नजरिया

योगी राज में सांस्कृतिक उत्थान और आर्थिक विकास को साथ लेकर चल रहा यूपी

इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन तथा राम मंदिर का युद्धस्तर पर निर्माण यही दर्शाते हैं कि योगी सरकार सांस्कृतिक उत्थान और आर्थिक विकास को साथ लेकर चल रही है।

विपक्ष की विचारशून्यता

एक राष्ट्रीय विचार के साथ विपक्षी एकजुटता की मंशा रखने से पहले राहुल गांधी को कांग्रेस का राष्ट्र को लेकर रचनात्मक विचार क्या है, अपनी यात्रा में बताना चाहिए।

नमो एप कियोस्क : राजनीति जब तकनीकी से मिलती है

भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारणी में नमो एप के 2 कियोस्क टचस्क्रीन से, फ्लिपबुक से, बुकमार्क से और क्यूआर कोड के साथ स्टिकर और किताबों के साथ सुसज्जित हैं।

अर्थव्यवस्था में ऊर्जा भरते प्रवासी भारतीय

तथ्यों पर गौर करें तो आज की तारीख में प्रवासी भारतीय जितना धन भेज रहे हैं, वह भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लगभग बराबर है।

रामचरितमानस वो सेतु है जो पीढ़ियों को जोड़ता है

रामचरितमानस दिन के हर पहर की कहानी है। हर संबंधों की कहानी है। दुःख और सुख के भेद की कहानी है। ये जड़ से चेतन को जोड़ने की कहानी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और दुनिया के हर भारतीय का गौरव बढ़ाया है!

नरेंद्र मोदी की यह वैश्विक नेता की छवि हर भारतीय, फिर चाहें वो भारत में रहने वाला हो या प्रवासी हो, सबके लिए गर्व और गौरव की ही बात है।

जयंती विशेष : अमृत काल में प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता

1887 में एक परिव्राजक संन्यासी के रूप में जब स्वामी विवेकानंद भारत भ्रमण पर निकले तो उन्होंने आने वाले पांच वर्षों  तक भारत को बहुत निकटता से देखा। उनको यह स्पष्ट आभास हुआ

वीर बाल दिवस : अब देश लिख रहा है नया और सच्चा इतिहास

वीर बाल दिवस के आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि, अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखरों तक लेकर जाना है, तो अतीत के संकुचित नजरियों से आजाद होना होगा।

काशी तमिल संगमम : विश्‍वेश्‍वर और रामेश्वर का ये मिलन सृजन और भावनात्मक संबंधों के नए द्वार खोलेगा!

काशी तमिल संगमम कोई सहज उत्पन्न हुआ विचार मात्र नहीं है। ये सम्बन्ध इतना विस्तृत और प्राचीन है कि यदि आप काशी और तमिलनाडु के संबंधों को खोजने बैठेंगे तो एक विस्तृत ग्रन्थ तैयार हो सकता है।

दत्तोपंत ठेंगड़ी : जिन्होंने हिंदू जीवन मूल्यों के आधार पर आर्थिक व्यवस्था के लिए अलग रास्ता सुझाया था

दत्तोपंत जी बचपन में ही संघ के साथ जुड़ गए थे अतः आपके व्यक्तित्व में राष्ट्रीयता की भावना स्पष्ट रूप से झलकती थी। आपके व्यक्तित्व का चित्रण करते हुए भानुप्रताप शुक्ल