चीन भूल रहा है कि ये 1962 के भारत की सेना और सरकार नहीं है !
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर खिटपिट कोई नयी बात नहीं है, मगर इसबार चीन ने सिक्किम में जो किया है, उसे मामूली नहीं कह सकते। पहले चीन ने सीमा पर मौजूद भारतीय सेना के बंकरों को क्षति पहुंचाई, फिर अब उलटे भारत से वहाँ सेना को हटाने की मांग कर रहा है। चीन का कहना है कि भारत जबतक सीमा पर से अपनी सेना को वापस नहीं बुला लेता तबतक सीमा विवाद को लेकर आगे कोई बात नहीं
वे कौन-से नमाज़ी थे कि उनके सीने में हत्यारी मानसिकता धधक रही थी !
गत दिनों जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के नौहट्टा स्थित जामिया मस्जिद से नमाज़ अदा करके निकली उन्मादी भीड़ ने मस्जिद के बाहर सुरक्षा इंतजामों के लिए मौजूद डीएसपी अयूब पंडित की निर्ममतापूर्वक पीट-पीटकर हत्या कर दी। उनपर भीड़ के इस हमले के सम्बन्ध में कई तरह की बातें सामने आ रही है।
कश्मीर में सेना की नयी ‘रणनीति’ ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है !
पिछले साल हुए सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अहम सैन्य ऑपरेशन के बाद भारतीय सेना बहुत मुस्तैद और मारक हो गई है। यही कारण है कि सीमा पर बढ़ रहे लगातार तनाव के बावजूद सेना ने स्थिति को बखूबी संभाला हुआ है। आए दिन सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकियों की धरपकड़ की जा रही है, तो कहीं नियमित रूप से मिलिट्री इनकाउंटर में आतंकी मारे जा रहे हैं। कहना होगा कि भारतीय सेना इन दिनों
लालू यादव बताएं कि ये हजार करोड़ की संपत्ति कमाने के लिए उन्होंने कौन सी ‘मेहनत’ की है ?
लालू के परिवार के सदस्यों की संपत्ति अगर आयकर विभाग स्थाई तौर पर जब्त कर ले तो वे बिहार के ऐसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री होंगे जिन पर बेनामी संपत्ति कानून के तहत कार्रवाई होगी। पर, लालू इससे भी शर्मसार होने वाले नहीं हैं। लालू एक अजीब नेता हैं। वे अमीरों पर बरसते हुए खुद धन्नासेठ हो गए। याद नहीं आता कि लालू एंड फैमिली ने बिहार के अवाम का दुख-दर्द दूर करने के लिए भी कोई बड़ी पहल की हो।
आम आदमी पार्टी में गहराता जा रहा ‘विश्वास’ का संकट !
जिस तरह से हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी के दफ्तर में कुमार विश्वास ने अपनी सक्रियता बढ़ाई उसके बाद उनपर हमले और तेज हो गए हैं। एक तरफ तो दिल्ली के पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा हर दिन खुलासों का दावा करते घूम रहे हैं। कभी एसीबी के दफ्तर तो कभी सीबीआई के दफ्तर, ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास के खिलाफ मोर्चा खोलकर आम आदमी पार्टी एक और संकट मोल
संदीप दीक्षित ने कुछ नया नहीं किया, सेना का अपमान करना तो कांग्रेस की पुरानी परम्परा रही है !
काग्रेस सरकारों ने सेना को कभी खुली छूट नहीं दी, जिस कारण पाकिस्तानी गोलीबारी से लेकर कश्मीर के अराजक तत्वों तक से निपटने तक में सेना को अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था। अब मोदी सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी है, जिसका परिणाम है कि अब हमारे जवान न केवल आतंकियों का सफाया कर रहे बल्कि कश्मीर के अराजक तत्वों से भी कठोरता के साथ निपटने रहे हैं।
बिहार में 23 हजार लोगों पर एक डॉक्टर है और लालू के घर डॉक्टरों की पूरी टीम तैनात कर दी गयी!
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक़ बिहार में 23 हजार लोगों पर एक डॉक्टर है, जो कि साफ़ तौर पर बिहार में डॉक्टरों की कमी की कहानी कहता है। अब जिस राज्य में डॉक्टरों की ऐसी कमी हो, वहाँ खुद स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के तीन बड़े डॉक्टरों और दो नर्सों को अपने घर पर नियुक्त कर देना एक गैरजिम्मेदाराना रवैया तो है ही, साथ ही नेताजी के सिर पर सवार हो चुके सत्ता
एनडीटीवी प्रकरण : सरकार के खिलाफ खूब बोलने के बाद कहते हैं कि सरकार बोलने नहीं दे रही !
एनडीटीवी पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक को कथित तौर पर 48 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में छापा मारा। छापे एनडीटीवी के सह संस्थापक और सह अध्यक्ष प्रणव रॉय और उनकी पत्नी राधिका राय के ग्रेटर कैलाश स्थित आवास पर मारे गए।
सूर्यास्त की ओर बढ़ती वामपंथी राजनीति
हर मुद्दे पर सिद्धांतवादी राजनीति का ढिंढोरा पीटने वाली वामपंथी राजनीति की असलियत उजागर करने वाले उदाहरणों की कमी नहीं है। ताजा मामला केरल की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) नेता एमएस गीता गोपी की बेटी की शादी का है, जिसमें सोने के गहनों से लदी उनकी बेटी की तस्वीर चर्चा का विषय बनी। क्या इतनी वैभवपूर्ण शादी सिद्धांतवादी राजनीति करने वाली पार्टी का कोई नेता बिना भ्रष्टाचार किए कर लेगा?
केंद्र की पशु वध सम्बन्धी अधिसूचना से इतना तिलमिलाए क्यों हैं कांग्रेस और कम्युनिस्ट ?
केंद्र सरकार ने हाल ही में पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध को लेकर एक अधिसूचना जारी की है। इसके तहत देश भर के पशु बाजारों में अब पशुओं को कत्ल करने के लिए खरीदे जाने पर रोक लागू होगी। यह एक ऐसा अधिनियम है, जिसके चलते पशुओं के कत्लगाह बनते जा रहे नगर, कस्बों, गांवों में बूचड़खाने की पनपती संस्कृति पर विराम लग सकता है। हैरत है कि इतने सटीक और अर्थपूर्ण अधिनियम को