से मुश्किल में कांग्रेस
गत 21 तारीख को नेशनल हेराल्ड मामले में एसोसिएट जर्नल्स लिमटेड (एजेएल) की तरफ से दायर याचिका पर आए दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल बीते अक्टूबर में भूमि विकास कार्यालय द्वारा कांग्रेस के स्वामित्व वाली एसोसिएट जर्नल्स को लीज समाप्ति के चलते नवम्बर में हेराल्ड हाउस खाली करने का नोटिस भेजा गया था।
‘कमलनाथ के बयान पर हैरानी नहीं होती, क्योंकि कांग्रेस की राजनीति का मूल चरित्र यही है’
मध्य प्रदेश में इस सप्ताह नई सरकार की आधिकारिक शुरुआत हो गई। सप्ताह की शुरुआत में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ग्रहण की और पदभार ग्रहण किया। कार्यभार संभालते ही जिस तरह से उन्होंने जहां महज सुर्खियां बटोरने के लिए बिना किसी योजना-मंत्रणा के किसानों की कर्ज माफी का ऐलान कर दिया, वहीं दूसरी तरफ देश
सज्जन कुमार को सज़ा सुनाते हुए अदालत ने जो बात कही है, वो कांग्रेस पर गंभीर सवाल खड़े करती है!
1984 में हुए सिखों के नरसंहार मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। 1984 से न्याय की आस लगाए पीड़ित परिवारों के लिए यह संतोषजनक फ़ैसला है। कोर्ट ने 31 दिसंबर तक सज्जन कुमार को आत्मसमपर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
‘इन चुनावों में कांग्रेस की नहीं, उसकी कुटिल नीतियों की जीत हुई है’
तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को कांटे की टक्कर के साथ मिली पराजय ने कांग्रेस पोषित मीडिया और बुद्धिजीवियों को 2019 के लोक सभा चुनाव की भविष्यवाणी करने का मौका दे दिया। ये लोग यह नहीं देख रहे हैं कि इन चुनावों में कांग्रेस की नहीं बल्कि उसकी कुटिल नीतियों की जीत हुई है। कांग्रेस इस कड़वी हकीकत को जानती है कि युवा बेरोजगारों को सरकारी
मिशेल के प्रत्यर्पण ने कांग्रेस की धड़कने बढ़ा दी हैं!
शीशे के घरों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। कांग्रेस पिछले चार वर्षों से यही कर रही है। कुछ दिन तक उसने राफेल डील पर घोटाले का आरोप लगाया था। लेकिन बिना तथ्यों के लगाए गए आरोप ने कांग्रेस की फ्रांस तक जगहँसाई कराई। राहुल द्वारा लगाए गए आरोपों का फ़्रांस तक ने खण्डन किया