कोरोना महामारी पर काबू पाने में कामयाब होती दिख रही मोदी सरकार
12 जुलाई 2021 को कोरोना महामारी से ठीक होने वालों की कुल संख्या 3 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई। यह लगातार 34वां दिन रहा जब भारत में कोरोना वायरस के एक लाख से कम नए मामले सामने आए।
राष्ट्रीय एकजुटता का संदेश
मोहन भागवत ने हिन्दू-मुस्लिम एकता को लेकर जो कुछ कहा है, उसका उद्देश्य चुनावी राजनीति के संकीर्ण दायरे से कहीं बड़ा और व्यापक है। यह राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान है।
यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा की जीत के निहितार्थ
कोरोना काल के दौरान भाजपा संगठन ने अपनी जमीनी सक्रियता को कायम रखा। सभी स्तरों पर सक्रियता थी। दूसरी तरफ विपक्ष इस मामले में पिछड़ गया।
यूपी वन महोत्सव : जीवंत होंगे त्रेता युग के पर्यावरण दृश्य
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम वनगमन मार्ग को वन महोत्सव अभियान में शामिल करने का अभिनव कार्य करने जा रहे हैं। इसके अंतर्गत इस मार्ग पर त्रेता युग कालीन वाटिकाओं की स्थापना होगी।
कोरोना संकट के दौर में और निखरकर सामने आया प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व
आजाद भारत के इतिहास की इस सबसे बड़ी आपदा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए रखा, जिस सक्रियता से निर्णय लिए और जिस दूरदर्शितापूर्ण कार्यशैली का परिचय दिया उसने न केवल देश के हालातों को संभाला बल्कि आगे की राह दिखाते हुए निराश हो रही जनता में आशा का संचार भी किया।
मोदी 2.0 : चुनौतियों और उपलब्धियों से भरे दो साल
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो वर्षों का बड़ा हिस्सा कोरोना से जूझते हुए ही बीता है, लेकिन सरकार ने सूझबूझ और साहस के साथ महामारी से उपजे संकट से निपटने के लिये कई सुधारात्मक कदम उठाये हैं, जिसमें राहत पैकेज भी शामिल है।
मोदी 2.0 : चुनौतियों को अवसर में तब्दील करने वाले दो वर्ष
मोदी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए तीन महीने का सख्त लॉकडाउन लगाया एवं बाद में अनलॉक जैसे उपायों को ढील के साथ श्रृंखलाबद्ध रूप से लागू किया।
लगातार पराजय के बाद भी बदलाव को तैयार नहीं कांग्रेस
कई राज्यों में कांग्रेस की विपक्ष की हैसियत भी नहीं बची है। हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के चुनाव में दो और राज्यों में कांग्रेस का विपक्ष का ओहदा छिन गया।
अंबेडकर के विचारों को सही मायने और संदर्भों में आत्मसात करना ज़रूरी
बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर अपने अधिकांश समकालीन राजनीतिज्ञों की तुलना में राजनीति के खुरदुरे यथार्थ की ठोस एवं बेहतर समझ रखते थे।
देश की राजनीति की दिशा तय करेंगे पांच राज्यों के चुनाव
वर्तमान परिस्थितियों में इन राज्यों के चुनाव परिणाम ना सिर्फ इन राजनैतिक दलों का भविष्य तय करेंगे बल्कि काफी हद तक देश की राजनीति का भी भविष्य तय करेंगे।