महिला सशक्तिकरण को नए आयाम देती मोदी सरकार
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल ने बिना किसी शोर-शराबे के महिलाओं को केंद्र में ला कर खड़ा किया है, जिसकी शुरुआत ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान से हुई थी।
अयोध्या पहुँचकर राममय हुए राष्ट्रपति
रामचरितमानस की चौपाई ‘सिया राम मय सब जग जानी’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राम संपूर्ण मानवता के हैं। राम सबके हैं और राम सबमें हैं।
‘भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’
भारत का विभाजन और स्वतन्त्रता इतिहास के एक ही अध्याय में है। भीषण त्रासदी और विभाजन की काली रात के बाद स्वतन्त्रता का प्रकाश हुआ था।
ई-रुपी : ई-गवर्नेंस को मजबूती देने वाला कदम
ई-रुपी की सबसे ख़ास बात इसका ‘पर्सन और पर्पज बेस्ड’ होना है। यानी कि इसे जिस व्यक्ति और जिस काम के लिए जारी किया जाएगा उस व्यक्ति द्वारा उसी काम में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
यूपी : विकास के मुद्दे पर अडिग भाजपा
यूपी में सपा-बसपा की पिछली दोनों सरकारों ने जहाँ जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की वहीं वर्तमान भाजपा सरकार विकास की राजनीति कर रही है।
मॉनसून सत्र : व्यर्थ हंगामा करके संसद को बाधित करने की संकीर्ण राजनीति से बाज आए विपक्ष
मॉनसून सत्र को एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन इस दौरान शायद ही कोई दिन ऐसा बीता हो जब विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित न करनी पड़ी हो।
यूपी : उपलब्धियों के आधार पर आशीर्वाद की आकांक्षा
तथ्यों से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के विकास और चाक-चौबंद कानून व्यवस्था के लिए प्रतिबद्धतापूर्वक काम कर रही है।
जम्मू-कश्मीर : डिजिटल इंडिया की कामयाबी का नतीजा है ‘दरबार मूव’ पर रोक
दस्तावेजों के डिजिटल होने से सबसे ज्यादा परेशानी कांग्रेसी सिस्टम में पले-बढ़े उन लोगों को हो रही है जिनकी रोजी-रोटी कागजी रिकॉडों के हेर-फेर से चलती थी।
सहकारिता मंत्रालय के गठन से खुलेगी सहकारिता आंदोलन की सफलता की राह
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा एक नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। भारतीय संसद में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते समय भी सहकारिता मंत्रालय के गठन की चर्चा की गई थी।
यूपी : वर्तमान समय की आवश्यकता है जनसंख्या नियंत्रण कानून
जनसंख्या नियंत्रण का संबन्ध विकास व संसाधनों से जुड़ा है। संसाधनों की भी एक सीमा होती है। जनसंख्या व संसाधनों के बीच एक संतुलन होना चाहिए।