जनता के पैसे से 60 लाख के चाय-बिस्कुट उड़ाने वाले सिद्धारमैया को जवाब देने को तैयार कर्नाटक!
कनार्टक में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस की अपनी-अपनी तैयारियां हैं। दोनों दलों नेता जनता के बीच रैलियां, सभाएं करते हुए अपनी बात अवाम तक पहुंचा रहे हैं। मूल रूप से हिंदी भाषी राज्य न होने के बावजूद यहां हिंदी में दिए गए भाषणों को तरजीह मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनार्टक राज्य के सघन भ्रमण पर हैं। इस क्रम में वे बेल्लारी, कलबुर्गी, बेंगलुरु, उडुपी आदि स्थानों पर सभाएं कर चुके हैं।
भारत से नफरत करने वाले जिन्ना की तस्वीर टांगकर क्या साबित करना चाहता है, एएमयू ?
मोहम्मद अली जिन्ना का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के कक्ष में चित्र टंगा होना शर्मनाक ही माना जाएगा। जिस शख्स ने मुसलमानों का 16 अगस्त, 1946 को आह्वान किया कि वे सीधी कार्रवाई करें पाकिस्तान की मांग मनवाने के लिए, उसका चित्र एक प्रमुख केन्द्रीय यूनिवर्सिटी में होना अक्षम्य है। जिन्ना की बात है, तो शुरूआत उनके सीधी कार्रवाई के आह्वान से ही करते हैं।
कठुआ पर कैंडल मार्च निकालने वाले राहुल गांधी गीता मामले पर खामोश क्यों हैं ?
पिछले दिनों कठुआ मामले को लेकर देश में काफी गहमागहमी देखी गई। इस प्रकरण की पीडि़ता के पक्ष में अचानक गम और गुस्से का उबाल आ गया। देश में कुछ भी हालात चल रहे हों, लेकिन हमेशा केवल अपने नाच-गाने और खाने-पीने व हंसने में मस्त रहने वाला बॉलीवुड भी अचानक आसिफा के लिए तख्तियां लटकाए सामने आ गया। रही सही कसर तथाकथित बुद्धिजीवियों, वामपंथियों, विपक्षियों ने पूरी कर दी जो
सलमान खुर्शीद से पल्ला झाड़ने वाली कांग्रेस अपने दंगों के इतिहास से पल्ला कैसे झाड़ेगी !
सलमान खुर्शीद के बयान से किनारा करने वाली कांग्रेस पार्टी क्या यह कहेगी कि हाशिमपुरा, मलियाना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, भागलपुर, अलीगढ़ जैसे हजारों दंगे कांग्रेस पार्टी के शासन काल में नहीं हुए थे? जो कांग्रेसी 2002 के गुजरात दंगों के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहते रहे हैं, वही लोग कांग्रेस शासित राज्यों में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए किस आधार पर वहां के
जज लोया प्रकरण : कांग्रेस सहित फ़ेक न्यूज ब्रिगेड के मुंह पर तमाचा है सुप्रीम कोर्ट का फैसला !
हाल ही में सु्प्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोया की मृत्यु के मामले में अहम और महत्वपूर्ण सुनवाई की। इस निर्णायक सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने वे तमाम याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनके माध्यम से इस मामले में एसआईटी जांच की मांग उठाई जा रही थी। अब चूंकि कोर्ट का फैसला आ चुका है, ऐसे में इस प्रकरण को भुनाने वाले तत्व सिरे से खीझ उठे हैं
बलात्कार के मामलों में भी इतना दोहरा रवैया कैसे दिखा लेते हैं, मिस्टर सेकुलर?
देश में इन दिनों कठुआ नाम छाया हुआ है। जम्मू संभाग के कठुआ के एक गांव में 8 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म एवं हत्या की खबर सामने आई और उसके मामला तूल पकड़ गया। यहां गौर करने योग्य बात यह है कि बच्ची नाम असिफा है, इसलिए विरोध और आक्रोश जताने के खेल में बॉलीवुड, बुद्धिजीवी, सेकुलर आदि गिरोह पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर गए हैं। बहुत हैरत की बात है कि जिस समय कठुआ की खबर
फिर मार खाकर ही नापाक हरकतों से बाज आएगा पाकिस्तान !
नापाक पड़ोसी पाकिस्तान सीजफायर का निरंतर उल्लंघन कर रहा है। चीन और पाकिस्तान की कोशिश होगी कि भारत को उलझा कर रखा जाए। ये स्थिति गंभीर है। भारत को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा। पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने का वक्त है। भारत के आगे 1948, 1965, 1971 और कारगिल में घुटने टेक चुके पाकिस्तान को शायद फिर एकबार मार खाने की इच्छा जागृत हो रही है। उसे पिटने की भूख
गांधी के उपवास की महान परंपरा का कांग्रेसी उपहास !
महात्मा गांधी अहिंसा और डॉ. आंबेडकर संवैधानिक व्यवस्था के प्रबल हिमायती थे। दोनों महापुरुष अपने इस आग्रह से किसी प्रकार के समझौते के लिए कभी तैयार नहीं हुए। महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन से देश की आजादी की लड़ाई को बल मिला, तो स्वतंत्र भारत को डॉ. आंबेडकर ने भारतीय संविधान के रूप में एक उत्तम शासन-तंत्र प्रदान किया।
घोटालों और नाकामियों के ढेर पर बैठी केजरीवाल सरकार !
कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट में गंभीर खुलासे सामने आए हैं। इस खुलासे से बहुत सारी चीजें सार्वजनिक प्रकाश में आ गईं जो अभी तक दबे-छिपे रूप से संचालित हो रही थीं। आम आदमी पार्टी की सरकार इस रिपोर्ट के आने के बाद मुश्किल में फंसती नज़र आ रही है। यह मुश्किल भी छोटी-मोटी नहीं, बड़ी और निर्णायक है; क्योंकि, भाजपा एवं कांग्रेस दोनों दलों ने अब आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल
राशन घोटाला : क्या अगला लालू बनने की राह पर हैं केजरीवाल !
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का तो जैसे विवादों से चोली-दामन का साथ हो गया है। एक विवाद के सुर जरा थमते नहीं कि अगला विवाद कोहराम मचा देता है। अभी पार्टी और सरकार के मुखिया अरविन्द केजरीवाल द्वारा अपने हवा-हवाई आरोपों के लिए लोगों से घूम-घूमकर माफ़ी मांगने के कारण पार्टी की फजीहत हो ही रही थी कि तभी कैग की रिपोर्ट में दिल्ली में राशन घोटाले का मामले ने आप सरकार की हवाइयां