अखिलेश राज की नाकामियों को ढँकने की कवायद है अंतर्कलह का समाजवादी नाटक
वर्चस्व की जंग के बीच भले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के दरम्यान सीजफायर का एलान न हुआ हो और दोनों तरफ से तनातनी बनी हो पर सियासी इजारदारी पर हक जताने की इस आपाधापी में घंटे-आधे घंटे के लिए क्रांतिकारी बने अखिलेश यादव और पुराने जमींदारों की तरह बर्ताव करते देखे गए सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव दोनों के बीच समाजवादी किले पर
अंतर्कलह के ड्रामे से अखिलेश राज की विफलताओं को छुपाने की बेजा कवायद कर रहे मुलायम !
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आते जा रहे हैं, सूबे की मौजूदा सरकार की पीड़ा लगातार बढ़ती नजर आ रही है। प्रदेश में डूबती सियासी विरासत को संजोने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सूबे की सपा सरकार और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह में भी तकरार देखने को मिल रही है। दंगो, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक विफलताओं से भरी सियासी पारी को बचाने के लिए सपा कुनबा तरह-तरह के पैंतर
‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ है कांग्रेसी सेकुलरिज्म का असल चेहरा
जुमे की नमाज के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को 90 मिनट का अवकाश देकर उत्तराखंड सरकार ने सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस ने सेकुलरिज्म का लबादा भर ओढ़ रखा है, असल में उससे बड़ा सांप्रदायिक दल कोई और नहीं है। कांग्रेस के साथ-साथ उन तमाम बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों के सेकुलरिज्म की पोलपट्टी भी खुल गई है, जो भारतीय जनता पार्टी या किसी हिंदूवादी संगठन के किसी
धर्मनिरपेक्षता की आड़ में मज़हबी तुष्टिकरण करना ही है कांग्रेस का मूल चरित्र
खुद को धर्मनिरपेक्षता की जननी बताने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता और उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुस्लिम कर्मचारियों के लिये 90 मिनट का अवकाश तय किया है। ये अवकाश उन्हें नमाज़ अदा करने के लिये मिलेगा। इस विषय से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में पास भी हो गया है। दरअसल कांग्रेस का यह चुनावी पैंतरा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है। जिस प्रांत में अराजकता, भ्रष्टाचार और लचर कानून
राहुल गाँधी का ये बड़बोलापन कहीं कांग्रेस के लिए ‘भूकंप’ न ले आये !
संसद का पूरा शीतकालीन सत्र नोटबंदी पर अपने फ़िज़ूल के हंगामे की भेंट चढ़ाने वाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने सत्र बीतते-बीतते अब एक नया बवाल खड़ा कर दिया है। गत 14 तारीख को एक प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारी है, जिसे वे सार्वजनिक कर देंगे, इसलिए उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिखाया तीन तलाक़ के समर्थकों को आईना
पिछले एक साल से देश में तीन तलाक का मुद्दा गर्माया हुआ है। तमाम मुस्लिम महिला संगठनों ने इस प्रथा को खत्म करने के लिए मोर्चा खोल रखा है। पिछले दिनों मुस्लिम महिलाओं द्वारा उठाया गया ये मुद्दा जब एक मामले के सम्बन्ध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहुंचा तो न्यायालय ने दो टूक लहजे में तीन तलाक को असंवैधानिक और मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाली क्रूरता बताया। अपनी टिप्पणी में
बढ़ता इस्लामिक कट्टरपंथ कहीं बांग्लादेश को दूसरा पाकिस्तान न बना दे!
इसे समय की विडंबना ही कहेंगे कि जिस बांग्लादेश को आज से साढ़े चार दशक पहले भारत ने पाकिस्तान से स्वतंत्र कराकर उसपर खुद अधिकार जमाने की बजाय उसे अपना अस्तित्व कायम करने का अवसर दिया था, उसी बांग्लादेश में आज भारत की बहुसंख्यक आबादी अर्थात हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों और उपासना प्रतीकों को क्षति पहुंचाना धीरे-धीरे आम होता जा रहा है। हम बात कर रहे हैं बांग्लादेश में
हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन में भी अलग-थलग पड़ा पाक, अफगानिस्तान ने भी लगाई लताड़
अमृतसर में आयोजित 7वां हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन कई मायनों में अहम रहा। अफगानिस्तान के पुनर्गठन, सुरक्षा व आर्थिक विकास के साथ–साथ आतंकवाद तथा नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने जैसे गंभीर विषय चर्चा के केंद्र में रहे। सम्मेलन के एजेंडे में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख था। जाहिर है कि जिस मंच पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि मौजूद हों और बात आतंकवाद को उखाड़ फेकने की हो, वहां पाक प्रतिनिधि
भारतीय सेना पर अपनी घटिया सियासत से बाज आयें, ममता बनर्जी!
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों केंद्र की मोदी सरकार से जानें क्यों बुरी तरह से खार खायी दिख रही हैं। मोदी सरकार की नोटबंदी के बाद से ही ममता बनर्जी केंद्र सरकार के प्रति अत्यंत आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। वे केंद्र पर निशाना साधने के लिए तरह-तरह के दाँव-पेंच आजमाने में लगी हैं। पहले उन्होंने दिल्ली के स्वघोषित ईमानदार और महाविवादित मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ
फिदेल कास्त्रो के बहाने भारत के वामपंथ पर बहस
पांच दशक तक क्यूबा पर शासन करने वाले कम्युनिस्ट तानाशाह फिदेल कास्त्रो अब दुनिया में नहीं रहे। साम्यवादी नीतियों के साथ क्यूबा पर राज करने वाले फिदेल का नब्बे वर्ष की आयु में देहांत हो गया। १९५९ में क्यूबा तानाशाह बतिस्ता को सशस्त्र आन्दोलन के जरिये हटाकर फिदेल ने सत्ता पर कब्जा किया था। तबसे लेकर अभी तक क्यूबा में कास्त्रो के परिवार का ही कब्जा है। चूँकि, इस कम्युनिस्ट तानाशाह ने