अज्ञानतापूर्ण और आपत्तिजनक है कृष्ण पर प्रशांत भूषण की टिप्पणी
कभी आतंकी याकूब मेमन की फांसी को रोकने के लिए रतजगा करने वाले प्रशांत भूषण ने उत्तर प्रदेश में एंटी-रोमियो स्क्वाड का विरोध करते हुए भगवान श्रीकृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। हालांकि उनकी यह टिप्पणी मुझे अधिक हैरान नहीं करती, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवनकाल में अनेक आतंकवादियों (राक्षसों) का वध किया था, इसलिए बहुत स्वाभाविक है कि याकूब मेमन जैसे आतंकवादियों के
उचित है कश्मीरी पत्थरबाजों के प्रति सेना और सरकार का कठोर रुख
कश्मीर में आतंकियों पर कारवाई या मुठभेड़ के दौरान कश्मीर के स्थानीय लोगों द्वारा सेना पर पत्थरबाजी का सिलसिला जो कुछ समय से बंद था, अब फिर शुरू होता दिख रहा है। अभी हाल ही में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के जवानों पर पत्थरबाजों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। परिणाम यह हुआ कि एक आतंकी तो मारा गया, मगर पत्थरबाजी में सेना के काफी जवान घायल हो गए। इस घटना के बाद
जनता के पैसे से अपनी छवि चमकाने के चक्कर में फँसे केजरीवाल, फिर खुली नयी राजनीति की पोल
अलग तरह की राजनीति का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में सत्तारूढ़ हुए दो वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। जनता के हित के बड़े-बड़े काम करने का वादा करके सत्ता में आने वाले केजरीवाल इस दौरान काम तो कुछ नहीं किए हैं; मगर अपने विभिन्न कारनामों के लिए खूब चर्चा में रहे हैं। कभी अपने मंत्रियों की गिरफ़्तारी तो कभी नजीब जंग से लेकर अनिल बैज़ल तक दिल्ली के उपराज्यपालों से
भारत में अल्पसंख्यक कौन ?
भारत में अल्पसंख्यक कौन ? यह सवाल अकसर उठता रहता है, लेकिन इसका माकूल जवाब अभी तक नहीं मिल सका है। सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर के एक वकील द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका में इस संबंध में भाषा और धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय के पहचान को परिभाषित करने की मांग की गयी है। चूँकि 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक़ जम्मू-कश्मीर में 68 फीसद जनसंख्या
वे कौन लोग हैं, जिन्हें एंटी रोमियो स्क्वाड से दिक्कत हो रही !
उत्तर प्रदेश में शासन सँभालने के बाद से ही योगी सरकार एक्शन में नज़र आ रही है। भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादे के मुताबिक़ राज्य में एंटी रोमिओ स्क्वाड का गठन कर दिया गया है। अब हर इलाके के थाने में गठित ये विशेष दस्ता सड़कों पर लड़कियों और महिलाओं को छेड़ने, उनपर गलत फब्तियां कसने, लड़कियों के कॉलेज के बाहर मंडराने वाले बदमाशों की सक्रियतापूर्वक धरपकड़ करने लगा है।
मुसलमानों को योगी का झूठा डर दिखाने वालों से सावधान रहने की ज़रूरत
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से जिन्हें प्रदेश में मुसलमानों के लिए संकट दिखाई दे रहा है, वे लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित तो हैं ही, भारतीय समाज के लिए भी खतरनाक हैं। उनके पूर्वाग्रह से कहीं अधिक उनका बर्ताव और उनकी विचार प्रक्रिया सामाजिक ताने-बाने के लिए ठीक नहीं है। योगी आदित्यनाथ को मुस्लिम समाज के लिए हौव्वा बनाकर यह लोग उत्तरप्रदेश का सामाजिक
हिंदू-मुस्लिम एकता की भव्य इमारत खड़ी करने का अवसर
भारत के स्वाभिमान और हिंदू आस्था से जुड़े राम मंदिर निर्माण का प्रश्न एक बार फिर बहस के लिए प्रस्तुत है। उच्चतम न्यायालय की एक अनुकरणीय टिप्पणी के बाद उम्मीद बंधी है कि हिंदू-मुस्लिम राम मंदिर निर्माण के मसले पर आपसी सहमति से कोई राह निकालने के लिए आगे आएंगे। राम मंदिर निर्माण पर देश में एक सार्थक और सकारात्मक संवाद भी प्रारंभ किया जा सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने
राष्ट्रहित के लिए घातक हैं वामपंथी और सेक्युलर, सावधान रहने की जरूरत
देश में कन्हैया कुमार से लेकर उमर खालिद जैसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों का समर्थन करने वाले वामी और तथाकथित सेक्युलर ब्रिगेड का देश की लोकतान्त्रिक संस्थाओं व शासन व्यवस्थाओं पर बेवजह के सवाल उठाना मुख्य शगल बन गया है। लोकतंत्र की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले इस ब्रिगेड का बात-बात पर देश की व्यवस्थाओं से भरोसा उठ जा रहा है। ये उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में धूल
यूपी में योगी राज का मतलब
हरेक फैसले का अपना सांकेतिक महत्व होता है। हरेक संकेत के अपने राजनीतिक निहितार्थ। हरेक राजनीतिक निहितार्थ में भविष्य की तैयारी छुपी होती है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथ में देकर भाजपा नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई दामोदरदास मोदी ने संकेत दे दिए हैं कि भाजपा जड़ों से कभी हटी ही नहीं थी। भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ करेगी, लेकिन किसी
ख़त्म हो रहा जनाधार, पतन की ओर बढ़ते वामपंथी दल
लेफ्ट पार्टियां देश की राजनीति में अप्रसांगिक होती जा रही हैं। इनकी नीतियों, कार्यक्रमों और विचारों को जनता स्वीकार नहीं कर रही है। इसलिए ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) लोक सभा से लेकर राज्य विधानसभा चुनावों में धराशायी होती जा रही हैं।