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लाल आतंक : केरल में बढ़ती वामपंथी हिंसा, निशाने पर संघ और भाजपा के कार्यकर्ता

‘ईश्वर का अपना घर’ कहा जाने वाला प्राकृतिक संपदा से सम्पन्न प्रदेश केरल लाल आतंक की चपेट में है। प्रदेश में लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। केरल वामपंथी हिंसा के लिए बदनाम है, लेकिन पिछले कुछ समय में हिंसक घटनाओं में चिंतित करने वाली वृद्धि हुई है। खासकर जब से केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की सरकार आई

परिवारवाद, भ्रष्टाचार और अहंकार के कारण पतन की ओर बढ़ती कांग्रेस

लंबी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच जो गठबंधन हुआ है, उससे तात्‍कालिक रूप से भले ही कांग्रेस खुश हो लेकिन दीर्घकालिक रूप से देखें तो यह उसके लिए घाटे का सौदा साबित होगा। इसका कारण है कि जिन-जिन राज्‍यों में कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया वहां वह पुन: मुख्‍यधारा में नहीं आ पाई। इसका दूरगामी नतीजा यह निकला कि कांग्रेस राज्‍य दर राज्‍य कमजोर होती

भाजपा के भय का परिणाम है कांग्रेस-सपा का गठबंधन

उत्तर प्रदेश के रण में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन का चुनावी रथ तैयार हो चुका है। कल तक जो सपा और कांग्रेस इस चुनावी रण में एक दूसरे का विरोध कर रही थीं, आज हाथ मिलाकर भाईचारे का संदेश दे रही हैं। कितना विचित्र है न कि आज जो राहुल गांधी अखिलेश यादव को भाई बता रहे हैं, उन्हीं राहुल गांधी ने ‘27 साल, यूपी बेहाल’ का नारा देकर सपा के खिलाफ चुनावी बिगुल फूंका था। लेकिन, अब

अगस्ता-वेस्टलैंड घोटाले में ‘परिवार’ के ख़िलाफ मिले सबूत, सवालों के घेरे में नेहरू-गांधी परिवार

कांग्रेस-नीत संप्रग-1 सरकार के दौरान हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से सम्बंधित अगस्ता-वेस्टलैंड घोटाले में पिछले दिनों तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस के त्यागी की गिरफ्तारी के बाद अब फिर एक नया मोड़ आ गया है। खबरों के अनुसार जांच एजेंसियों को मिले ताज़ा साक्ष्यों में इस घोटाले में किसी अज्ञात ‘परिवार’ की मुख्य भूमिका होने की बात सामने आ रही है। खबरों की मानें तो 12 वीवीआईपी

केरल की वामपंथी हिंसा पर ‘असहिष्णुता गिरोह’ की शर्मनाक ख़ामोशी !

केरल में बढ़ती हिंसा इस बात का सबूत है कि वामपंथ से बढ़कर हिंसक विचार दूसरा कोई और नहीं है। वामपंथी विचार घोर असहिष्णु है। असहिष्णुता इस कदर है कि वामपंथ को दूसरे विचार स्वीकार्य नहीं है, अपितु उसे अन्य विचारों का जीवंत रहना भी बर्दाश्त नहीं है। इस विचारधारा के शीर्ष विचारकों ने अपने जीवनकाल में हजारों-लाखों निर्दोष लोगों का खून बहाकर उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। जिस वामपंथी नेता

लाल आतंक : कन्नूर में वामपंथी हिंसा ने ली आरएसएस स्वयंसेवक संतोष की जान

सी.पी.एम. शासित केरल के कन्नूर जिले में दिनांक 18 जनवरी 2017 की रात को हुए ताज़ा हिंसा में एक और स्वयंसेवक संतोष (५२) की जान चली गयी है। इसी हिंसा में एक और स्वयंसेवक रंजित की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। यह ताज़ा हिंसा केरल के निवर्तमान मुख्यमंत्री पी विजयन के चुनावी क्षेत्र धर्मादम में हुई है। सी.पी.एम. के आक्रमणकारी दस्ते ने आरएसएस स्वयंसेवक एवं बीजेपी कार्यकर्ता संतोष पर

जायरा वसीम को मिल रही धमकियों पर वामपंथी बौद्धिकों की शर्मनाक ख़ामोशी

कश्मीर की सोलह साल की लड़की जायरा वसीम ने फिल्म ‘दंगल’ में अपनी भूमिका से लोगों का दिल जीत लिया था । गीता फोगट के बचपन का रोल करनेवाली जायरा ने अपने सशक्त अभिनय से ना केवल आमिर खान को प्रभावित किया था बल्कि दर्शकों पर भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी थी । हाल ही में जायरा नसीम जब फिल्म की सफलता के बाद जब अपने घर कश्मीर गईं तो सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से

केरल में सन 1968 से चल रहा एकतरफा (कम्यूनिस्ट) आक्रमण : जे. नंदकुमार

पुस्तक मेले में पिछले दिनों ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रवादी पत्रकारिता’ विषय पर ‘मीडिया स्कैन’ के आयोजन में चर्चा के दौरान केरल में कम्यूनिस्टों का जो चेहरा सामने आया, उस पर चर्चा होनी चाहिए। केरल से यह खबर आती है कि आग से झुलस कर एक नेता की मौत। नेता गैर-कम्यूनिस्ट पार्टी का होता है। यह खबर बनती है, लेकिन क्या वास्तव में खबर इतनी ही है या इसके पीछे विचारधारा का कोई संघर्ष है।

देश की राजनीति बाद में करियेगा, पहले बंगाल संभालिये ममता मैडम!

आज बंगाल तथा बंगाल की मुख्यमंत्री दोनों चर्चा के केंद्र में हैं। बंगाल, रक्तरंजित राजनीति, साम्प्रदायिक हिंसा तथा शाही इमाम द्वारा जारी फतवे के लिए चर्चा में है, तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने मोदी विरोध के हठ तथा भ्रष्ट नेताओं के बचाव के चलते लगातार सुर्ख़ियों में हैं। दरअसल, नोटबंदी का फैसला जैसे ही मोदी सरकार ने लिया तभी से ममता, मोदी सरकार पर पूरी तरह से बौखलाई हुई हैं।

बरकती के फतवे से सवालों के घेरे में ममता सरकार और वामपंथी बुद्धिजीवी

कोलकाता के एक मस्जिद के कथित शाही इमाम बरकती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ फतवा जारी किया । बरकती ने बकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस में अपमानजनक फतवा जारी किया जिसके पीछे बैनर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बड़ी-सी तस्वीर लगी थी । बरकती ने हिंदी और अंग्रेजी में अपमानजनक फतवा जारी किया । यह मानना मेरे लिए मुमकिन नहीं है कि इस मसले की जानकारी पुलिस